April vacation with family: अप्रैल में यदि आप फैमिली के साथ घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं तो कौन सी जगहें बेस्ट रहेंगी, उनके बारे में जानेंगे.
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 6 दिसंबर, 2024 को कागज, कांच, धातु और स्वच्छता उत्पादों से निर्मित पैकेजिंग के लिए विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (EPR) नियमों का मसौदा अधिसूचित किया है. ये नियम 1 अप्रैल, 2026 से प्रभावी होंगे, जिनका उद्देश्य पैकेजिंग कचरे के डिस्पोजल में सुधार लाना है.
दिवाली बीते हुए भी दो हफ्ते होने जा रहे हैं, लेकिन दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण के चलते जीना मुश्किल हो रहा है. लगता है, जैसे दम घुट रहा हो. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से हलफनामा दाखिल करने को कहा है, क्योंकि दिवाली की अगली सुबह पिछले दो साल में सबसे ज्यादा प्रदूषण लेवल दर्ज किया गया है.
पर्यावरण संरक्षण के लिए दिल्ली में एक नई पहल की शुरुआत हुई है. यहां आम नागरिक सड़कों पर एक लाख पौधे बांटने उतरे हैं. लेकिन शर्त ये कि पौधा पहचानना होगा और उनके नाम-गुण बताने होंगे. Tishu Green Planet ने ये बीड़ा उठाया और एवरग्रीन नर्सरी ने पौधे मुफ्त दिए. देखें ये रिपोर्ट.
सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि अमीरों के फार्म हाउस का अधिग्रहण कर सड़क को चौड़ा किया जा सकता था. फार्म हाउस को नहीं छुआ गया लेकिन जंगल में 1100 पेड़ काट दिए गए.
Tree Number Per person: भारत में प्रति व्यक्ति पेड़ों की संख्या काफी कम हो गई है. जहां दुनिया में औसत प्रति व्यक्ति पेड़ों की संख्या 400 है, वहीं भारत में यह संख्या काफी कम है. इसके अलावा पाकिस्तान में हालात और भी खराब हैं.
नदी और नारी के अस्तित्व और मानसिकता को भारत में आम तौर पर एक से आदर भाव से देखा जाता है. नदियों को मां कहकर पुकारने की परंपरा है. इस संग्रह में नदी और नारी दोनों की दशा को कविता नए दृष्टिकोण से देखती है.
उत्तराखंड में पर्यावरण संरक्षण कितना गंभीर मुद्दा? देखें श्वेता सिंह की ग्राउंड रिपोर्ट.
फूड इंडस्ट्री में प्लास्टिक का कितना इस्तेमाल होता है ये सभी जानते हैं और सब ये भी जानते हैं कि प्लास्टिक पर्यावरण से लेकर इंसानों के लिए कितनी हानिकारक है. लेकिन पंजाब यूनिवर्सिटी ने अब इसका एक बायोडिग्रेडेबल विकल्प खोजा है. आजतक के साथ देखें ये खास रिपोर्ट.
आगर मालवा जिले में सिपाही बंटी धाकड़ पर्यावरण संरक्षण की मिसाल पेश कर रहे हैं. दरअसल, पौधे लगाना और उसकी देखभाल करना उनके रोज का काम है. इसके साथ ही वह लोगों को पौधे लगाने के प्रति प्रेरित भी कर रहे हैं. पिछले छह साल में अबतक उन्होंने करीब एक हजार से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं. इसके अलावा लोगों को प्रोत्साहित कर पौधे लगवा रहे हैं.
भारत में कुल मिलाकर 13,874 तेंदुए हैं. सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में हैं. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने तेंदुओं की आबादी की नई रिपोर्ट जारी की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में हाई प्रोफाइल COP28 समिट में भाग लिया. इस दौरान संबोधन देते हुए प्रधानमंत्री ने पांच साल बाद होने वाले अगले समिट (COP33) की मेजबानी का प्रस्ताव दिया. उन्होंने कहा कि भारत चाहता है कि इस समिट की अगली मेजबानी करने का मौका हमें मिले.
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है. गुरुवार को AQI का स्तर 392 था, जो शुक्रवार को बढ़कर 500 के पार हो गया. ऐसे में जानते हैं कि क्या हैं वो कारण जिससे दिल्ली में हर साल बढ़ने लगता है वायु प्रदूषण?
दिल्ली में प्रदूषण के लिए अरविंद केजरीवाल पहले पंजाब और हरियाणा की सरकारों को जिम्मेदार बताया करते थे. अब तो पंजाब में भी AAP की सरकार बन गयी, लेकिन दिल्ली में प्रदूषण का हाल नहीं बदला - हां, आम आदमी पार्टी का राजनीति पैंतरा जरूर बदल गया है.
हिमालय के ग्लेशियर पिछले दस सालों की तुलना में 65 फीसदी ज्यादा तेजी से पिघल रहे हैं. साल 2100 तक 75 से 80% ग्लेशियर पिघल जाएंगे. जानिए अगर ऐसा होता है तो दुनिया में कैसा बदलाव नजर आएगा.
5 जून को दुनियाभर में पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. जिस तरह से दुनियाभर में क्लाइमेट चेंज का असर देखा जा रहा है उसके बाद तो पर्यावरण को लेकर लोगों में जागरुकता बढ़ती जा रही है. भारत में भी बॉलीवुड से लेकर कारोबार जगत तक हर कोई इसमें अपना योगदान देने में लगा है.
भारत और उसके आसपास के 16 देशों पर बड़ी मुसीबत आने की चेतावनी क्यों दी गई?
वेस्टर्न रेलवे द्वारा मुंबई में एक बढ़िया कदम उठाया गया है. यहां के दावारा खार और नायगांव रेलवे स्टेशनों के पास मिनी पवन चक्कियां स्थापित की गई हैं. ये मिनी पवन चक्कियां 1 किलोवाट से 10 किलोवाट के बीच बिजली पैदा कर सकती हैं. आइए जानते हैं डिटेल्स.
पर्यावरण से जुड़े क्राइम से अपराधी हर साल 110 अरब से 280 अरब डॉलर के बीच मुनाफा कमा रहे हैं. यूरोपोल (Europol) के मुताबिक, ड्रग्स और नकली सामानों के बाद ये तीसरा सबसे मुनाफा देने वाला अपराध है. सबसे खतरनाक बात है कि पर्यावरण से जुड़े अपराध न तो ज्यादा गंभीर लगते हैं, और न ही उसका पता लगता है.
आपके DNA से किसी भी समय डेटा चोरी हो सकता है. आपकी पूरी डिटेल निकाली जा सकती है. क्योंकि इंसान पूरी धरती पर अपने डीएनए गिराते हुए चल रहे हैं. आपका, आपके परिवार का, रिश्तेदारों का सबकी जानकारी हासिल की जा सकती है. पूरी धरती इंसानी डीएनए की डंपिंग यार्ड बन गई है.
असम के कामरूप में सोमवार शाम को भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.7 रही है. बीते कुछ सालों में भूकंप आने का सिलसिला लगातार जारी है. देशभर के अलग-अलग हिस्सों में बेहद कम अंतराल में भूकंप महसूस किए जा रहे हैं. बीते महीने ही दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस हुए थे.