फरीद ज़कारिया (Fareed Zakaria) एक भारतीय-अमेरिकी पत्रकार, राजनीतिक विशेषज्ञ हैं. वह सीएनएन के फरीद जकारिया जीपीएस के मेजबान हैं और द वाशिंगटन पोस्ट के लिए साप्ताहिक कॉलम लिखते हैं. वह न्यूजवीक इंटरनेशनल के संपादक और टाइम के बड़े संपादक रहे हैं.
ज़कारिया का जन्म मुंबई में हुआ था. वह एक कोंकणी मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता, रफीक ज़कारिया (1920-2005), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़े एक राजनीतिज्ञ थे. उनकी मां, फातिमा ज़कारिया (1936-2021), संडे टाइम्स ऑफ इंडिया की संपादक थीं.
फरीद ज़कारिया ने मुंबई के कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल में पढ़ाई की. उन्होंने 1986 में येल विश्वविद्यालय से कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की, जहां वे येल पॉलिटिकल यूनियन के अध्यक्ष, येल पॉलिटिकल मंथली के प्रधान संपादक, स्क्रॉल एंड की सोसाइटी के सदस्य और पार्टी के सदस्य थे. उन्होंने 1993 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय से गवर्मेंट में पीएचडी की,जहां उन्होंने सैमुअल पी. हंटिंगटन और स्टेनली हॉफमैन के साथ-साथ रॉबर्ट केओहेन के अधीन अध्ययन किया.
1997 में, ज़कारिया ने एक आभूषण डिजाइनर पाउला थ्रोकमॉर्टन से शादी की. दंपति के तीन बच्चे हैं. जुलाई 2018 में, उनकी पत्नी ने तलाक के लिए अर्जी दी थी.
जाने-माने पत्रकार और जियो पॉलिटिक्स एक्सपर्ट फरीद जकारिया ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप चूंकि कारोबारी मिजाज के शख्स हैं तो वह हमेशा यह देखते हैं कि उन्हें कहां से लाभ हो रहा है ताकि वह अपने हिसाब से दबाव बना सकें. ट्रंप सामने वाले को हार या जीत का ऑप्शन नहीं देते. वह हमेशा जीतते हैं और सामने वाला हारता है.
जियो-पॉलिटिकल विशेषज्ञ फरीद जकारिया ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बड़ी बात कही है. उनका कहना है कि नरेंद्र मोदी के पास एक बहुत शक्तिशाली विरासत छोड़ने और भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद देश के सबसे ताकतवर प्रधानमंत्री बनने का मौका है.
इजरायल और फिलिस्तीन समर्थित हमास के बीच 24 दिन से युद्ध चल रहा है. इजरायल ने अब हमास को खत्म करने के लिए गाजा में ग्राउंड ऑपरेशन शुरू कर दिया है. इस युद्ध को लेकर जिओ पॉलिटिकल एक्सपर्ट फरीद जकारिया ने कहा कि गाजा पट्टी में ग्राउंड अटैक से इजरायल हमास को बड़ा नुकसान पहुंचाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल गाजा में सशस्त्र विरोध के विचार को नहीं बदल पाएगा.
अमेरिकी पत्रकार और जियोपॉलिटिकल एक्सपर्ट फरीद रफीक जकारिया मानते हैं कि भारत के पास अत्याधुनिक हथियार होने के साथ ही उसे मिलिट्री टेक्नोलॉजी में सबसे आगे होने की सख्त जरूरत है. उन्होंने कहा, 'जब आप अमेरिकी उपकरणों को रूसी उपकरणों के बराबर रखते हैं तो यह दूसरे नंबर पर भी नहीं आते, बल्कि इनका स्तर चौथे स्थान का है'.