हाफिज मुहम्मद सईद (Hafiz Saeed) पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का संस्थापक और जमात-उद-दावा (JuD) का प्रमुख है. यह संगठन पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में सक्रिय है और भारत के खिलाफ कई आतंकवादी हमलों में संलिप्त रहा है. उसे 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है, जिसमें 166 से अधिक लोगों की मौत हुई थी.
26/11 के मुंबई हमलों के बाद भारत और अमेरिका ने हाफिज सईद पर गंभीर आरोप लगाए. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने उसे एक 'वैश्विक आतंकवादी' घोषित किया. अमेरिका ने उसके बारे में सूचना देने पर 10 मिलियन डॉलर (लगभग 80 करोड़ रुपये) का इनाम घोषित किया.
पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ने के कारण 2019 में हाफिज सईद को टेरर फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया. 2020 में उसे पाकिस्तान की अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई. हालांकि, अतीत में पाकिस्तान सरकार पर उसे ढील देने और संरक्षण देने के आरोप लगते रहे हैं.
हाफिज सईद का जन्म 1950 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुआ था. उसने पाकिस्तान के विभिन्न धार्मिक और शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षा प्राप्त की और सऊदी अरब में भी इस्लामी शिक्षा ग्रहण की.
आतंकवाद को लेकर चीन दोहरी नीति के तहत काम करता आया है. अपने मुल्क में इस्लामिक आतंकवाद का हवाला देकर उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार कर रहा है. लेकिन भारत के दुश्मन आतंकियों को बचाने के लिए वह संयुक्त राष्ट्र में ढाल बनकर खड़ा हो जाता है.
पाकिस्तान में बैठे हाफिज सईद को ओसामा बिन लादेन जैसा हश्र होने का डर सता रहा है. यह डर कश्मीर में भारतीय सेना की कार्रवाई के बाद बढ़ा है, जहां पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल) में शामिल होने के आरोप में आसिफ शेख और आदेल ठोकर जैसे आतंकियों के घर ध्वस्त कर दिए गए.
बृजभूषण सिंह ने भारत सरकार के सिंधु जल समझौता स्थगित करने के फैसले पर आतंकी सरगना हाफिज सईद के बयान पर तीखी टिप्पणी की है. बृजभूषण ने कहा कि ऐसे टुच्चे की बात भारत नहीं सुनता, इनकी कोई हैसियत नहीं है, ये छिपे-छिपे घूम रहे हैं. मोदी जी ने जो निर्णय लिया है पूरा देश उनके साथ है.
दाऊद इब्राहिम, मसूद अजहर और हाफिज सईद ऐसे आतंकी हैं जो पाकिस्तानी सरकार की सरपरस्ती में बैठे हैं और भारत लगातार इन पर एक्शन लेने की अपील करता रहा है. बावजूद इसके पाकिस्तान इन आतंकियों को पनाह देकर दुनियाभर में अपना नापाक चेहरा उजागर करता आया है.
अमेरिका से प्रत्यर्पित किए गए 26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहब्बुर राणा को भारत लाया गया है. NIA उससे पूछताछ कर रही है. राणा से पूछताछ से पाकिस्तान की भूमिका और हाफिज सईद जैसे आतंकियों के खिलाफ सबूत मिलने की उम्मीद है. राणा की गिरफ्तारी को आतंकवाद के खिलाफ भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है. देखें ये बुलेटिन.
तहव्वुर राणा की गवाही से 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद, लखवी और मसूद अजहर जैसे आतंकियों पर खतरा मंडरा रहा है. राणा आईएसआई का करीबी रहा है और पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर था. उसकी गवाही से पाकिस्तान की भूमिका स्पष्ट होगी और आतंकी नेटवर्क का खुलासा होगा. देखिए VIDEO
भारत पर हुए सबसे बड़े आतंकी हमलों में से एक 26/11 मुंबई अटैक की कहानी इतनी आसान नहीं है. 64 साल का टेररिस्ट तहव्वुर राणा मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तो है लेकिन इस आपराधिक गठजोड़ का असली सिरा पाकिस्तान जाता है जहां रावलपिंडी-कराची में बैठे ISI का नफरती अफसर मेजर इकबाल इस अटैक की स्क्रिप्ट लिख रहा था, तो हाफिज सईद जेहाद के नाम पर नए-नए रंगरूटों को वैचारिक खुराक दे रहा था.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ जानते हैं कि ज्यादा महत्वाकांक्षा पाकिस्तान में जेल या फांसी पर चढ़ा देती है. पाकिस्तान पहले भारत के खिलाफ अनर्गल आरोप लगाता रहा है. पर अब ऐसा नहीं कर रहा है. पाकिस्तान सरकार टार्गेट किलिंग को कभी गैंगवार, कभी आंतरिक संघर्ष तो कभी अनजान हमलावरों की करतूत बताकर अपनी इज्जत बचाने की कोशिश कर रही है.
हाफिज सईद के करीबी की हत्या हो गई है, जिसका मतलब है कि जो उन्हें ट्रैक कर रहे थे, वो हाफिज सईद को काफी करीब से ट्रैक कर रहे थे. कहा जाता है कि जो तलवार के सहारे जीते हैं, वो तलवार से ही मरते हैं. हाफिज सईद के साथ भी ऐसा ही हो सकता है.
क्या भारत का नंबर वन दुश्मन हाफिज सईद का काम तमाम हो गया है? पाकिस्तान के झेलम इलाके में गोलीबारी हुई जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई. इस हमले में मारे गए आतंकियों में एक अबु कताल है, लेकिन दूसरे आतंकी को लेकर सस्पेंस बरकरार है. सवाल ये है कि क्या वो दूसरा मारा गया आतंकी हाफिज सईद है? देखें रणभूमि