HCL
एचसीएल टेक्नोलॉजीज (HCL Technologies) एक भारतीय बहुराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी (IT) सेवाएं और परामर्श कंपनी है जिसका मुख्यालय भारत के उत्तर प्रदेश राज्य (UP) के नोएडा (Noida) शहर में है. यह HCL Enterprise की सहायक कंपनी है. मूल रूप से एचसीएल का एक अनुसंधान और विकास प्रभाग है. 1991 में एचसीएल ने सॉफ्टवेयर सेवा व्यवसाय में एक स्वतंत्र कंपनी के रूप में प्रवेश किया. कंपनी के कार्यालय यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom), संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) , फ्रांस (France) और जर्मनी (Germany) सहित 50 देशों में आर एंड डी (R&D), "इनोवेशन लैब्स" और "डिलीवरी सेंटर" के एक विश्वव्यापी नेटवर्क के साथ हैं.
यह एयरोस्पेस और रक्षा, मोटर वाहन, बैंकिंग, पूंजी बाजार, रसायन और प्रक्रिया उद्योग, ऊर्जा और उपयोगिताओं, स्वास्थ्य सेवा, उच्च तकनीक, औद्योगिक विनिर्माण, उपभोक्ता सामान, बीमा, जीवन विज्ञान, विनिर्माण, मीडिया और मनोरंजन, खनन, प्राकृतिक संसाधन, तेल और गैस, खुदरा, दूरसंचार, और यात्रा, परिवहन, रसद और आतिथ्य सहित क्षेत्रों में संचालित होता है (HCL operates across many sectors).
एचसीएल टेक्नोलॉजीज फोर्ब्स ग्लोबल 2000 सूची (Forbes Global 2000 list) में है. यह सितंबर 2021 तक 50 बिलियन डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ भारत में सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली शीर्ष 20 सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है.
1976 में, शिव नादर (Shiv Nadar) के नेतृत्व में दिल्ली क्लॉथ एंड जनरल मिल्स के सभी पूर्व कर्मचारियों ने एक कंपनी शुरू की जो पर्सनल कंप्यूटर बनाती थी, जिसमें छह इंजीनियरों, अर्जुन मल्होत्रा (Arjun Malhotra), अजय चौधरी (Ajay Chowdhary), डी एस पुरी (D S Puri), योगेश वैद्य (Yogesh Vaidya) और सुभाष अरोड़ा (Subhash Arora) शामिल का एक समूह भी था. शुरुआत में माइक्रोकॉम्प लिमिटेड (Microcomp Limited) के रूप में शुरू हुआ, नादर और उनकी टीम ने अपने मुख्य उत्पाद के लिए पूंजी इकट्ठा करने के लिए टेलीडिजिटल कैलकुलेटर (teledigital calculators) बेचना शुरू किया. 11 अगस्त 1976 को कंपनी का नाम बदलकर हिंदुस्तान कंप्यूटर्स लिमिटेड (HCL) कर दिया गया. एचसीएल एंटरप्राइज की स्थापना 1976 में शिव नडार ने की थी. शुरुआती दौर में एचसीएल एंटरप्राइज की पहली मूल तीन सहायक कंपनियां थीं. पहला, एचसीएल टेक्नोलॉजीज - मूल रूप से एचसीएल का आर एंड डी डिवीजन, यह 1991 में एक सहायक कंपनी के रूप में उभरा, दूसरा, एचसीएल इंफोसिस्टम्स और तीसरा एचसीएल हेल्थकेयर. फिर कंपनी ने हार्डवेयर पर भी ध्यान केंद्रित करने की कोशिश की. लेकिन, एचसीएल टेक्नोलॉजीज के माध्यम से, सॉफ्टवेयर और सेवाओं पर ही मुख्य फोकस करता आ रहा है (History of HCL).
Stock Market: शेयर बाजार में जारी गिरावट पर गुरुवार को ब्रेक लगा नजर आया और Sensex-Nifty हरे निशान पर ओपन हुए. इस बीच Reliance से लेकर Tata Motors, HCL तक के शेयर में तेजी देखने को मिली.
Diwali Picks Stock : दिवाली पर शेयर बाजार में मुहूर्त ट्रेडिंग का विशेष सेशन रखा जाता है और इसे देखते हुए ब्रोकरेज की ओर से फेवरेट स्टॉक्स की लिस्ट जारी की जाने लगी है, जिनमें मुनाफे का अनुमान है.
Stock Market Close On Green Mark : शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन सेंसेक्स और निफ्टी हरे निशान पर बंद हुए. इससे पहले बीते सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को Sensex ने 1000 अंक से ज्यादा का गोता लगाया था.
Stock Market At New High: शेयर बाजार में बीते हफ्ते जोरदार तेजी देखने को मिली थी और Sensex-Nifty ने नया ऑल टाइम हाई छुआ था. वहीं सोमवार को बाजार खुलते ही दोनों इंडेक्स ने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. BSE का सेंसेक्स 82725 के शिखर पर पहुंच गया.
