ज्ञानवापी मस्जिद
ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के बनारस में स्थित है (Banaras UP). इसका निर्माण एक पुराने शिव मंदिर (Shiv Temple) की जगह पर किया गया था जिसे औरंगजेब ने 1669 में ध्वस्त कर दिया था (Dimolished by Aurangzeb in 1669).
इस स्थान में मूल रूप से एक विश्वेश्वर मंदिर (Vishweshwar temple) था, जिसे टोडर मल (Tadar Mal) ने नारायण भट्ट के साथ स्थापित किया था. वो बनारस के सबसे प्रसिद्ध ब्राह्मण परिवार के मुखिया थे. सत्रहवीं शताब्दी की शुरुआत में, जहांगीर के एक करीबी सहयोगी वीर सिंह देव बुंदेला एक संभावित संरक्षक थे. उन्होंने कुछ हद तक मंदिर का नवीनीकरण किया था. लगभग 1669 के आसपास, औरंगजेब ने मंदिर को गिराने का आदेश दिया और इसके स्थान पर ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण शुरू किया. मस्जिद का नाम एक निकटवर्ती कुएं, ज्ञान वापी ("ज्ञान का कुआं") से लिया गया है. किवदंतियों के अनुसार शिव ने इसे स्वयं शिवलिंग को ठंडा करने के लिए खोदा था (Gyanvapi Masjid History).
माधुरी देसाई ने मस्जिद के इतिहास के हाल के वृत्तांतों को बार-बार विनाश और मूल मंदिर के पुनर्निर्माण के इर्द-गिर्द केंद्रित करने के लिए नोट लिखा. फिर 5 महिलाओं ने याचिका दायर कर श्रृंगार गौरी की रोज पूजा का अधिकार मांगा था. कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के बाद ज्ञानवापी के सर्वे का आदेश दिया, साथ ही, एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया गया था. लेकिन सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद में हंगामा हो गया था. इसके बाद सर्वे नहीं हो पाया. मई 2022 में कोर्ट के आदेशानुसार ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कराया जाएगा (The court had ordered an inspection of Gyanvapi Masjid).
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में अलविदा की नमाज के दौरान नमाजियों ने काली पट्टी बांधकर वक्फ संशोधन बिल 2024 के खिलाफ विरोध जताया. कुछ लोगों ने तख्तियां लेकर बिल का विरोध किया. हालांकि, मस्जिद में मौजूद अन्य नमाजियों ने बताया कि वे किसी भी विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं थे.
ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट से संबंधित मामले में हस्तक्षेप याचिका (IA) के जरिए अश्विनी उपाध्याय, सुब्रमण्यम स्वामी और अन्य द्वारा प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट पर दायर याचिका खारिज करने की गुहार लगाई है. मस्जिद कमेटी ने अपनी याचिका में कहा है कि प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट पूरी तरह से वैध है. इसे पूरी तरह लागू किया जाना चाहिए.
शम्सी शाही मस्जिद के नीचे नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा करने वाले याचिकाकर्ताओं ने जो अन्य प्रमाण पेश किए हैं, उनमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का संस्मरण 'बदायूं में जामा मस्जिद और संयुक्त प्रांतों में अन्य इमारतें' भी शामिल है. इसमें कहा गया है कि बदायूं जामा मस्जिद में इस्तेमाल किए गए बलुआ पत्थर के ब्लॉक प्राचीन हिंदू मंदिरों से लूटे गए प्रतीत होते हैं.
Sambhal News: सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि यह देश मनमर्जी से नहीं बल्कि संविधान और कानून से चलेगा. ध्यान रखें ये मस्जिद थी, मस्जिद है और मस्जिद ही रहेगी. हम नहीं चाहते कि देश का माहौल खराब हो.
ज्ञानवापी मामले में वाराणसी की अदालत ने शुक्रवार को हिंदू पक्ष की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें पूरे परिसर के एएसआई सर्वेक्षण की मांग की गई थी. हिंदू पक्षकार विजय शंकर रस्तोगी ने अपनी याचिका में तर्क दिया था कि मस्जिद के मुख्य गुंबद के नीचे भगवान आदि विशेश्वर का 100 फीट का विशाल शिवलिंग और अरघा स्थित है जिसका पेनिट्रेटिंग रडार की मदद से पुरातात्विक सर्वेक्षण होना चाहिए.
ज्ञानवापी मामले को लेकर हिंदू पक्ष को बड़ा झटका लगा है. दरअसल अदालत ने ज्ञानवापी परिसर के पूरे हिस्से की ASI सर्वे की मांग को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है जिसमे सील वजूखाने और बाकी हिस्सों का भी सर्वे कराने की मांग की गई थी. देखें शंखनाद.
ज्ञानवापी मामले में वाराणसी की अदालत ने शुक्रवार को हिंद पक्ष की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें पूरे परिसर के एएसआई सर्वेक्षण की मांग की गई थी. हिंदू पक्षकार विजय शंकर रस्तोगी ने अपनी याचिका में तर्क दिया था कि मस्जिद के मुख्य गुंबद के नीचे भगवान आदि विशेश्वर का 100 फीट का विशाल शिवलिंग और अरघा स्थित है जिसका पेनिट्रेटिंग रडार की मदद से पुरातात्विक सर्वेक्षण होना चाहिए.
