जनरल बिपिन रावत
जनरल बिपिन लक्ष्मण सिंह रावत (General Bipin Laxman Singh Rawat) भारतीय सेना के फोर स्टार जनरल (Four-Star General of The Indian Army) थे. उन्होंने देश के पहले रक्षा प्रमुख या चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (Chief of Defence Staff, CDS) के रूप में 1 जनवरी 2020 से 8 दिसंबर 2021 को एक हैलीकॉप्टर दुर्घटना (Helicopter Crash) में मृत्यु होने तक देश की सेवा की.
इनका जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल (Pauri Garhwal District) जिले में राजपूत परिवार मे हुआ. इनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल (Lieutenant General) लक्ष्मण सिंह रावत सेना से सेवानिवृत्त थे. रावत की स्कूली शिक्षा देहरादून में कैंबरीन हॉल (Cambrian Hall, Dehradun) और शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल (St. Edward's School, Shimla) से हुई. इसके बाद, उन्होंने भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून (Indian Military Academy, Dehradun) को ज्वॉइन किया, जहां वे मेरिट लिस्ट में पहले नंबर पर आए. उन्होंने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन (Defence Services Staff College (DSSC), Wellington) से स्नातक और युनाइटेड स्टेट्स आर्मी कमांड एंड जनरल स्टाफ कॉलेज, फोर्ट लीवनवर्थ (United States Army Command and General Staff College) से हायर कमांड कोर्स किया था.
रावत ने ग्यारहवीं गोरखा राइफल (11 Gorkha Rifles) की पांचवी बटालियन से 1978 में अपने करियर की शुरुआत की थी. मेजर जनरल (Major General) के पद पर पदोन्नति के बाद, रावत ने 19वीं इन्फैंट्री डिवीजन (Uri) (19th Infantry Division) के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (General Officer Commanding) के रूप में पदभार संभाला. सेना कमांडर ग्रेड में पदोन्नत होने के बाद, रावत ने 1 जनवरी 2016 को जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) दक्षिणी कमान (General Officer Commanding-in-Chief) का पद ग्रहण किया. एक छोटे कार्यकाल के बाद, 1 सितंबर 2016 को उन्होंने थल सेना के उप प्रमुख (Vice Chief of Army Staff) का पद ग्रहण किया. 31 दिसंबर 2016 को उन्होंने 27वें थल सेनाध्यक्ष (Chief of the Army Staff) का पद संभाला.
1985 में रावत ने मधुलिका राजे सिंह (Madhulika Raje Singh) से शादी की. वह कुंवर मृगेंद्र सिंह की बेटी थीं और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी. रावत दंपति की दो बेटियाँ हैं, कृतिका और तारिणी. (Gen Bipin Rawat Daughters)
8 दिसंबर 2021 को, रावत, उनकी पत्नी और उनके स्टाफ के सदस्यों की सुलूर एयरफोर्स बेस से डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (DSSC), वेलिंगटन के रास्ते में भारतीय वायु सेना मिल Mi-17 हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई. जनरल बिपिन रावत 63 वर्ष के थे.
जनरल रावत का विकिपिडिया पेज का लिंक en.wikipedia.org/wiki/Bipin_Rawat
जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर हादसे की वजह Human error, जांच पर आई संसदीय समिति की रिपोर्ट.
जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और कई अन्य सशस्त्र बल कर्मियों की मृत्यु उस समय हो गई थी, जब उनका सैन्य हेलिकॉप्टर तमिलनाडु में कुन्नूर के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.
सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव वाइस एडमिरल अतुल आनंद कहते हैं, "मुझे जनरल रावत के नजरिए, रवैये और नेतृत्व को देखने का सौभाग्य मिला. उनके साथ बातचीत करने का मौका तब मिला, जब मुझे नौसेना मुख्यालय में विदेशी सहयोग और खुफिया के लिए नौसेना स्टाफ के आकलन प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया."
एक हेलिकॉप्टर हादसे में, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत हो गई. इस हादसे में विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर, मालेक रहमती और धार्मिक नेता, मोहम्मद अली आले-हाशेम की भी मौत हो गई है. ऐसा पहली बार नहीं है जब एयर क्रैश में किसी वीवीआईपी हस्ती की मौत हुई हो. कई बार ऐसे मौके आए जब दुनिया ने हेलिकॉप्टर और प्लेन दुर्घटना में मारे गये नामों को सुना और चकित रह गई. आइए जानते हैं ऐसे ही 10 हादसों के बारे में.
ईरान के राष्ट्रपति रईसी के हेलिकॉप्टर हादसे ने दुनिया को स्तब्ध कर दिया है. ईरान तो गहरे शोक में डूबा है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि हवाई हादसे में एक चमकता सितारा अस्त हो गया हो. भारत के पहले सीडीएस बिपिन रावत रहे या फिर क्रिकेट स्टार हैंसी कोनिए, या फिर चिली के पूर्व राष्ट्रपति पिनेरा, ऐसे कई मौके आए जब मनहूस दुर्घटनाओं ने असमय ही लोगों की जान ले ली.
रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड वीरों की भूमि है, यहां से अनेक वीरों ने जन्म लिया है. जिसमें से एक सीडीएस जनरल बिपिन रावत भी थे. उन्होंने जनरल बिपिन रावत को याद करते हुए कहा कि उन्होंने सेना को एक नए मुकाम तक पहुंचाया है. उनके कार्यकाल में सेना में आधुनिकीकरण हुआ और सेना काफी आगे बढ़ी.
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ दिवंगत बिपिन रावत के नाम पर बारामूला के स्टेडियम का नाम रखा गया है.
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) दिवंगत बिपिन रावत के नाम पर बारामूला के स्टेडियम का नाम रखा गया है. बता दें कि पूर्व सीडीएस अपने कार्यकाल के दौरान बारामूला में लंबे समय तक रहे. वह बारामूला के लोगों के काफी करीब थे.
इंडियन आर्मी ने आजादी के बाद पहली बार अपने सीनियर अधिकारियों की वर्दी में बदलाव किया है. अब ब्रिगेडियकर और उससे ऊपर के सैन्य अधिकारी एक जैसा यूनिफॉर्म पहनेंगे. यह नियम इस साल एक अगस्त से लागू होगा. कर्नल या उससे नीचे की रैंक के अफसरों के लिए यह नियम लागू नहीं होगा.
शुक्रवार को देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की 9 फ़ीट की मूर्ति का अनावरण हुआ. इसी दिन स्व जनरल रावत और स्व मधुलिका रावत का विवाह हुआ था. उत्तराखंड में आज भी पूर्व सैनिक उन्हें याद कर आंखें नम कर लेतें हैं. मंत्री गणेश जोशी ने इस बारे में आजतक से बातचीत की. देखें वीडियो.
देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की 9 फ़ीट की प्रतिमा का शुक्रवार को लोकापर्ण किया गया. देहरादून के कनक चौक पर लोकापर्ण किया गया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने लोकापर्ण किया.
4 Star vs 3 Star General: देश के नए CDS लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान पिछले साल 3 स्टार रैंक से रिटायर हुए. वो अब देश के दूसरे CDS बन गए हैं. 4 स्टार रैंक के जनरल बन चुके हैं. ऐसा पहली बार हुआ है कि 3 स्टार रैंक के अफसर रिटायरमेंट के बाद 4 स्टार के जनरल बने हैं.
देश के नए सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने पदभार संभाल लिया है. उसके बाद उन्होंने कहा कि मुझे भारतीय सशस्त्र बलों में सर्वोच्च रैंक की जिम्मेदारी संभालने पर गर्व है. मैं चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में तीनों रक्षा बलों की अपेक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करूंगा. हम सभी चुनौतियों और मुश्किलों का मिलकर सामना करेंगे.
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान देश के नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) होंगे. लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान पिछले साल ही रिटायर हुए थे. वो देश के पहले ऐसे सैन्य अफसर हैं जो 3-स्टार रैंक पर रिटायर हुए थे और अब 4-स्टार रैंक पर वापस लौट रहे हैं. सीडीएस का काम तीनों सेनाओं के कामकाज में तालमेल बैठाना है.
देश के नए CDS के रूप में अनिल चौहान के सामने सबसे बड़ी चुनौती केंद्र की महात्वाकांक्षी स्कीम को अमल में लाने की है. इसमें सेना के तीनों अंगों के बीच सिनर्जी स्थापित की जानी है. इसके लिए अनिल चौहान के सामने थियेटर कमांड प्रोजेक्ट को पूरा करने की चुनौती होगी.
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (Lieutenant General Anil Chauhan) के नेतृत्व में ही पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक किया गया था. यानी बालाकोट एयरस्ट्राइक. उस समय वो भारतीय सेना के डीजीएमओ थे. आइए जानते हैं कि नए सीडीएस (New CDS) ने और कौन-कौन से बहादुरी के काम किए हैं. कैसे उन्होंने चीन और आतंकियों को सबक सिखाया है.
लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) अनिल चौहान के रूप में देश को नया चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) मिल गया. जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद से ये पद खाली था, और अब इस पद पर बैठने वाले लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) अनिल चौहान दूसरे व्यक्ति होंगे. अनिल चौहान को जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के इलाकों में आतंकवाद का सफाया करने के लिए जाना जाता है.
Ranks, Badges, Insignia Indian Army: कंधे पर राष्ट्रीय प्रतीक, तारे, बैटन और कृपाण आसानी से नहीं मिलते. इन्हें कमाना पड़ता है. भारतीय सेना के कमीशन्ड अधिकारियों के निचले पायदान से ऊपर तक जाने में काफी मेहनत और अनुभव काम आता है. कंधों पर बढ़ते तारे और सम्मानित चिन्हों के साथ पद और जिम्मेदारी भी बढ़ती है. आइए जानते हैं भारतीय थल सेना के रैंक और प्रतीक चिन्ह...