यूरोप
यूरोप (Europe) यूरेशिया का एक उपमहाद्वीप है (Europe Subcontinent of Eurasia) और यह उत्तरी गोलार्ध और पूर्वी गोलार्ध में स्थित है, साथ ही यूरेशिया के Westernmost Peninsulas के साथ भी भूमि साझा करता है. यह अफ्रीका और एशिया दोनों के साथ एफ्रो-यूरेशिया के महाद्वीपीय भूभाग को साझा करता है. इसकी सीमा उत्तर में आर्कटिक महासागर, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्य सागर और पूर्व में एशिया से लगती है. यूरोप की सीमा, आमतौर पर यूराल पर्वत, यूराल नदी, कैस्पियन सागर, ग्रेटर काकेशस, काला सागर और तुर्की के जलमार्ग से एशिया से अलग होता है (Europe Geographical Location).
यूरोप का क्षेत्रफल लगभग 10.18 मिलियन वर्ग किलोमीटर है, जो पृथ्वी की सतह का 2 प्रतिशत है और भूमि क्षेत्र का 6.8 प्रतिशत है. यह सात-महाद्वीपों में दूसरा सबसे छोटा महाद्वीप है (Europe Total Area). राजनीतिक रूप से, यूरोप को लगभग 50 संप्रभु राज्यों में विभाजित किया गया है (Europe 50 Sovereign States), जिनमें से रूस सबसे बड़ा और सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है (Russia is largest State of Europe). 2021 में यूरोप की कुल जनसंख्या लगभग 745 मिलियन है जो विश्व जनसंख्या का लगभग 10 फीसदी है (Europe Population).
यूरोप में 76.2 प्रतिशत ईसाई धर्म, 18.3 प्रतिशत कोई धर्म नहीं और 4.9 प्रतिशत इस्लाम धर्म के निवासी हैं (Europe Religions). यूरोप में लगभग 225 स्वदेशी भाषाएं हैं, जो ज्यादातर तीन इंडो-यूरोपीय भाषाओं का समूहों हैं- पहला रोमांस भाषाएं, जर्मनिक भाषाएं और स्लाव भाषाएं. यूरोप में सबसे ज्यादा र (Europe Languages).
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन भारत में हैं जहां वो भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा करेंगी. बताया जा रहा है कि इस दौरान यह भी चर्चा होगी कि भारत रूस को दोहरे इस्तेमाल की वस्तुएं दे रहा है जो उसकी युद्ध मशीनरी की मदद कर रही हैं.
यूरोप और अमेरिका के संबंधों में दिन-ब-दिन खटास बढ़ रही है. डोनाल्ड ट्रंप आक्रामक बयान दे रहे हैं, जिससे यूरोपियन यूनियन (ईयू) को चिंता सताने लगी कि कहीं ये जोड़ कमजोर होते-होते टूट तो नहीं जाएगा. माना जा रहा है कि ईयू के लिए ये रूस से भिड़ंत से भी ज्यादा विनाशकारी साबित हो सकती है क्योंकि वो काफी हद तक अमेरिका पर निर्भर हो चुका है.
74% लोग हर किसी पर करते हैं भरोसा, दुकानों पर नहीं लगता ताला... क्यों डेनमार्क सबसे ईमानदार देश?
स्विट्जरलैंड ने भारत से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया है. नए साल की शुरुआत हम उससे सबसे ज्यादा तरजीह देने वाले देश की लिस्ट में नहीं रहेंगे. इसका असर देश में मौजूद स्विस कंपनियों और स्विट्जरलैंड में काम कर रही भारतीय कंपनियों पर भी होगा. लेकिन क्या है मोस्ट फेवर्ड नेशन का मतलब, और क्यों ये स्टेटस हटाया गया?
रूस की TASS न्यूज एजेंसी ने खुलासा किया है कि रूस अगले साल बेलारूस में अपनी नई और घातक हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल ओरेश्निक तैनात करने जा रहा है. इससे पूरा यूरोप रूस के निशाने पर आ जाएगा. ये फैसला तब लिया गया जब अमेरिका और जर्मनी रूस के खिलाफ पूरे यूरोप में इंटरमीडियट रेंज की मिसाइलें तैनात कर रहे हैं.
