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आर्थिक सर्वेक्षण

आर्थिक सर्वेक्षण

आर्थिक सर्वेक्षण

हर साल देश का पूर्ण बजट (Budget) पेश होने से ठीक एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) को सामने रखा जाता है. ये आर्थिक सर्वेक्षण बजट का मुख्य आधार होता है और इसमें इकोनॉमी की पूरी तस्वीर सामने आती है और इसे पिछले वित्तीय वर्ष की समीक्षा के आधार पर तैयार किया जाता है. इसके जरिए सरकार देश की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की ताजा हालत के बारे में बताती है. इसमें साल भर में डेवलपमेंट ट्रेंड, किस सेक्टर से कितनी कमाई हुई, किस सेक्टर में कैन सी योजनाएं किस तरह लागू हुईं.

इस साल मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में पहला बजट 23 जूलाई 2024 को पेश किया जाएगा.

1 फरवरी 2024 को देश का अंतरिम बजट पेश किया गया था. ये मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिर बजट था और इसलिए इसे अंतरिम बजट कहा गया था. जबकि पूर्ण बजट नई सरकार के गठन के बाद पेश होता है. 

आर्थिक सर्वेक्षण को दो पार्ट में पेश किया जाता है. आर्थिक सर्वेक्षण में सरकारी नीतियों, प्रमुख आर्थिक आंकड़े और क्षेत्रवार आर्थिक रूझानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है. ये दो हिस्सों में पेश होता है, जिसके पहले हिस्सों में देश की इकोनॉमी की ताजा हालत के बारे में जानकारी साझा की जाती है. वहीं दूसरे हिस्से में विभिन्न सेक्टर्स के प्रमुख आंकड़े प्रदर्शित किए जाते हैं. आर्थिक मामलों के विभाग Chief Economic Advisor के मार्गदर्शन में ये दस्तावेज तैयार किया जाता है.

आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने का सिलसिला 1950 से जारी है. वित्त वर्ष 1950-51 में पहली बार देश का इकोनॉमिक सर्वे पेश किया गया था.

 

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