स्वास्थ्य समस्या (Health Problem) एक खास असामान्य स्थिति (Particular Abnormal Condition) है जो किसी को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है. यह तुरंत किसी बाहरी चोट के कारण नहीं होती है. स्वास्थ्य समस्याओं को मेडिकल कंडिशन के रूप में जाना जाता है जो खास संकेतों और लक्षणों से जुड़ी होती हैं. बीमारी बाहरी वजहों या आंतरिक विकारों के कारण हो सकती है, जैसे- प्रतिरक्षा प्रणाली की आंतरिक शिथिलता अलग-अलग तरह की बीमारियों को पैदा कर सकती है, जिसमें कई तरह के इम्युनोडेफिशिएंसी, अतिसंवेदनशीलता, एलर्जी और ऑटोइम्यून विकार शामिल हैं (Concept of Health Problem).
मनुष्यों में, स्वास्थ्य समस्या का प्रयोग अक्सर किसी भी स्थिति को बताने के लिए किया जाता है. ये पीड़ित व्यक्ति के लिए दर्द, शिथिलता, संकट, सामाजिक समस्या, या मृत्यु का कारण बनता है, साथ ही पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने वालों के लिए इसी तरह की समस्याओं की वजह बनता है. स्वास्थ्य समस्या में कई मौकों पर चोट, अक्षमता, विकार, सिंड्रोम, संक्रमण, आइसोलेटेड सिंपटम्स, और संरचना और कार्य में असामान्य बदलावों को शामिल किया जाता है (Causes of Health Problem). स्वास्थ्य समस्या न केवल शारीरिक रूप से, बल्कि मानसिक रूप से भी लोगों को प्रभावित कर सकते हैं, क्योंकि किसी स्वास्थ्य समस्या का होना या उसके साथ जीना प्रभावित व्यक्ति के जीवन के दृष्टिकोण को बदल सकता है (Terminology of Health Problem).
आईपीएल 2026 के ऑक्शन में ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर कैमरन ग्रीन को कोलकाता नाइट राइडर्स ने 25.20 करोड़ रुपये में खरीदा. वो आईपीएल के इतिहास के सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी बन गए हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वो जन्म से ही एक लाइलाज किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं. हालांकि बीमारी के बावजूद क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है, जबकि उनकी किडनी केवल 60 प्रतिशत काम करती है.
बॉडीबिल्डिंग चैंपियन वांग कुन के अचानक निधन से उनके फैंस काफी दुखी हैं और बॉडीबिल्डिंग इंडस्ट्री में हर कोई सदमे में है. महज 30 साल की उम्र में वांग कुन की हार्ट प्रॉब्लम की वजह से हुई है. ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि क्या शरीर पर ज्यादा प्रेशर बनाना जानलेवा साबित हो सकता है, भले ही कोई क्लीन लाइफस्टाइल ही क्यों ना अपनाए.
सर्दियों में ज्यादातर लोगों के हाथ-पैरों की अंगुलियों में सूजन हो जाती है, जिससे उन्हें रोजमर्रा के काम करने में भी दिक्कत होती है. ऐसे में आचार्य बालकृष्ण ने एक घरेलू नुस्खा बताया है, जो सूजन कम करने में मददगार है.
मसाले भारतीय खाना पकाने का एक अहम हिस्सा हैं और अक्सर अपने स्वास्थ्य लाभों के लिए जाने जाते हैं. हालांकि, बहुत अधिक मसाले खाने से पेट खराब हो सकता है. इतना ही नहीं खानपान की कुछ आदतें पेट के कैंसर का खतरा भी बढ़ाने का कारण हो सकती हैं.
ट्राइग्लिसराइड्स खून में पाया जाने वाला फैट है जो दिल की बीमारियों, फैटी लिवर और स्ट्रोक का खतरा बढ़ाता है. यह मुख्य रूप से अधिक कैलोरी के सेवन और गलत लाइफस्टाइल की वजह से बढ़ता है. मिठाई, तला-भुना भोजन, शराब और अधिक कार्बोहाइड्रेट से बचकर, साथ ही नियमित व्यायाम और सही खान-पान से इसे नियंत्रित किया जा सकता है.
कई एक्सपर्ट्स आजकल शादी से पहले पार्टनर के ब्लड ग्रुप टेस्ट कराने की सलाह दे रहे हैं. मेडिकल साइंस के अनुसार, ब्लड ग्रुप का शादी की खुशी, प्यार या रिश्ते की मजबूती से कोई सीधा संबंध नहीं हैं, हालांकि प्रेग्नेंसी के दौरान Rh फैक्टर महत्वपूर्ण होता है.