दुनिया को परमाणु युद्ध का खौफ और खतरा पहले से कहीं ज्यादा नजदीक नजर आ रहा है. मंगलवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने न्यूक्लियर से जुड़े कायदे-कानून में बदलाव किया है. नए नियम में कहा गया है कि रूस के खिलाफ बैलिस्टिक मिसाइल का जवाब परमाणु हमले से दिया जाएगा. जिसके बाद यूरोपीय देश टेंशन में आ गए और अब अपने नागरिकों से भोजन-पानी जमा करने की अपील की है.
ट्रंप के आते ही दुनिया के रणनीतिक हालात बदलने लगे हैं. फ्रांस ने कहा कि यूरोप को अपने भाग्य की बागडोर खुद संभालनी चाहिए.फ्रांस सरकार की प्रवक्ता ने आज ये बयान उसी वक्त दे दिया जब चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप जीत के करीब पहुंच रहे थे. फ्रांस ने कहा है, “हमें खुद से ये नहीं पूछना चाहिए कि अमेरिका क्या करेगा, बल्कि ये पूछना चाहिए कि यूरोप क्या करने में सक्षम है. कई प्रमुख क्षेत्रों - रक्षा, औद्योगिक सुधार, डीकार्बोनाइजेशन - में हमें अपने भाग्य की बागडोर खुद संभालनी चाहिए.
समाचार न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के हथियार यूरोपीय देशों के जरिए यूक्रेन तक पहुंच रहे हैं. रूस इस बात को लेकर भारत से नाराज है लेकिन भारत ने इसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया है. हालांकि, भारत सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है और रिपोर्ट को भ्रामक कहा है.
मध्य यूरोप में दो दशकों की सबसे भीषण बाढ़ के बाद विनाश के दृश्य दिख रहे हैं. ऑस्ट्रिया से लेकर रोमानिया तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है. सोमवार को पोलैंड और चेक गणराज्य के कई क्षेत्रों के लोग घर छोड़कर सिर छिपाने के लिए जगह ढूंढ़ते नजर आए. देखें वीडियो.
मौसम की मार सिर्फ उत्तर और मध्य भारत तक ही नहीं सीमित है. बल्कि दुनिया के कई हिस्सों से ऐसी ही तबाही की तस्वीर सामने आ रही है. आज मौसम से जुड़े इस बुलेटिन में आपको देश का हाल तो बताएंगे ही. साथ ही साथ विदेश में बाढ़ से जूझ रहे कई शहरों और देशों की भी तस्वीर दिखाएंगे.
पिछले अक्टूबर हमास के हमले में इजरायल के 1200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. इसके बाद से इजरायल और हमास के बीच छिड़ी जंग अब तक जारी है. हमास के हेडक्वार्टर गाजा में 40 हजार से ज्यादा जानें जा चुकीं. लड़ाई सिर्फ मिडिल-ईस्ट तक सीमित नहीं, इसकी आंच यूरोप को भी झुलसा रही है.
साल 1991 में USSR के पतन के बाद यूक्रेन का जन्म हुआ. यूक्रेन की आजादी के बाद पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यूक्रेन दौरा हुआ है. भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कीव में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा को एक ऐतिहासिक घटना बताया.
यहां जो आप तस्वीर देख रहे हैं वो ब्रिटेन के साउथपोर्ट का है. पहले यहां समंदर की लहरें आती थीं. अब सूखा पड़ गया है. लोग बीच पर आए हैं, लेकिन उन्हें थोड़ी गिली मिट्टी, कुछ हरे घास के अलावा पानी नहीं मिला. यूरोप में पिछले साल भयानक गर्मी पड़ी, जिसकी वजह से 47 हजार लोगों की मौत हुई है.
पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हलचल मची हुई है. बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना अभी भी हिंडन एयरबेस के सेफ हाउस में हैं. इस बीच सूत्रों से बड़ी जानकारी सामने आई है. बताया जा रहा है कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री अगले 48 घंटे में भारत छोड़ सकती हैं. सूत्रों की मानें तो हसीना यूरोप के किसी देश में जा सकती हैं.
यूरोप घूमना हर किसी का सपना होता है. यूरोप जाने के लिए शेंगेन वीजा की जरूरत होती है जिसका मिलना काफी मुश्किल होता है. लेकिन कुछ शेंगेन देश हैं जिनका वीजा आसानी से मिल जाता है.
इसरो अब यूरोप का 'बिकिनी' सैटेलाइट लॉन्च नहीं कर पाएगा. दरअसल पिछले साल यूरोपियन स्पेस स्टार्ट अप 'द एक्सप्लोरेशन कंपनी' और इसरो के बीच डील हुई थी कि इसरो अपने पीएसएलवी रॉकेट से इस कंपनी के दुबले-पतले सैटेलाइट 'बिकिनी' को अंतरिक्ष में लॉन्च करेगा. लेकिन अब इसरो और इस कंपनी के बीच हुई डील खत्म हो चुकी है. जिसके बाद अब इस सैटेलाइट को फ्रांस के एरियन-6 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा.
ISRO अब यूरोप का 'बिकिनी' सैटेलाइट लॉन्च नहीं कर पाएगा. यूरोपियन कंपनी और इसरो में हुई डील खत्म हो चुकी है. अब इस सैटेलाइट को यूरोप एरियन-6 रॉकेट से लॉन्च करेगा. आइए जानते हैं कि क्यों ये डील रद्द हुई और ये स्पेसक्राफ्ट क्या काम करेगा?
यूरोपियन संसद के चुनावों में धुर दक्षिणपंथी दलों ने उम्मीद से कहीं शानदार प्रदर्शन किया. यहां तक कि यूरोपियन पार्लियामेंट में खुद को हारता देख फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपनी संसद ही भंग कर दी. कुल मिलाकर, ईयू का ये इलेक्शन बड़े उलटफेर लेकर आएगा. समझिए, यूरोपियन पार्लियामेंट अपने सदस्य देशों की संसद से कैसे अलग है.
लगभग 25 साल पहले ऑस्ट्रिया में ही जब दक्षिणपंथी दल जीतकर आया, तो पूरा यूरोप नाराज हो उठा था. डिप्लोमेटिक रिश्ते तक तोड़ने की धमकियां दी गई थीं. अब ऑस्ट्रिया समेत फ्रांस और जर्मनी जैसे बड़े देशों में भी राइट विंग की तरफ रुझान बढ़ा. यूरोपियन संसद के लिए 27 देशों में हुए चुनाव में दक्षिणपंथी मानी जाती पार्टियों को पहली बार भारी वोट मिलते दिख रहे हैं.
ब्रिटेन राजनेता माइकल गोव ने एक्सट्रीमिज्म की नई परिभाषा तैयार की, जिसे पूरे देश में लागू किया जाएगा. चरमपंथ की ये नई परिभाषा विचारधारा पर बात करती है. पहले भी वहां इसके लिए कुछ नियम थे, लेकिन अबकी बार इस परिभाषा पर ब्रिटिश नेता बुरी तरह घिर रहे हैं. जानिए, क्यों वहां की सरकार को पुरानी परिभाषा बदलनी पड़ी, और क्यों इसका विरोध हो रहा है.
स्विट्जरलैंड की आर्थिक मामलों की सचिव हेलेना बुडलिगर आर्टिडा ने इंडिया टुडे को बताया कि इस समझौते को लेकर हुई बातचीत एक मैराथन थी, ना कि कोई छोटी-मोटी दौड़. मुझे लगता है कि हमने पूरी शिद्दत के साथ इस समझौते को लेकर बातचीत की है. हम जानते थे कि अगर यह डील संतुलित और निष्पक्ष रहती है तो इससे दोनों पक्षों को फायदा होगा.