हरियाली तीज (Hariyali Teej) सावन में मनाया जाने वाला त्योहार है. श्रावण मास के शुक्ल पक्ष तृतीया को यह उत्सव मनाया जाता है. इस साल यह 31 जून 2022 को मनाया जाएगा. हरियाली तीज सुहागिन महिलोओं के लिए खास त्योहार है. इस दिन महिलाएं हाथों में मेंहदी लगाकर सोलह श्रृंगार करके भगवान शिव और पार्वती की आराधना करती हैं.
इस त्योहार के दिन पेड़ों पर झूले डाले जाते हैं, जिस पर महिलाएं एक दूसरे को झुलाती है संगीत और भजन का आनंद लेती है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में इसे कजली तीज (Kajli Teej) के नाम से जाता है.
हरियाली तीज को कुमारी कन्याओं से लेकर विवाहित महिलाएं किसी खास जगह एकत्र होकर इस त्योहार को मनाती हैं. सावन में मनाया जाने वाला इस त्योहार के दिन सुहागन स्त्रियां हरे रंग का श्रृंगार करती हैं. इस व्रत में सास और बड़े नई दुल्हन को वस्त्र, हरी चूड़ियां, श्रृंगार सामग्री और मिठाइयां भेंट करती हैं. इनका उद्देश्य होता है दुल्हन का श्रृंगार और सुहाग हमेशा बना रहे और वंश की वृद्धि हो (Hariyali Teej for Married Women).
पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन माता पार्वती कठिन साधना के बाद भगवान् शिव से मिली थीं. माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए 108वीं जन्म लेने के बाद, श्रावण मास की शुक्ल पक्ष को भगवान शिव उनको पति रूप मिले. तभी से इस व्रत की शुरुआत हुई. माना जाता है कि स्त्रियों को इस व्रत से सौभाग्य की प्राप्ति होती है और लंबे समय तक पति के साथ वैवाहिक जीवन का सुख प्राप्त होता है (Story Hariyali Teej).