आजतक फैक्ट चेक न्यूज़ (Fact Check News) में किसी भी तरह का राजनीतिक या परिस्थितिजन्य भेदभाव न करते हुए किसी ख़बर को फैक्ट चेक के लिए चुनने में पूरी तरह से निष्पक्ष रहते हैं. फैक्ट चेक प्रक्रिया शुरू करने के लिए किसी दावे के चयन में पहला कदम दर्शकों से मिले अनुरोध को देखना होता है. संभावित सूचनाओं, दुष्प्रचार, संदिग्ध वायरल पोस्ट और गलत सूचनाओं, जैसे किसी सार्वजनिक हस्ती के विवादास्पद बयान आदि के लिए लगातार मेनस्ट्रीम और सोशल मीडिया पर नजर रखा जाता है. कीस भी तरह के उकसाने वाले हैशटैग या वायरल वीडियो, मीम्स, फेसबुक पेज और वॉट्सऐप जैसे मैसेजिंग ऐप के द्वारा पहुंच सकते हैं.
एक बार जब फैक्ट चेक के लिए सामग्री तय हो जाती है, तो रिसर्च और जांच के लिए मौके पर जाकर क्रॉस वेरिफिकेशन किया जाता है. फिर ख़बर तैयार करना और उसकी समीक्षा के लिए हम सत्यापित तथ्यों को देखते हैं और प्रासंगिक दृष्टिकोण के साथ ही सरल, सटीक और पारदर्शी तरीके से पेश करते हैं. फैक्ट चेक की ख़बर के प्रकाशन के बाद पाठकों और दर्शकों द्वारा स्टोरी पर या सोशल मीडिया के द्वारा की गई टिप्पणियों के रूप में मिले फीडबैक पर गहरी नजर रखी जाती है.
वायरल हो रहे इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक अस्पताल में बेड पर लेटी लड़की अचानक से चीखने-चिल्लाने लगती है, बाल झटकने लगती है. ऐसे में उसे काबू कर पाना बेहद मुश्किल हो जाता है. इसके बाद वो बेड से कूदकर नीचे उतर जाती है और दीवार पर चढ़ते हुए छत पर उल्टा लटक जाती है. इस बीच लड़की के आसपास मौजूद लोग कुछ मंत्र भी पढ़ते दिखते हैं.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में बड़ी संख्या में लोग एकसाथ आसमान में कागज के लालटेन उड़ाते नजर आ रहे हैं. इस वीडियो को क्रिसमस के मौके का बताते हुए लोग तंज के तौर पर कह रहे हैं कि प्रदूषण के लिए सिर्फ दिवाली के पटाखों को ही क्यों जिम्मेदार ठहराया जाता है. आजतक के फैक्ट चेक में जानें इस वायरल वीडियो का सच?
उन्नाव रेप केस में कुलदीप सिंह सेंगर की सजा निलंबित किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई, जिसमें उनके जेल से बाहर आने के बाद फूल-माला से स्वागत किए जाने का दावा किया गया. आजतक फैक्ट चेक में सामने आया कि सेंगर अब भी जेल में हैं और वायरल तस्वीर एआई की मदद से बनाई गई है.
आजतक फैक्ट ने पाया कि ये वीडियो अधूरा है. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित इस कार्यक्रम में दोनों नेता ज्यादातर समय एकसाथ मंच पर बैठे थे.
एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कथित तौर पर एक हिंदू युवक बांग्लादेश में आगजनी और सांप्रदायिक तनाव के बीच अपनी जान बचाने के लिए गुहार लगाता दिखता है.
वायरल पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कई लोग लड़की को ही दोषी ठहरा रहे हैं. कुछ लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि इस लड़की के साथ बहुत अच्छा हुआ. यह वीडियो भारत की नहीं है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें झंडे लेकर नारेबाजी करती भारी भीड़ नजर आ रही है. इसे अरावली विवाद से जोड़कर उत्तर भारत में हो रहे विरोध प्रदर्शनों का बताया जा रहा है, लेकिन आजतक फैक्ट चेक की जांच में इस दावे की सच्चाई कुछ और ही निकली.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो धड़ल्ले से वायरल हो रहा है जिसमें कुछ बांग्लादेशी पुलिसवाले एक शख्स को कॉलर से पकड़कर घसीटते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस वीडियो को शेयर करते हुए कुछ लोगों का कहना है कि ये दीपू दास के आखिरी पलों का वीडियो है. इसके बाद पुलिस ने उन्हें कट्टरपंथियों के हवाले कर दिया था.
