हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) एक भारतीय मूल के कनाडाई सिख अलगाववादी नेता था. वह खालिस्तान (Khalistan Movement) आंदोलन से जुड़ा हुआ था. 18 जून 2023 को, ब्रिटिश कोलंबिया में एक सिख मंदिर की पार्किंग में निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई. सितंबर 2023 तक, कनाडाई अधिकारियों ने निज्जर की हत्या के संबंध में कोई गिरफ्तारी नहीं की है.
सिख संगठन निज्जर को एक मानवाधिकार कार्यकर्ता के रूप में देखते थे, जबकि उसपर भारत सरकार (Indian Government) द्वारा अपराधी और आतंकवादी खालिस्तान टाइगर फोर्स से संबद्ध आतंकवादी होने का आरोप था और उसकी गिरफ्तारी की लगातार मांग की जा रही थी. निज्जर और उसके समर्थकों ने इन आरोपों को खारिज करते आ रहे थे.
कनाडा में, निज्जर को 2019 में लोकप्रियता मिली, जब उसने ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गुरु नानक सिख गुरुद्वारा का नेतृत्व संभाला और सिख अलगाववाद के मुखर समर्थक बने. निज्जर सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) से भी जुड़ा था और उसने खालिस्तान रेफरेंडम 2020 अभियान का नेतृत्व किया था.
18 सितंबर 2023 को, कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने कहा कि कनाडाई खुफिया एजेंसियां भारत सरकार के एजेंटों और निज्जर की हत्या के बीच 'संभावित संबंध' के विश्वसनीय आरोपों का पीछा कर रही थीं'. हत्या के बाद कनाडा (Canada) ने एक भारतीय राजनयिक को देश से निकाल दिया. भारत के विदेश मंत्रालय ने हत्या में शामिल होने से इनकार किया और जैसे को तैसा की कार्रवाई करते हुए एक शीर्ष कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया. सितंबर 2023 तक, कनाडा ने भारत सरकार को निज्जर की मौत से जोड़ने वाला कोई सबूत नहीं दिया है.
सितंबर 2023 में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा कनाडा की धरती पर निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंध गंभीर तनाव में आ गए. नई दिल्ली ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका बताकर खारिज कर दिया.
Canada commission report: आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच कर रही कमीशन ने अपने 123 पन्नों की रिपोर्ट में इस हत्याकांड से किसी भी विदेशी लिंक से इनकार किया है. ये रिपोर्ट कनाडा के पीएम ट्रूडो के दावे पर जोरदार तमाचा है जहां उन्होंने निज्जर की हत्या में इंडियन एजेंट की भूमिका को माना था. इसके साथ ही दोनों देशों के संबंध रसातल में चले गए थे.
कनाडा की जांच आयुक्त मैरी-जोसे हॉग ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोपों का खंडन किया है. आयुक्त ने कहा कि कनाडाई खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा मामले की शुरुआती जांच में पता चला है कि ये हत्या गैंग या क्रिमिनल से संबंधित था. इस मामले में भारत की संलिप्तता कोई नहीं लिंक नहीं मिला है.
खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में सभी चार आरोपियों को जमानत नहीं दी है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी. ब्रिटिश कोलंबिया की एक अदालत ने अपने आदेश में चारों आरोपियों को जरूरी हिरासत में रखने का आदेश दिया था. कोर्ट का कहना है कि मुकदमा शुरू होने तक सभी आरोपी हिरासत में रहेंगे.
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोप में 22 साल के करन बरार, 22 साल के कमलप्रीत सिंह और 28 साल के करनप्रीत सिंह आरोपी हैं. इन तीनों के नाम के इनिशियल K से शुरू होने की वजह से इन्हें K ग्रुप कहा जा रहा है. ये सभी भारतीय हैं, जो कनाडा के एडमॉन्टन में रह रहे थे.
हरदीप सिंह निज्जर मामले में कनाडा सरकार अब बैकफुट पर आ गई है. ट्रूडो सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या सहित कनाडा में किसी भी तरह की आपराधिक गतिविधि में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य शीर्ष अधिकारियों की भूमिका के कोई सबूत नहीं हैं.
कनाडा सरकार ने स्पष्टीकरण देकर कहा है कि देश में किसी भी तरह की आपराधिक गतिविधि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की कोई भूमिका नहीं है.
भारत सरकार ने एक कनाडाई न्यूजपेपर द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स को "हास्यास्पद" बताया और कहा, "इस तरह के बदनाम करने वाले कैंपेन दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और नुकसान पहुंचाते हैं."
अर्श डाला एनआईए, दिल्ली पुलिस और पंजाब पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में सबसे उपर है. जिस तरह लॉरेंस बिश्नोई के पास दुनियाभर में 700 से भी ज्यादा शूटर हैं. ठीक उसी तरह अर्श डाला के पास भी 700 के करीब शूटर्स हैं, जो हिंदुस्तान में सक्रिय हैं.
