scorecardresearch
 
Advertisement

गुरु पूर्णिमा

गुरु पूर्णिमा

गुरु पूर्णिमा

गुरु पूर्णिमा

गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) सभी आध्यात्मिक और शैक्षणिक गुरुओं को समर्पित एक परंपरा है. यह भारत (India), नेपाल (Nepal) और भूटान (Bhutan) में हिंदुओं, जैनियों और बौद्धों द्वारा एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है (Guru Purnima Celebrated). यह त्योहार पारंपरिक रूप से किसी के चुने हुए आध्यात्मिक शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है. यह हिंदू कैलेंडर के मुताबिक आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन को मनाया जाता है. महात्मा गांधी ने अपने आध्यात्मिक गुरु श्रीमद राजचंद्र को श्रद्धांजलि देने के लिए इस उत्सव को मनाया था. इसे व्यास पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह वेद व्यास के जन्मदिन का प्रतीक है (Birthday of Ved Vyas). वह एक ऋषि थे जिन्होंने महाभारत को लिखा और वेदों का संकलन किया.

भारतीय शिक्षाविद अपने शिक्षकों को धन्यवाद देकर इस दिन को मनाते हैं. कई स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ऐसे आयोजन होते हैं जिनमें छात्र अपने शिक्षकों को खास सम्मान देते हैं और पिछले गुरुओं को याद करते हैं. हिन्‍दू धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्‍व बताया गया है. माना जाता है कि गुरु का स्थान सर्वश्रेष्‍ठ होता है. गुरु भगवान से भी ऊपर होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि वो गुरु ही होता है जो व्यक्ति को अज्ञानता के अंधकार से उबारकर सही रास्ता दिखाता है. गुरु व्यक्ति की सफलता और खुशी के लिए आशीर्वाद देते हैं (Guru Purnima Celebrated for Teacher).

और पढ़ें

गुरु पूर्णिमा न्यूज़

Advertisement
Advertisement