अरावली पहाड़ियों से जोड़कर वायरल किया गया पुलिस-प्रदर्शनकारियों का वीडियो भ्रामक निकला. फैक्च चेक में सामने आया कि यह वीडियो छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में अमेरा कोयला खदान विस्तार के विरोध में ग्रामीणों और पुलिस के बीच हुए टकराव से संबंधित है.
सोशल मीडिया पर इस समय अरावली का मुद्दा छाया हुआ है. 650 किलोमीटर में फैली अरावली की वही हरी-भरी पहाड़ियां जो दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात के कई हिस्सों को थार रेगिस्तान की तपन से बचाती हैं.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो साल 2023 का है जब नीतीश कुमार ने बिहार सरकार के तत्कालीन मंत्री अशोक चौधरी के पिता महावीर चौधरी की जयंती के मौके पर अशोक चौधरी पर ही फूल बरसा दिए थे. नीतीश के अपने ही बेटे निशांत कुमार पर फूल बरसा देने की बात पूरी तरह गलत है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि मोहन भागवत के नाम से वायरल ये पोस्टकार्ड पूरी तरह फर्जी है.
महिला चिल्ला रही है लेकिन आदमी हंसते हुए उसकी उंगली काट देता है. इसी बेड पर एक दूसरा आदमी भी लेटे देखा जा सकता है जिसके हाथ बंधे हैं और वो ये सब देखकर डर से चिल्ला रहा है. आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो किसी असली घटना का नहीं बल्कि फिल्म शूटिंग का है.
वीडियो में बुजुर्ग के आसपास काफी कोलाहल-सा है. लोग कह रहे हैं- 'हाथ लगाकर देखो, वीडियो बनाओ आंख झपकन लागे है, इसने खोलो भाई'. वीडियो पर लिखा है, 'भाई अपने मां बाप की सेवा नहीं कर सकते हो तो उन्हें जिंदा तो मत जलाओ'. आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं बल्कि साल 2021 में दिल्ली में हुई एक घटना का है.
वीडियो में लोग तेंदुए के बाहर आने के बाद इधर-उधर भागते नजर आ रहे हैं. इसमें एक व्यक्ति, एक महिला को तेंदुए से बचाने की कोशिश करता भी दिखाई देता है. इसके अलावा डर से चीखते-चिल्लाते लोगों की आवाज भी सुनाई दे रही है. आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये किसी असल घटना का वीडियो नहीं है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हिजाब विवाद से जोड़कर बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि संजय दत्त ने इस मुद्दे पर नीतीश कुमार की आलोचना की है. आजतक की फैक्ट चेक टीम ने इस वीडियो की पड़ताल की है.
सोशल मीडिया पर मैनचेस्टर में कथित तौर पर बॉन्डी बीच आतंकी हमले का जश्न मनाने का दावा करते हुए एक वीडियो वायरल हो रहा है. आजतक फैक्ट चेक में पाया गया कि यह वीडियो हालिया नहीं है और कम से कम जून 2025 से इंटरनेट पर मौजूद है.
सोशल मीडिया पर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी के नाम से एक पोस्टकार्ड वायरल है. इस पोस्टकार्ड में छपे बयान को मनोज तिवारी का असली बयान बताया जा रहा है. आजतक के फैक्ट चेक में जानें वायरल पोस्टकार्ड की सच्चाई...
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में झूले से टकराने के बाद लड़की का सुरक्षित रहना दिखाया गया. लोग इसे असली हादसा मानकर शेयर कर रहे थे. आजतक फैक्ट चेक में पता चला कि यह वीडियो AI से बनाया गया है. टिकटॉक अकाउंट पर इसे स्पष्ट रूप से एआई जनरेटेड बताया गया है.
सोशल मीडिया पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य के नाम से वायरल एक आपत्तिजनक पोस्टकार्ड पूरी तरह फर्जी निकला है. फैक्ट चेक में सामने आया कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया. यह नवभारत टाइम्स के असली पोस्टकार्ड से छेड़छाड़ कर बनाया गया है, जिसकी पुष्टि NBT और रामभद्राचार्य की टीम ने भी की है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये पोस्ट फर्जी है. पुतिन ने अपने संदेश में ऐसी कोई बात नहीं की है. उन्होंने सिर्फ महात्मा गांधी के सिद्धांतों की तारीफ की है.