2 जुलाई 2024 को उत्तर प्रदेश के हाथरस स्थित रतिभानपुर में सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई. सत्संग में अधिकांश महिलाएं शामिल थीं. हादसे के बाद हड़कंप मच गया. घायलों और मृतकों को बस-टेंपो में लादकर अस्पताल ले जाया गया. सूचना मिलते ही डीएम और एसपी दल-बल के साथ मौके पर पहुंच गए (Hathras Stampede).
इस दर्दनाक हादसे का सीएम योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है. सीएम ने हादसे पर दुख जताते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की हैं.
Hathras Stampede Case: हाईकोर्ट ने हाथरस के तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को 15 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने और यह बताने का निर्देश दिया है कि 2024 में हुई भगदड़ के लिए उन्हें जिम्मेदार क्यों नहीं ठहराया जाना चाहिए. कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 15 जनवरी तय की है.
अल्लू अर्जुन के गिरफ्तार होने और जमानत मिलने के बाद केस का पॉलिटिकल पोस्टमॉर्टम भी हुआ है. अल्लू अर्जुन सारे आरोपों को खारिज कर चुके हैं, लेकिन विधानसभा के बाद सोशल मीडिया पर भी ट्रोल हो रहे हैं.
हाथरस जिले में एक कंटेनर और मैजिक गाड़ी की टक्कर में 7 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे में आधा दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस सड़क हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है.
ये दर्दनाक हादसा इसी साल 2 जुलाई को हाथरस में हुआ था. जब वहां सूरजपाल का सत्संग खत्म होने के बाद भगदड़ मच गई थी. और उस दौरान 121 लोगों की मौत हो गई थी. अलीगढ़ जेल में बंद आरोपियों को चार्जशीट की कॉपी लेने के लिए हाथरस के जिला एवं सत्र न्यायालय में पेश किया गया.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के दौरान हुई भगदड़ के मामले में अदालत में 3200 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल कर दिया है. इस घटना में 121 लोगों की मौत हो गई थी.ये घटना इसी साल 2 जुलाई को हाथरस जिले में हुई थी..अब पुलिस ने इस मामले में 11 लोगों को आरोपी बनाया है.
हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई गांव में 2 जुलाई को सूरजपाल उर्फ भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग के बाद मची भगदड़ में कुल 121 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं. पुलिस समेत सरकारी एजेंसियों ने कार्यक्रम में कुप्रबंधन के लिए आयोजकों को दोषी ठहराया है.
Hathras Stampede Chargesheet: भगदड़ केस में पुलिस ने अपनी चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है. हालांकि, इस चार्जशीट में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा उर्फ सूरजपाल का नाम नहीं है. मालूम हो कि सूरजपाल के सत्संग में ही भगदड़ मची थी, जिसमें 121 लोगों ने जान गंवाई थी.
हाथरस में बस और वैन गाड़ी की आमने-सामने की टक्कर हो गई. जिससे 2 लोगों की मौत हो गई और 5 घायल हो गए. पुलिस का कहना है कि मृतकों की पहचान उषा (55) और विमल (35) के रूप में हुई है. ये अलीगढ़ के रामापुर गांव में एक समारोह से वापस आगरा जा रहे थे. वहीं, मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
जुलाई का महीना खत्म हो रहा है और अकेले सिर्फ इस एक महीने में 12 हज़ार से ज्यादा लोगों की मौत हमारे देश के भ्रष्ट सरकारी सिस्टम के कारण हुई है. हमारे देश में आम लोग, सड़क, हाइवे, पुल, ट्रेन, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, कोचिंग सेंटर, स्कूल, अस्पताल और यहां तक कि धार्मिक जुलूसों और धार्मिक सत्संगों में भी सुरक्षित नहीं है. ऐसे में सवाल कि भारत में जान इतनी सस्ती क्यों है? देखें ब्लैक एंड व्हाइट.
उत्तर प्रदेश के हाथरस में 2 जुलाई को सत्संग के दौरान भगदड़ होने से बड़ा हादसा हो गया था. इस दौरान सौ से ज्याद लोगों की मौत हो गई थी.
