जंगल
जंगल, वृक्षों के घने आबादी वाले भूमि का एक क्षेत्र होता है (Forest). संयुक्त राष्ट्र का खाद्य और कृषि संगठन (Food and Agriculture Organization) के अनुसार 0.5 हेक्टेयर से अधिक की भूमि जिसमें 5 मीटर से अधिक पेड़ और 10 प्रतिशत से अधिक के क्षेत्र को कवर करता हैं. इसमें कृषि या शहरी उपयोग के तहत भूमि शामिल नहीं होता है (Definition of a Forest by FAO).
इस परिभाषा का उपयोग करते हुए, वैश्विक वन संसाधन आकलन 2020 (FRA 2020) ने पाया कि वन 4.06 बिलियन हेक्टेयर में फैले हुए हैं. यह 2020 में दुनिया के भूमि क्षेत्र का लगभग 31 प्रतिशत है (Forest on Earth).
वन पृथ्वी का प्रमुख इकोसिस्टम है (Forest roles in Ecosystem). विश्व के आधे से अधिक वन केवल पांच देशों - ब्राजील, कनाडा, चीन, रूसी संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका में पाए जाते हैं. वनों का सबसे बड़ा हिस्सा लगभग 45 प्रतिशत, उष्णकटिबंधीय अक्षांशों (Tropical Latitudes,) में है, इसके बाद बोरियल, समशीतोष्ण और उपोष्णकटिबंधीय डोमेन में हैं.
पृथ्वी के जीवमंडल के सकल प्राथमिक उत्पादन (Gross Primary Production) में वनों का योगदान 75% है.
मानव समाज और जंगल एक दूसरे को सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरीकों से प्रभावित करते हैं. जंगल मनुष्यों को पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं प्रदान करते हैं और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. वन लोगों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं. वन संसाधनों के निरंतर इस्तेमाल और इंसान द्वारा पेड़ों की कटाई से वन पारिस्थितिकी तंत्र यानी इकोसिस्टम को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रही है (Negative Impact on Forest).
लॉस एंजिल्स में धधक रही ये आग कास्टेइक झील के पास के इलाके में लगी है. यह क्षेत्र उत्तर पश्चिमी लॉस एंजिल्स में स्थित है. आग ने 8 हजार एकड़ यानी 3,200 हेक्टेयर क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया है. झील के आसपास रहने वाले लोगों के लिए अलर्ट जारी किया गया है. लॉस एंजलिस में लगी भीषण आग से हजारों घर तबाह हो चुके हैं. इतना हीं नही 2 लाख लोगों को घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा और 27 लोगों की जान चली गई.
एक बुजुर्ग महिला पर बाघ ने हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. ये घटना मध्य प्रदेश के पन्ना की है. घटना के बाद अधिकारियों ने एक अलर्ट जारी करते हुए लोगों को जंगल के पास जाने से मना कर दिया है.
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की रिसर्च में सामने आया है कि उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में जानवरों की निगरानी के लिए लगाए गए कैमरे और वॉइस रिकॉर्डर का इस्तेमाल अब स्थानीय महिलाओं को बिना उनकी इजाजत के रिकॉर्ड करने के लिए किया जा रहा है. इससे महिलाओं के व्यवहार में बदलाव देखने को मिला है और उन पर जानवरों के हमले भी बढ़े हैं.
Sherkhan के इस एपिसोड में आने वाला है खूब मजा क्योंकि जमशेद कमर ने इस बार खां चा से खोद खोद कर निकलवाए है वो किस्से जिन्हें सुनते ही आएगा स्वाद. एपिसोड में शेरखां के गुस्से के साथ आपको सुनने को मिलेगी वो कहानी जब बाघ, भालू, तेंदुए वाले जंगल को खां चा ने बाइक से ही पार कर दिया...
आजतक रेडियो पर 'शेरखान' नाम का एक नया पॉडकास्ट शुरू हो रहा है. यह हर शुक्रवार शाम 6 बजे आजतक रेडियो के यूट्यूब चैनल, वेबसाइट, एप्पल पॉडकास्ट, स्पॉटीफाई जैसे विभिन्न पॉडकास्ट चैनल पर उपलब्ध होगा. 'शेरखान' में आपको सुनने को मिलेंगी जंगल और जंगली जानवरों से जुड़ीं अनसुनी कहानियां और किस्से.
गर्मी बढ़ने से ग्लेशियर पिघल रहे हैं. जंगलों में आग लग रही है. ज्यादा बारिश हो रही है. तूफान आ रहे हैं. सवाल ये है कि क्या इससे भूकंप भी ज्यादा आएंगे? वैज्ञानिकों ने स्टडी करके जो खुलासा किया है, वो डराने वाला है. जितनी ज्यादा गर्मी बढ़ेगी. उतने ही ज्यादा भूकंपों की संख्या बढ़ेगी. पढ़िए सांस अटकाने वाली रिपोर्ट...
अगर आप बिल्लियों का रोना सुन लें तो आपकी रूह कांप जाएगी. बिल्लियों का रोना अपशगुन माना जाता है लेकिन क्या आपको पता है कि बिल्लियों के रोने के पीछे की सच्चाई क्या है? आइए जानते हैं.
