यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency) एक अंतर सरकारी संगठन है. इसके 22 सदस्य हैं (Member of ESA). इस एजेंसी की स्थापना 1975 में हुआ था (Foundation ESA) और इसका मुख्यालय पेरिस (Paris) में है (Headquarter ESA). 2018 तक ESA में लगभग 2,200 कर्मचारी हैं और लगभग €7.2 बिलियन का वार्षिक बजट है (Annual Budget ESA).
ईएसए के अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम में मानव अंतरिक्ष उड़ान शामिल है. इसके कार्यक्रमों में चंद्रमा और दूसरे ग्रहों के लिए मानव रहित अन्वेषण मिशनों का प्रक्षेपण और संचालन, पृथ्वी अवलोकन, विज्ञान और दूरसंचार, प्रक्षेपण वाहनों को डिजाइन करना. और एक प्रमुख स्पेसपोर्ट बनाए रखना है (Programmes ESA).
मुख्य यूरोपीय प्रक्षेपण यान एरियन 5 को एरियनस्पेस के माध्यम से संचालित किया जाता है और इसे लॉन्च करने और आगे विकसित करने की लागत में ईएसए की भी हिस्सेदारी है. एजेंसी नासा के साथ ओरियन स्पेसक्राफ्ट सर्विस मॉड्यूल के निर्माण के लिए भी काम कर रही है जो स्पेस लॉन्च सिस्टम पर उड़ान भरेगा.
ISRO ने यूरोपियन स्पेस एजेंसी के PROBA-03 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया. एक तकनीकी खराबी के बाद 4 दिसंबर 2024 की लॉन्चिंग को टाल दिया गया था. ये मिशन सूरज के कोरोना और उसकी वजह से बदलने वाले अंतरिक्ष के मौसम की स्टडी करेगा.
Proba-3 मिशन में कोई गड़बड़ी दिखने के बाद ISRO ने अब लॉन्चिंग टाल दी है. अब यह पांच दिसंबर 2024 की शाम 4 बजकर 12 मिनट पर होगी. PSLV रॉकेट सैटेलाइट को लेकर लॉन्च के लिए लॉन्च पैड एक पर खड़ा है. जानिए इस मिशन के बारे में सबकुछ.
ISRO 4 दिसंबर 2024 की शाम 4 बजकर 8 मिनट पर यूरोपियन स्पेस एजेंसी का Proba-3 मिशन लॉन्च करने जा रहा है. PSLV-XL रॉकेट इस सैटेलाइट को अपने माथे पर रखकर लॉन्चपैड एक पर तैयार खड़ा है. जानिए इस मिशन के बारे में सबकुछ. एक Video से समझिए पूरी कहानी और कहां देख सकते हैं लाइव...
ISRO 4 दिसंबर 2024 की शाम 04:08 बजे यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) की सैटेलाइट Proba-03 को लॉन्च करेगा. लॉन्चिंग PSLV-XL रॉकेट से की जाएगी. इस मिशन के दो मुख्य उद्देश्य हैं. पहला सूरज के कोरोना की स्टडी करना. दूसरा एकसाथ मल्टी-सैटेलाइट मिशन से संबंधित तकनीक की काबिलियत को दिखाना.
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर इस समय सुनीता विलियम्स को लेकर छह लोग मौजूद हैं. लेकिन 19 और 25 नवंबर को इन सबकी जान पर आफत आ गई थी. अंतरिक्ष का कचरा स्पेस स्टेशन से टकराने वाला था. तब रूस के कार्गो शिप ने स्पेस स्टेशन की पोजिशन बदली. तब जाकर ये सारे एस्ट्रोनॉट्स और स्टेशन बच पाया.
पिछले साल मई में मंगल का चक्कर लगा रहे यूरोपियन स्पेस एजेंसी के सैटेलाइट ने अंतरिक्ष में मिला एक सिग्नल धरती पर भेजा. उसके बाद इस सिग्नल को डिकोड करने के लिए कॉम्पीटिशन रखा. इसका राज खोला अमेरिकी बेटी-पिता की टीम ने. इस काम में साल भर लग गया. लेकिन अब एलियन सिग्नल डिकोड हो गया है.
मंगल ग्रह के उत्तरी ध्रुव पर वैज्ञानिकों को एक 'कुत्ता' दिखा है. सतह के नीचे मौजूद इस आकृति को देखकर वैज्ञानिक हैरान हैं. क्योंकि वो मंगल ग्रह की ग्रैविटी का नक्शा बना रहे थे. तब उन्हें नॉर्थ पोल पर 20 अजीबोगरीब आकृतियां दिखाई दीं, जिसमें से एक यह 'Martian Dog' भी है.
यूरोपियन स्पेस एजेंसी का Salsa सैटेलाइट 8 सितंबर 2024 को धरती पर गिरेगा.ये सैटेलाइट धरती से 1.30 लाख किलोमीटर दूर से आ रहा है.8 सितंबर को इसकी वायुमंडल में री एंट्री होगी. इसमें आते ही ये जलने लगेगा.
यूरोपियन स्पेस एजेंसी का Salsa सैटेलाइट 8 सितंबर 2024 को धरती पर गिरेगा. यह सैटेलाइट धरती से 1.30 लाख किलोमीटर दूर से आ रहा है. एजेंसी इसे वायुमंडल में नियंत्रित तरीके से नीचे लाएगी, ताकि यह जलकर खत्म हो जाएगा. इसके बाद बचा हुआ हिस्सा दक्षिणी प्रशांत महासागर में गिरे. जानिए क्या इससे खतरा है?