यूपी के हाथरस (Hathras) में सत्संग के बाद हुई भगदड़ में 121 लोगों की मौत के बात चर्चा में आए सूरजपाल उर्फ भोले बाबा को लेकर कई खुलासे हो चुके हैं. अब सूरजपाल के बचपन के मित्र शरदकांत मिश्र ने बताया कि वे सातवीं क्लास में साथ में पढ़ते थे. एक बार फुटबाल खेलते समय चोट भी लग गई थी.
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने हाथरस में भगदड़ में 121 लोगों की मौत पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि 'चरण रज' की बात करना गुनाह है और ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए. राज्यपाल ने बाबा सूरजपाल पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि लोगों को गुमराह करना गुनाह है.
यूपी के हाथरस में 2 जुलाई को हुई भगदड़ में 123 लोगों के मारे जाने के बाद स्वयंभू संत नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा है कि वो इस घटना के बाद से बहुत परेशान चल रहे हैं. लेकिन होनी को कोई नहीं टाल सकता.
बाबा नारायण साकार हरी उर्फ है. बाबा के साले मेवाराम ने आजतक के कैमरे पर बड़ा खुलासा किया कि बाबा अपने सेवादारों से लगातार संपर्क में हैं और उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है. बाबा के लोकेशन को गुप्त रखा जा रहा है. देखें आजतक की ये खास बातचीत.
उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई भगदड़ में अपनी जान गंवाने वाले 123 लोगों के परिजनों के सामने भोले बाबा का सच सामने आने लगा है. इस हादस के बाद नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा उर्फ सूरजपाल सिंह जाटव ने ऐलान किया था कि उसकी तरफ से पीड़ितों को मदद की जाएगी.
यूपी के हाथरस में 121 लोगों की मौत के बाद सियासी खामोशी पसर गई है. पूरी घटना को लेकर गठित शुरुआती SIT की जांच रिपोर्ट पर अब राजनीतिक सवाल उठने लगे हैं. सवाल है भोले बाबा का नाम लेने से क्यों बच रहा हर दल? आखिर हाथरस हादसे में बाबा सूरजपाल को क्लीनचिट क्यों? देखें हल्ला बोल.
हाथरस सत्संग भगदड़ केस में आए दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं. नारायण साकार हरि उर्फ बाबा सूरजपाल दावा कर रहा है कि वो हादसे में मारे गए लोगों और घायलों के परिवार की तन, मन और धन से मदद कर रहा है. आजतक ने बाबा के इस दावे की पड़ताल की है. देखें...
नारायण साकार हरि के हाथरस वाले सत्संग में 121 लोग मारे गए, लेकिन इस मामले में नारायण साकार हरि पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. आयोजकों पर तो एक्शन हुआ लेकिन नारायण साकार हरि का नाम एफआईआर में नहीं डाला गया. तमाम राजनीतिक पार्टियों के नेता नारायण साकार हरि का नाम लेने से भी बचते नजर आए. देखें वारदात.
साकार नायारण हरि उर्फ भोले बाबा की तरफ से दावे किए गए कि वह पीड़ितों की हरसंभव मदद करेंगे. इन्हीं दावों की पड़ताल करने के लिए आजतक की टीम हाथरस, एटा, जलेसर में उन पीड़ित परिवारों के घर, जिन्होंने अपनों को खो दिया. हमने ये जानने की कोशिश की कि भोले बाबा द्वारा पीड़ितों के मदद के लिए किए गए तमाम दावों में कितनी सच्ची है. क्या बाबा की तरफ से कोई मदद उनके घर आई?
सूरजपाल उर्फ भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के हाथरस सत्संग में करीब सवा सौ लोगों ने जान गंवा दी. अब सवाल ये है कि सूरजपाल भक्तों को राह दिखाने वाले बाबा और धर्मगुरु हैं या फिर भोले भाले लोगों की आस्था खिलवाड़ करने वाले पाखंडी. आज के इस शो में हम तमाम धर्मगुरुओं से इसी सवाल का जवाब जानने की कोशिश करेंगे.
आखिर 2 जुलाई को हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ की शुरुआत हुई कैसे? कौन सी ऐसी चीज थी, जिसकी वजह से घंटों शांति से बैठे भक्त अचानक बैचेन हो गए. सत्संग खत्म होते ही ऐसा क्या हुआ कि पूरी भीड़ एक ही दिशा में भागने लगी, तो इन सुलगते सवालों के शुरुआती जवाब सामने आ गए हैं.