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गीतांजलि श्री

गीतांजलि श्री

गीतांजलि श्री

Novelist

गीतांजलि श्री

गीतांजलि श्री (Geetanjali Shree, Novelist) एक हिंदी उपन्यासकार और लघु-कथा लेखिका हैं. उन्होंने कई लघु कथाएं और लगभग पांच उपन्यास लिखीं हैं. 

उनके वर्ष 2000 में लिखी उपन्यास 'माई' को 2001 में क्रॉसवर्ड बुक अवार्ड के लिए चुना गया था. इस उपन्यास को नीता कुमार ने अंग्रेजी में अनुवाद किया, जिसे 2017 में नियोगी बुक्स ने से प्रकाशित किया था. उन्होंने प्रेमचंद पर एक आलोचनात्मक रचना भी लिखी है (Geetanjali Shree Novels). 

2018 में गीतांजलि ने एक उपन्यास ‘रेत की समाधि’ लिखी, जिसको डेजी रॉकवेल ने टॉम्ब ऑफ सैंड (Tomb of Sand) के नाम अंग्रेजी में अनुवाद कर प्रकाशित किया. इस नेवोल के लिए उनको 26 अप्रैल 2022 में अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानितल किया गया (Geetanjali Shree International Booker Prize). यह सम्मान प्राप्त करने वाली पहली भारतीय पुस्तक बन गई (first Indian book to get Booker Prize ).

 

गीतांजलि का जन्म 1957 हुआ था (Geetanjali Shree Age). उनका पालन-पोषण उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में हुआ, क्योंकि उनके पिता एक सिविल सेवक थे. अब वह नई दिल्ली में रहती हैं (Geetanjali Shree, New Delhi). 

उनकी पहली कहानी "बेल पत्र"  साहित्यिक पत्रिका हंस में प्रकाशित हुई थी (Geetanjali Shree First Book) और उसके बाद लघु कथाओं का संग्रह अनुगूंज (1991) था (Geetanjali Shree Short Story Collection).

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