तीज (Teej) महिलाओं द्वारा मनाए जाने वाला हिंदू त्योहार है. हरतालिका तीज (Hartalika Teej) मानसून के मौसम में मनाया जाता हैं. यह अगस्त और सितंबर माह में पड़ता है. इस साल यह 18 सितंबर 2023 को मनाया जाएगा. हरतालिका तीज के दिन विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास करती हैं. ऐसा माना जाता है कि माता पार्वती ने भी भगवान शंकर को पाने के लिए यह व्रत किया था. (Hartalika Teej 2023).
भारत में साल भर में तीन तरह के तीज का त्योहार मनाया जाता है जिसमें सावन में हरियाली तीज मानसून में कजरी तीज और हरतालिका तीज पड़ता है. यह त्योहार मुख्य रूप से पार्वती और शिव के साथ उनके मिलन को समर्पित हैं. तीज के उत्सव में महिलाएं पार्वती और शिव की पूजा करती हैं और निर्जला व्रत रखती हैं. रात भर जागकर भजन-कीर्तन करती हैं. हरतालिका तीज के दौरान दूसरे दिन महिलाएं अपना व्रत तोड़ती हैं (Hartalika Teej Fasting).
हरतालिका तीज नेपाल के पहाड़ी और तराई क्षेत्रों और उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों - बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, सिक्किम और राजस्थान में मनाई जाती है.
हरतालिका संस्कृत शब्द हरित और आलिका का एक संयोजन है. हरित का अर्थ है 'अपहरण' और आलिका का अर्थ है 'महिला मित्र'.
हरतालिका तीज की कथा के अनुसार, पार्वती ने शैलपुत्री के रूप में अवतार लिया. युवा होने पर पार्वती ने शिव से शादी करने की बात अपने पिता से की लेकन वह नहीं माने. ऐसे में पार्वती की महिला मित्रों ने पार्वती को छपकर एक गुफा में धुपा दिया जहां उन्होंने उन भाद्रपुड़ शुक्ल पक्ष की तृतीया को पार्वती ने गंगा की रेत और गाद से शिवलिंग बनाकर तपस्या शुरू कर दी. शिव इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने पार्वती से विवाह करने का वचन दिया. आखिरकार, पार्वती शिव के साथ एकजुट हो गईं और उनके पिता के आशीर्वाद से उनका विवाह हो गया. तब से, उस दिन को हरतालिका तीज के रूप में जाना जाता है (Hartalika Teej Story).
पति और पुत्र को धन अर्जन के लिए भेज स्त्री उसकी सुरक्षा के लिए चिंतातुर रही. वह अपने बेटे, पति और प्रियतम के लिए देव के सामने ही जाती थी. यह उसकी विश्वास का हिस्सा था. इसका पालन कर उसे आत्मिक संतुष्टि होती थी. उसे लगता था उसने अपनी फरियाद एक ऐसी शक्तिशाली सत्ता के सामने रखी है जो पूरी कायनात चलाता है. इसके बाद के परिणाम के लिए वो स्त्री तैयार थी.
तीज पर महिलाओं ने गंगाघाट पर की पूजा.
हरतालिका तीज का व्रत भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि को रखा जाता है. इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखने का संकल्प लेती हैं. कुंवारी लड़कियां मनचाहा या योग्य वर पाने के लिए भी यह उपवास रखती हैं.