डायना एक ऐसा नाम है, जिसने कुसुम्ही जंगल में अपना आतंक फैला रखा था. डायना नाम का ये कुख्यात अपराधी किसी डायन से कम नहीं है. उसने अब तक हजारों की संख्या में लूटपाट की घटनाओं को अंजाम दिया है. और बड़ी संख्या में महिलाओं को अपनी हवस का शिकार भी बनाया है. तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर ये शातिर बदमाश डायना है कौन? और कैसे वो जंगल में आतंक फैला रहा था?
Tree Number Per person: भारत में प्रति व्यक्ति पेड़ों की संख्या काफी कम हो गई है. जहां दुनिया में औसत प्रति व्यक्ति पेड़ों की संख्या 400 है, वहीं भारत में यह संख्या काफी कम है. इसके अलावा पाकिस्तान में हालात और भी खराब हैं.
Hezbollah आंतकियों ने इजरायल के उत्तरी इलाके में इतने रॉकेट और ड्रोन हमले किए कि उससे जंगल में भयानक आग लग गई है. इजरायल के सैनिक और फायर फाइटर्स इस विशालकाय आग को बुझाने का प्रयास कर रहे हैं. कुछ घर जले हैं लेकिन अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं आई है.
उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश के बाद अब जम्मू और कश्मीर के जंगल भी जल रहे हैं. इस साल 1 मई से 27 मई तक देश में 80 हजार से ज्यादा जगहों पर जंगल की आग लगी. फिलहाल तो हिमालय जल रहा है. तीनों पहाड़ी राज्यों में जंगल की आग ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है.
Uttarakhand Wild Fire: लालच और गलतियां. यही वजह है उत्तराखंड के पहाड़ों की आग की. इंसानी भूल और मौसमी बदलाव बढ़ा रही है जंगल में आग की घटनाएं. 'खतरनाक सुदंरता' वाले जंगलों में किसने लगाई आग? क्या है Fire Season? जानिए दावानल की असली वजह...
नैनीताल के जंगल में भीषण आग लगी है. इस पर काबू करने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. इसके बाद भी आग पर बढ़ती जा रही है. उत्तराखण्ड के जंगलों में शुष्क मौसम, मानवीय गतिविधियों, बिजली गिरने और जलवायु परिवर्तन के कारण बार-बार आग लगने की समस्या देखी जाती है. सरकार और प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद इस समस्या का अब तक कोई ठोस निदान नहीं मिला है.
बीजेपी का दावा है कि ये नया भारत है, 10 साल पहले वाला तो कतई नहीं. लेकिन अब भी कांग्रेस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आरोप बदला नहीं है. मुस्लिम तुष्टिकरण वैसे ही दोहरा रहे हैं जैसे 'जंगलराज' - आखिर अयोध्या में राममंदिर बन जाने के बाद भी बीजेपी को इस तरह हिंदू-मुस्लिम करने की जरूरत क्यों पड़ ही है?
Texas में ऐसी भयानक आग लगी है कि सैकड़ों मवेशी मारे गए हैं. दर्जनों घर जल गए हैं. बिजली के खंभे जल गए हैं. आग तारों को पकड़ कर हवा में झूल रही है. ऐसे नजारे कभी देखे भी नहीं गए होंगे.
दिल्ली पुलिस ने इस केस के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 8 साल का मासूम बच्चा अचानक 26 फरवरी अपने घर से लापता हो गया था. तभी से उसके घर वाले उसे तलाश कर रहे थे. पीड़ित परिवार ने पुलिस को इस बारे में शिकायत दर्ज कराई थी.
चारों तरफ जंगल की आग. सबकुछ जलकर खाक हो गया. पूरा इलाका राख में बदल गया. लेकिन 70 घर जलने से बचा लिए गए. वह भी सिर्फ कम्यूनिटी सर्विस से. जहां आग लगी वहां के लोगों ने यह कमाल का काम किया. जानिए कैसे?
सुकमा से मिली जानकारी के मुताबिक, सुकमा के भेजी पुलिस थाना क्षेत्र के तहत नागाराम और पेंटाभेजी गांवों के बीच एक जंगल में नक्सल विरोधी अभियान के तहत जंगल में तलाशी अभियान जारी थी. तभी जंगल में नक्सलियों की मौजूदगी के बारे में सुरक्षाबलों को पता चला था.
Chile में लगी जंगल की आग ने 112 लोगों को मार डाला है. हजारों घर जलाकर खाक कर दिए हैं. सैकड़ों लोग लापता बताए जा रहे हैं. सबसे ज्यादा प्रभावित तटीय-पहाड़ी शहर विना डेल मार और वलपराइसो है. मृतकों की संख्या में बढ़ोतरी होने की आशंका है. 2010 में आए भूकंप के बाद यह चिली में बड़ी आपदा है.
जंगलों में लगी आग से चिली के हालात खराब हो रहे हैं. देशभर 150 से ज्यादा स्थानों पर आग लगी है. तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया है. आग की घटनाओं में कम से कम 46 लोगों के मारे जाने की पुष्टि वहां के राष्ट्रपति ने की है. रेस्क्यू टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं.
पर्यावरण के लिए काम करने वालों को अब मिलेगा Green Nobel अवॉर्ड. अल्फ्रेड नोबेल के परनाती मार्कस नोबल ने ऐलान किया है कि अमेजन के जंगलों को बचाने के लिए काम करने वालों को वो ग्रीन नोबल का अवॉर्ड देंगे. इस अवॉर्ड का नोबल फाउंडेशन द्वारा दिए जाने वाले नोबल प्राइज से कोई लेना-देना नहीं है.