वाराणसी कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें ज्ञानवापी के वजू खाने और बाकी हिस्सों का भी सर्वे कराने की मांग की गई थी. हालांकि, हिंदू पक्ष इसे चैलेंज करने की तैयारी में है. हिंदू पक्ष के वकील ने कहा है कि वह इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे.
हिंदू पक्षकार विजय शंकर रस्तोगी ने अपनी याचिका में तर्क दिया था कि मस्जिद के मुख्य गुंबद के नीचे भगवान आदि विशेश्वर का 100 फीट का विशाल शिवलिंग और अरघा स्थित है जिसका पेनिट्रेटिंग रडार की मदद से पुरातात्विक सर्वेक्षण होना चाहिए.
वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मौजूद देव प्रतिमाओं और स्थलों के दर्शन, पूजा और वहां आदि विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग के मूल मंदिर होने का दावा करने वाले कुल 15 मुकदमे बनारस की निचली अदालत में लंबित हैं.
अयोध्या के बाद काशी हिंदुत्व की राजनीति में शुरू से ही बड़ा मुद्दा रहा है, लेकिन यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ज्ञानवापी पर बयान से बीजेपी ने खुद को अलग कर लिया है, लेकिन विश्व हिंदू परिषद ने पूरा समर्थन दिया है.
ज्ञानवापी को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान पर सपा नेता अमीक जामेई ने कहा कि ये मंदिर-मस्जिद करने से तो अयोध्या में आपने देख लिया है. अब आपको काशी याद आ ही रही है. उपचुनाव में भी इसका असर दिखेगा. देखें अमीक जामेई ने और क्या कहा?
सीएम योगी आदित्यनाथ के ज्ञानवापी वाले बयान पर रिएक्शन देते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि सब तरह से मिलेगा चिंता मत करें. ये भारत है. भारत में अगर काशी, मथुरा और अयोध्या की पहचान नहीं रहेंगी तो क्या पाकिस्तान और बांग्लादेश में होगी.
ज्ञानवापी परिसर को लेकर CM योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि साक्षात विश्वनाथ हैं ज्ञानवापी। वहीं, एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय हॉकी टीम ने लगातार पांचवीं जीत दर्ज की. भारत ने पाकिस्तान को 2-1 से शिकस्त दी. AI एंकर के साथ देखें बड़ी खबरें.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी पर बयानों का हथौड़ा ऐसा चलाया है कि यूपी की सियासत 360 डिग्री घूम गई है. यूपी विधानसभा की 10 सीटों पर उपचुनाव से पहले सीएम योगी के इस बयान के वैसे तो कई मायने हैं लेकिन उन्होंने साफ कर दिया कि बीजेपी का एजेंडा क्या है. देखें दंगल.
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में मौजूद ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि दुर्भाग्य से आज लोग उसको दूसरे शब्दों में 'मस्जिद' कहते हैं, लेकिन वह ज्ञानवापी साक्षात "विश्वनाथ' ही है. देखें ये वीडियो.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी को लेकर बड़ा दिया है. उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी को दुर्भाग्य से दूसरे शब्दों में लोग मस्जिद कहते हैं, लेकिन वो साक्षात विश्वनाथ जी हैं.
काशी विश्वनाथ परिसर में प्रशासन की तरफ से ज्ञानवापी के पास अस्थायी गेट बनाए जाने पर विवाद हो गया है. मुस्लिम समुदाय ने इसे साजिश का हिस्सा बताते हुए विरोध जताया. इसको लेकर मुफ्ती मौलाना अब्दुल ने धरना दिया, जिसके बाद प्रशासन ने लिखित आश्वासन देकर विवादित गेट हटाने का वादा किया.
ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाने में स्थित देवी देवताओं की सेवा पूजा अर्चना के मामले में सुप्रीम कोर्ट 23 जुलाई को सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने व्यास जी के तहखाने में पूजा के खिलाफ मस्जिद पक्ष की याचिका पर ट्रायल कोर्ट के याचिकाकर्ता शैलेंद्र व्यास को नोटिस जारी किया था.
एमपी के धार जिले की भोजशाला परिसर का साइंटिफिक सर्वे हो गया है. एएसआई ने सर्वे रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंप दी है. सर्वे में यहां मंदिर होने के पुख्ता सबूत मिले हैं. अब इस मामले पर 22 जुलाई को सुनवाई होगी. ऐसे में जानते हैं कि इस रिपोर्ट में क्या-क्या खुलासा हुआ है.
आगरा में फतेहपुर सीकरी स्थित शेख सलीम चिश्ती दरगाह के माता कामाख्या देवी मंदिर होने का दावा अदालत में पेश कर दिया गया है. आगरा सिविल कोर्ट में माता कामाख्या देवी के मूल गर्भ गृह को लेकर वाद दायर कर दिया गया है.