देश के मोस्ट वांटेड आतंकी अर्श डाला को कनाडा मेें गिरफ्तार कर लिया गया है. खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या के बाद अर्श डाला ही आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स को लीड कर रहा है. 27-28 अक्टूबर को कनाडा में हुए एक शूटआउट के सिलसिले में अर्श डाला को गिरफ्तार किया गया है. देखें ये वीडियो.
कनाडा में मंदिर पर खालिस्तान समर्थकों के हमले ने एक बार फिर कनाडाई सिख-हिंदू विवाद को हवा दे दी. इससे पहले भी कई मौकों पर अलगाववादी मंदिरों पर हमले करते रहे. अब ये बात भी उठ रही है कि सिखों से बड़ी आबादी होने के बाद भी क्यों वहां के हिंदू हाशिए पर हैं. क्यों बड़ा वोट बैंक होने के बावजूद उन्हें राजनीति में भी नहीं मिल रही तवज्जो?
कनाडा में रहने वाला हरदीप सिंह निज्जर, खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का नेता था. वह कथित तौर पर पंजाब भर में हिंसक गतिविधियों में शामिल था. उसके खिलाफ टारगेट किलिंग और बम धमाकों से जुड़े आरोप हैं. साल 2023 में कनाडा में उसकी हत्या कर दी गई थी.
कनाडा लगातार नई दिल्ली पर आरोप तो लगा ही रहा था, अब उसने एक और बड़ी हरकत करते हुए भारत को उस लिस्ट में डाल दिया, जिसमें ईरान और नॉर्थ कोरिया जैसे देश शामिल हैं. अपने सरकारी दस्तावेजों में यानी औपचारिक तौर पर उसने भारत को शत्रु देश कहते हुए आशंका जताई कि उसपर साइबर अटैक हो सकता है.
रिपोर्ट में भारत पर विदेशों में खालिस्तानी तत्वों और अपने विरोधियों पर नजर रखने के लिए अपनी साइबर क्षमताओं का उपयोग करने का आरोप लगाया गया है. सीएसई ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि भारत खालिस्तान समर्थकों और विदेश में रहने वाले अन्य विरोधियों की निगरानी और ट्रैकिंग के उद्देश्य से साइबर गतिविधियों में शामिल है.
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मंगलवार को प्रेस ब्रीफिंग में इन खबरों को खारिज करते हुए कहा कि मैं इन खबरों से वाकिफ नहीं हूं कि हमने भारतीय डिप्लोमैट्स को निष्कासित कर दिया है. मैं ऐसे किसी भी निष्कासन से वाकिफ नहीं हूं.
ट्रूडो के राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया विभाग की सलाहकार नताली ड्रोविन ने संसदीय समिति को बताया कि उन्हें ये गोपनीय जानकारी ली करने के लिए प्रधानमंत्री की मंजूरी की अनुमति नहीं दी थी.
भारत और कनाडा के बीच तनाव बरकरार है और यह दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. कनाडाई हाई कमिश्नर्स को सस्पेंड किए जाने और भारत के अपने अधिकारियों को वापस बुलाने के बाद से हालात और भी खराब हुए हैं. खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर भारत ने अपना रुख कई बार स्पष्ट किया है और कनाडा के आरोपों का खंडन किया है.
जांच एजेंसी एनआईए लगभग छह महीने से कनाडा सरकार से खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर का डेथ सर्टिफिकेट मांग रही है. हालांकि, कनाडा सरकार की ओर से अभी तक ये दिया नहीं गया है. ऐसे में जानते हैं कि एनआईए को इसकी क्या जरूरत है और कनाडा क्यों इससे इनकार कर रहा है?
जस्टिन ट्रूडो कनाडाई संसद में इमिग्रेशन को लेकर विपक्ष की ओर से लगाए गए आरोपों पर अपनी सरकार का बचाव कर रहे थे. लेकिन इस दौरान एक शब्द की वजह से विपक्षी नेताओं ने उन्हें निशाने पर ले लिया.
कनाडा में दो गैंगस्टर्स ने रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या का दोष कबूल कर कनाडा के आरोपों की पोल खोल दी है, जिसमें कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की भारत के खिलाफ अनुचित आरोप शामिल हैं. अब, मलिक और निज्जर की हत्याओं के पीछे क्या राजनीति और गैंगस्टर कनेक्शन है, इसकी जांच की मांग उठ रही है.
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का नाम इन दोनों सुर्खियों में है. मुंबई में बाबा सिद्दीकी के कत्ल के बाद लगातार लॉरेंस गैंग पर उंगलियां उठ रही हैं. हालांकि मुंबई पुलिस ने अभी तक साफ तौर पर नहीं कहा है. अब भारत और कनाडा के बीच लॉरेंस गैंग या लॉरेंस कहां से आ गया है? देखें क्राइम कहानियां With Shams.