इसरो-भारतीय वायुसेना के एस्ट्रोनॉट्स ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर स्पेस स्टेशन जाने के लिए ह्यूस्टन पहुंच गए हैं. दोनों की ट्रेनिंग भी शुरू हो चुकी है. इनमें से कोई एक ही स्पेस स्टेशन जाएगा. क्या इनमें से किसी एक को स्पेस स्टेशन पर फंसी सुनीता विलियम्स से मिलने का मौका मिलेगा?
इसरो अब यूरोप का 'बिकिनी' सैटेलाइट लॉन्च नहीं कर पाएगा. दरअसल पिछले साल यूरोपियन स्पेस स्टार्ट अप 'द एक्सप्लोरेशन कंपनी' और इसरो के बीच डील हुई थी कि इसरो अपने पीएसएलवी रॉकेट से इस कंपनी के दुबले-पतले सैटेलाइट 'बिकिनी' को अंतरिक्ष में लॉन्च करेगा. लेकिन अब इसरो और इस कंपनी के बीच हुई डील खत्म हो चुकी है. जिसके बाद अब इस सैटेलाइट को फ्रांस के एरियन-6 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा.
ISRO अब यूरोप का 'बिकिनी' सैटेलाइट लॉन्च नहीं कर पाएगा. यूरोपियन कंपनी और इसरो में हुई डील खत्म हो चुकी है. अब इस सैटेलाइट को यूरोप एरियन-6 रॉकेट से लॉन्च करेगा. आइए जानते हैं कि क्यों ये डील रद्द हुई और ये स्पेसक्राफ्ट क्या काम करेगा?
यहां ऊपर दिख रही तस्वीर मंगल ग्रह के दक्षिणी ध्रुव की है. जहां पर हजारों मकड़ियां दिख रही हैं. इन मकड़ियों की तस्वीर यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) के एक्सोमार्स ट्रेस गैस ऑर्बिटर ने ली है. इस तस्वीर ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है. आइए जानते हैं इस फोटो की सच्चाई कि मंगल पर मकड़ियां कैसे पहुंच गईं? क्या ये Aliens हैं?
अंतरिक्ष में जब एक तारा मरता है तो क्या होता है? James Webb स्पेस टेलिस्कोप ने पहली बार एक तारे के मरने के बाद के न्यूट्रॉन स्टार विस्फोट को कैद किया. यह अंतरिक्ष में दिखा अब तक सबसे बड़ा विस्फोट है. आइए जानते हैं कि इस विस्फोट के पीछे कौन सा तारा था, जो अब खत्म हो चुका है.
यूरोपियन स्पेस एजेंसी का 2294 kg वजनी विशालकाय किसी भी समय धरती पर गिर सकता है. यह सैटेलाइट 1995 में छोड़ा गया था. 2011 में इसने काम करना बंद किया. तब से यह अंतरिक्ष में चक्कर लगा रहा था. पृथ्वी के नजदीक आता जा रहा था.
वैज्ञानिक एक ऐसा टेलिस्कोप लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं. जो अंतरिक्ष में उस चीज की खोज करेगा, जो दिखता ही नहीं. वह ऐसा पदार्थ है जिससे रोशनी न रिफ्लेक्ट होती है. न उसमें अबजॉर्ब होती है. न ही रोशनी उससे पैदा होती या निकलती है. इसलिए इस पदार्थ को खोजना बेहद मुश्किल है. जानिए इस टेलिस्कोप की ताकत...
ISRO अगले साल जनवरी में Bikini लॉन्च करेगा. यह यूरोपियन स्पेस स्टार्ट अप द एक्सप्लोरेशन कंपनी का री-एंट्री व्हीकल है. यानी रॉकेट एक यान को तय ऊंचाई तक ले जाकर छोड़ देगा. उसके बाद इस यान को वापस लौटना होगा धरती पर. इसके लिए कंपनी और इसरो के बीच डील हो चुकी है.
Vikram Lander जिंदा हुआ या नहीं. इसे लेकर काफी गहमागहमी है. यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) ने कोरोउ स्टेशन से चंद्रयान-3 के लैंडर पर सिग्नल भेजा. विक्रम ने क्या रेसपॉन्स किया, इसे लेकर एमेच्योर एस्ट्रोनॉमर ने सुबह से कई बार ट्वीट किया है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि विक्रम अभी सही से सिग्नल वापस नहीं भेज रहा है.
Morocco में आए भूकंप को वैज्ञानिक Blind Earthquake बोल रहे हैं. क्योंकि यह जिस वजह से हुआ है उसका अंदाजा नहीं था. असल में दो टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने से सदियों से शांत पड़ी फॉल्ट लाइन फट गई. जिससे मोरक्को में भयानक तबाही हुई. इस भूकंप ने दुनियाभर के वैज्ञानिकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है.
वैज्ञानिक एक ऐसा टेलिस्कोप लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं. जो अंतरिक्ष में उस चीज की खोज करेगा, जो दिखता ही नहीं. वह ऐसा पदार्थ है जिससे रोशनी न रिफ्लेक्ट होती है. न उसमें अबजॉर्ब होती है. न ही रोशनी उससे पैदा होती या निकलती है. इसलिए इस पदार्थ को खोजना बेहद मुश्किल है. जानिए इस टेलिस्कोप की ताकत...
मंगल ग्रह से धरती पर एलियन संदेश आया है. इन संदेशों को धरती पर तीन टेलिस्कोप ने रिसीव किया है. अब वैज्ञानिक इन संदेशों को डिकोड करने में लगे हैं, क्योंकि ये बेहद जटिल हैं. लेकिन इन संदेशों को डिकोड करना एक मजेदार अनुभव है वैज्ञानिकों के लिए... जानिए क्यों?