गोल्डन रिट्रीवर (Golden Retriever) दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय और पसंदीदा कुत्तों में से एक है. अपनी मिलनसार प्रवृत्ति, बुद्धिमत्ता और आकर्षक व्यक्तित्व के कारण यह कुत्ता परिवारों, सेवा कार्यों और खोज एवं बचाव अभियानों में अत्यधिक पसंद किया जाता है.
गोल्डन रिट्रीवर की उत्पत्ति 19वीं शताब्दी में स्कॉटलैंड में हुई थी. इसे विशेष रूप से शिकार के दौरान मारे गए पक्षियों को खोजकर लाने के लिए पाला गया था. लॉर्ड टवीडमाउथ नामक व्यक्ति ने इस नस्ल को विकसित किया था, जिसमें उन्होंने विभिन्न कुत्तों की नस्लों, जैसे कि येलो रिट्रीवर, वाटर स्पैनियल, और अन्य रिट्रीवर नस्लों का संकरण किया.
गोल्डन रिट्रीवर अत्यंत बुद्धिमान होते हैं और इन्हें आसानी से प्रशिक्षित किया जा सकता है. यह नस्ल अपने मालिक और परिवार के प्रति अत्यधिक वफादार और स्नेही होती है. इन्हें खेलने और दौड़ने में बहुत मजा आता है, इसलिए इन्हें रोजाना व्यायाम की आवश्यकता होती है.
ये बच्चों और अन्य पालतू जानवरों के साथ अच्छे से घुल-मिल जाते हैं.
इनका उपयोग गाइड डॉग (नेत्रहीनों के लिए) और थेरेपी डॉग के रूप में भी किया जाता है. गोल्डन रिट्रीवर एक स्वस्थ नस्ल है, लेकिन कुछ सामान्य स्वास्थ्य समस्याएं इनमें देखी जा सकती हैं, जैसे कि हिप और एल्बो डिस्प्लेसिया, हृदय रोग, त्वचा से जुड़ी एलर्जी, मोटापा.
हफ्ते में कम से कम एक बार इनके फर को ब्रश करें ताकि बाल उलझे न. नियमित पशु चिकित्सक से जांच करवाएं.