गुलाम नबी आजाद
गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) एक वरिष्ठ भारतीय राजनेता और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व सदस्य हैं (Ghulam Nabi Azad, Former Leader, Congress). वह 2014 से 2021 तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे हैं. गुलाम नबी आजाद 2005 से 2008 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे (Ghulam Nabi Azad, Former CM, Jammu-Kashmir). वह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री भी थें. उन्होंने 27 अक्टूबर 2005 तक मनमोहन सिंह सरकार में संसदीय मामलों के मंत्री के रूप में भी कार्य किया. उन्होंने 26 अगस्त 2022 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया (Ghulam Nabi Azad Resign from Congress).
उन्हें सार्वजनिक मामलों के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा 2022 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था (Ghulam Nabi Azad, Padma Bhushan Award).
आजाद ने 1973 में भालेसा में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के सचिव के रूप में काम करने के तुरंत बाद अपना करियर शुरू किया। दो साल बाद, उन्हें जम्मू और कश्मीर प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया. 1980 में, उन्हें अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था.1980 में महाराष्ट्र के वाशिम लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 7वीं लोकसभा के लिए चुने गए, जिसके बाद, आजाद को1982 में केंद्र सरकार में कानून, न्याय और कंपनी मामलों का मंत्रालय सौंपा गया था. इसके बाद, वे 1984 में 8वीं लोकसभा के लिए चुने गए और राज्यसभा में महाराष्ट्र से सदस्य थे. वह 30 नवंबर 1996 से 29 नवंबर 2002 अवधि के दौरान जम्मू और कश्मीर से राज्यसभा के लिए चुने गए और 2 नवंबर 2005 को जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री बने (Ghulam Nabi Azad Political Career).
गुलाम नबी आजाद का जन्म 7 मार्च 1949 को जम्मू और कश्मीर के डोडा जिले (Doda, Jammu-Kashmir) में हुआ था (Ghulam Nabi Azad Age). उनके माता-पिता रहमतुल्लाह बट्ट और बासा बेगम थीं (Ghulam Nabi Azad Parents). उन्होंने अपने गांव के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई की. बाद में उच्च अध्ययन के लिए वे जम्मू चले गए और जी.जी.एम. साइंस कॉलेज से विज्ञान स्नातक की उपाधि प्राप्त की. इसके अलावा, उन्होंने 1972 में कश्मीर विश्वविद्यालय, श्रीनगर से जूलॉजी में मास्टर डिग्री भी प्राप्त की (Ghulam Nabi Azad Education).
आजाद ने 1980 में एक प्रसिद्ध कश्मीरी गायक शमीम देव आजाद से शादी की (Ghulam Nabi Azad Wife) और उनके एक बेटा सद्दाम नबी आजाद और एक बेटी सोफिया नबी आजाद है (Ghulam Nabi Azad Children).
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन हो गया है। उन्होंने 92 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. उनके निधन पर पूरे देश में शोक की लहर है. गुलाम नबी आजाद ने मनमोहन सिंह से जुड़ी एक खास याद साझा की है, जो उनके और सिंह के बीच की गहरी दोस्ती को दर्शाती है. देखें...
CRPF On NSG Commando: देश के ब्लैक कैट कमांडो यानी NSG वीआईपी की सुरक्षा में तैनात नहीं रहेंगे. केंद्र सरकार ने अगले महीने से सभी वीआईपी की सिक्योरिटी से एनएसजी कमांडो को मुक्त कर दिया है. अब ये आतंकरोधी अभियानों में शामिल होंगे. इनकी जगह वीआईपी सिक्योरिटी का जिम्मा अब CRPF के हाथों होगा.
एग्जिट पोल के नतीजों से पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर की जनता उमर अब्दुल्ला को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है. सर्वे में शामिल 39% ने उमर अब्दुल्ला को बेहतर मुख्यमंत्री माना है. जबकि, बीजेपी के रविंदर रैना को 12% ने ही अपनी पहली पसंद बताया है.
जम्मू-कश्मीर में 1 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए आखिर चरण का मतदान हो रहा है. इसको लेकर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि चाहे वो कोई राष्ट्रीय पार्टी हो या क्षेत्रीय पार्टी, किसी ने भी इस चुनाव में बेरोजगारी और बेकारी जैसा जरूरी मुद्दा नहीं उठाया. अन्य चीजों पर बात करते रहे. देखें गुलाम नबी आजाद ने क्या कहा?
जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डीपीएपी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने बिना नाम लिए इंजीनियर राशिद को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि जम्मू और कश्मीर में नेताओं की जुबान और विचारधारा दोनों समय के साथ बदल जाती है. जो कट्टर है वो नर्म हो जाते हैं.
जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के हटने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, जिसको लेकर सभी पार्टियां कमर कसती हुई नजर आ रही हैं. वहीं आजतक से बात करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस चुनाव में कुछ भी हो सकता है. देखिए VIDEO
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए गुलाम नबी आजाद की पार्टी ने 13 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है. इसमें गांदरबल सीट भी शामिल है, जहां से पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला चुनाव लड़ सकते हैं.
शरद पवार को केंद्र सरकार की तरफ से मिली Z+ सुरक्षा का आधार केंद्रीय एजेंसियों की ओर से खतरे के आकलन की समीक्षा है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ऐसा किया जाना इसके राजनीतिक निहितार्थ और प्रभाव की तरफ भी खास इशारा करता है.
जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो गया है. तारीखों के ऐलान के बाद घाटी में सियासी हलचल तेज़ हो गई है. सभी पार्टियां अब रणनीतियां बना रही हैं. बयानबाज़ी भी खूब हो रही है. इसी बीच गुलाम नबी आज़ा के कांग्रेस में वापस जाने की ख़बरें भी सामने आई थीं.
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) की ओर से जारी बयान में रविवार को कहा गया कि गुलाम नबी आजाद की कांग्रेस में वापसी की खबरें पूरी तरह से निराधार हैं और जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के नेताओं द्वारा इस तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं चुनाव आयोग से उम्मीद करूंगा कि सभी पार्टियों के लिए समान अवसर उपलब्ध होंगे. ऐसा न हो कि एक को ही सभी अवसर दे दिए जाएं. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं ये चुनाव लड़ूंगा, उमर अब्दुल्ला चुनाव नहीं लड़ेंगे.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद DPAP चीफ गुलाम नबी आजाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि ये खुशी की बात है कि चुनाव सिर्फ 3 चरणों में संपन्न हो जाएगा. इलेक्शन के बाद तमाम समस्याओं को निपटारा भी हो जाएगा. देखें गुलाम नबी आजाद ने ये बात क्यों कही?
गुलाम नबी आजाद ने अनंतनाग सीट से उम्मीदवारी वापस लेने का ऐलान कर दिया है. आजाद के इस कदम से अनंतनाग सीट पर पीडीपी या नेशनल कॉन्फ्रेंस, किसको फायदा मिल सकता है? गुलाम नबी आजाद के चुनाव लड़ने का ऐलान कर कदम वापस खींचने के पीछे कई फैक्टर्स की चर्चा है.
लोकसभा चुनाव को लेकर गुलाम नबी आज़ाद ने बड़ा ऐलान किया है. गुलाम नबी आजाद ने 2024 का लोकसभा चुनाव न लड़ेंगे. पहले कांग्रेस पार्टी के सदस्य रह चुके आज़ाद ने अब अपनी खुद की पार्टी बनाई है. उन्होंने अनंतनाग सीट से नामांकन करने के बावजूद चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. देखें वीडियो.
गुलाम नबी आजाद ने ऐलान किया है कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. इससे पहले उन्हें उनकी ही पार्टी डीपीएपी ने अनंतनाग बारामूला सीट से उम्मीदवार बनाया था, जहां से अब उन्होंने नाम वापस ले लिया है.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि आपके वोट का असर अगले पांच सालों तक रहेगा और इसलिए आपको तय करना होगा कि इस बार किसे वोट देना है क्योंकि बाद में खुद को सही करने का कोई मौका नहीं है.
लोकसभा चुनाव में जम्मू कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट हॉट सीट बन गई है. इसकी मुख्य वजह है राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्री इस लोकसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में आमने-सामने हैं.
महबूबा मुफ्ती इससे पहले तीन बार लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं. वह 2004 और 2014 में जीत हासिल कर चुकी हैं. मुफ्ती को 1999 के आम चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला से हार का सामना करना पड़ा था.
महबूबा मुफ़्ती पहले भी अनंतनाग से सांसद रह चुकी हैं. जम्मू-कश्मीर के एक और पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस से निकले नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद भी अनंतनाग लोकसभा सीट से ही चुनाव लड़ रहे हैं. PDP ने श्रीनगर से युवा नेता मोहम्मद वहीद पारा और बारामूला से बयाज अहमद भट्ट को चुनाव लड़ाने का फ़ैसला किया है.
2014 में उधमपुर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा नेता जितेंद्र सिंह से हारने के बाद आजाद के लिए यह पहला लोकसभा चुनाव होगा. अल्ताफ बुखारी की अपनी पार्टी के साथ गठबंधन की संभावना पर मोहिउद्दीन ने कहा कि इस मोर्चे पर कोई प्रगति नहीं हुई है.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला पर तीखा हमला किया है. आजाद ने सनसनीखेज दावा करते हुए कहा कि अब्दुल्ला लोग दिल्ली में पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से गुप्त मुलाकात करते हैं. देखें वीडियो.