एचसीएल ने बताया कि कंपनी के पास राज्य में बड़े पैमाने पर विस्तार की योजना है, जिससे कम से कम 5,500 युवाओं को रोजगार मिलेगा. कंपनी ने कहा कि स्टेप 2 में एक नई बहुमंजिला इमारत बनाई जाएगी और 10 हजार अन्य लोगों को रोजगार मिलेगा.
IT Stcoks Zooms : बीते दो सालों में आईटी कंपनियों के शेयरों में कुछ जोरदार तेजी देखने को नहीं मिली थी, इसके पीछे मंदी के खतरे के बीच इन कंपनियों में हुई जोरदार छंटनी का असर भी दिखाई दिया था. लेकिन, साल 2024 की शुरुआत शानदार रही है.
HCL कॉर्पोरेशन की चेयरपर्सन और सीईओ रोशनी नादर मल्होत्रा ने कहा कि AI टूल्स के आसपास बहुत सारे अवसर होंगे. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर उन्होंने विस्तार से बातचीत की.
दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों में कर्मचारियों को नौकरी से निकालने (Layoff) का सिलसिला जारी है. मंदी (Recession) के साये में कॉस्ट कटिंग का हवाला देते हुए फेसबुक, ट्विटर से लेकर अमेजन और एचसीएल तक में छंटनी की गई. इस लिस्ट में अब नया नाम माइक्रोसॉफ्ट का जुड़ गया है.
Stock Market Latest News Update: सुबह 10 बजे तक आईटी कंपनी विप्रो का शेयर 5.50% तक टूटकर 385.50 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहा था. वहीं टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के शेयर भी गिरावट में कारोबार करते हुए नजर आए. टीसीएस के शेयर 1.15 फीसदी टूटकर 3,065 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे.
एचसीएल ने कहा है कि आने वाले साल में वो मेक्सिको में अपना छठा टेक्नोलॉजी सेंटर भी खोलेगी. मेक्सिको में अपने कारोबार के 14 साल पूरे होने पर आयोजित एक समारोह में कंपनी ने अपने विस्तार का मॉडल पेश किया है. पिछले महीने एचसीएल टेक्नोलॉजिस (HCL Technologies) ने वैश्विक स्तर पर बड़ी छंटनी की थी.
Accenture Delays Onboarding: इससे पहले हाल ही में विप्रो, इंफोसिस, एचसीएल टेक, टेक महिंद्रा और कैपजेमिनी जैसी कंपनियों में भी ऑनबोर्डिंग में देरी के कई मामले सामने आ चुके हैं. कुछ ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जहां ऑफर लेटर दिए जाने के बाद कैंडिडेट्स को नौकरी देने से ही इनकार कर दिया गया.
कई दिग्गज आईटी कंपनियां नए कर्मचारियों की ऑनबोर्डिंग की प्रक्रिया को टाल रही हैं. पहले विप्रो (Wipro) और कैपजेमिनी (Capegemini) ऐसा कर रही थी. अब खबर है कि इंफोसिस (Infosys), एचसीएल टेक (HCL Tech) और टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) ने भी ऑनबोर्डिंग की प्रक्रिया को टाल दिया है.
HCL Technologies lays off : इस मामले से जुड़े लोगों की मानें तो कर्मचारियों को पिछले महीने हुई एक टाउन हॉल मीटिंग में इस छंटनी के बारे में बताया गया था. हालांकि, इस बड़ी छंटनी को लेकर एचसीएल की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई है.
रूस-यूक्रेन के बीच जंग, आर्थिक सुस्ती, ग्लोबल मार्केट में उथल-पुथल, तिमाहियों में कमजोर होती कमाई आदि आईटी सेक्टर को लेकर धारणा खराब कर रहे हैं. इस बीच टॉप आईटी कंपनियों ने जून तिमाही का परिणाम जारी कर दिया है. आइए जानते हैं कि इन हालातों को देखते हुए आईटी स्टॉक्स के लिए आने वाले दिन कैसे होंगे.
आईटी कंपनियां सीईओ को भारी-भरकम पैकेज देती हैं. एचसीएल टेक (HCL Tech) ने अपनी सालाना रिपोर्ट में बताया कि वह अपने सीईओ सी विजयकुमार (C Vijaykumar) को सालाना 123 करोड़ रुपये की टेक होम सैलरी दे रही है. इसी तरह इंफोसिस की सालाना रिपोर्ट से पता चला कि उसके सीईओ सलिल पारेख (Salil Parekh) की सैलरी को 88 फीसदी बढ़ाया गया है.
अप्रैल-जून तिमाही के दौरान विप्रो ने टीसीएस और एचसीएल टेक जैसी कंपनियों से भी ज्यादा हायरिंग की. इस दौरान विप्रो के कर्मचारियों की संख्या 15,446 बढ़ी और 30 जून 2022 तक इनकी संख्या बढ़कर 2,58,574 पर पहुंच गई. इस दौरान कंपनी छोड़कर जाने वाले कर्मचारियों की दर मार्च तिमाही के 23.8 फीसदी से कुछ कम होकर 23.3 फीसदी पर आ गई.