फैटी लिवर का खतरा अब हर उम्र के लोग जूझ रहे हैं, सिर्फ बुजुर्ग या नौजवान ही नहीं बल्कि बच्चे का भी लिवर फैटी हो रहा है. लिवर पर चर्बी जमने का सबसे बड़ा कारण हमारा खानपान है और हम रोज ऐसी ड्रिंक्स पीते हैं, जो हमारे लिवर को नुकसान पहुंचाती हैं.
भारतीयों को लगी फोन की लत, खाना-खाने के दौरान भी मोबाइल पर बिजी, रिसर्च में खुलासा
घरों में गर्म तेल को अक्सर लोग दोबारा इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या ऐसा करना सही है. सेहत के लिए पूरी तलने के बाद बचा हुआ तेल दोबारा खाने में इस्तेमाल करना हानिकारक हो सकता है, ऐसे में बाबा रामदेव ने लोगों को इसे तुरंत फेंकने की सलाह दी.
आँखों की कमजोर होती रोशनी, जलन और थकान से परेशान हैं? आचार्य बालाकृष्ण बता रहे हैं अखरोट का ऐसा देसी उपाय, जो आँखों को अंदर से पोषण देकर लंबे समय तक स्वस्थ रखने में मदद करता है.
देर रात तक क्यों सोते नहीं बच्चे? डॉक्टर ने बताई बड़ी वजह, पेरेंट्स रखें खास ध्यान
डॉ पाल ने एक नाइट ड्रिंक बताई है, जो पेट की सेहत को बेहतर बनाकर शरीर में एनर्जी और हल्कापन लाती है. यह ड्रिंक ब्लड शुगर नियंत्रित करता है, भूख को नियंत्रित रखता है और इम्युनिटी बढ़ाता है. इसे लगातार पांच दिन तक पीने से डाइजेशन में सुधार और बेहतर एनर्जी महसूस होती है.
सर्दियों में किडनी की सेहत बनाए रखने के लिए गुनगुना पानी पीना फायदेमंद होता है. आयुर्वेद के अनुसार ठंडे मौसम में पानी की कमी से किडनी पर दबाव बढ़ सकता है, यह गले की समस्याओं में भी राहत देता है और शरीर के मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाता है.
दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ाने वाली 5 दवाओं के बारे में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ दिमित्री यारानोव ने चेतावनी दी है. ये दवाएं ब्लड प्रेशर बढ़ा सकती हैं, हार्ट फेलियर का जोखिम बढ़ा सकती हैं और हार्ट रेट को प्रभावित कर सकती हैं.
रोजाना अधिकतर लोग ठंडा पानी पीते हैं, लेकिन इसे पीने से हमारी बॉडी पर क्या असर पड़ता है. इसके बारे में बहुत लोग जानते हैं, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉक्टर सेठी ने अपने लेटेस्ट पोस्ट में डेली पीने वाली 9 ड्रिंक्स के बारे में बताया है कि क्या वो फायदेमंद है या नहीं.
आयुर्वेद आचार्य बालकृष्ण ने सर्दियों में मिलने वाले गाजर के जूस को आंखों की रोशनी बढ़ाने वाला सुपरफूड बताया है. गाजर में मौजूद बीटा-कैरोटीन विटामिन ए में बदलकर नाइट ब्लाइंडनेस और मोतियाबिंद से बचाव करता है.
आजकल बच्चे ठीक से नहीं सो पाते, जिससे उनका व्यवहार प्रभावित होता है और माता-पिता खासकर वर्किंग पेरेंट्स चिंतित रहते हैं. रात में बच्चे देर तक सोते नहीं है, जिसकी वजह से पेरेंट्स को समझ नहीं आता है कि ऐसा क्यों हो रहा है. इस पर डॉ. इमरान पटेल ने बताया है कि इसके पीछे की वजह क्या है.
त्वचा की चमक और स्वास्थ्य के लिए कोलेजन बढ़ाने वाले फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करने से स्किन की प्राकृतिक चमक बढ़ती है, हॉर्मोन संतुलित होते हैं और इम्यूनिटी मजबूत होती है. न्यूट्रिशनिस्ट खुशी छाबड़ा ने बताया कि ये फूड्स गट हेल्थ सुधारने के साथ त्वचा को अंदर से स्वस्थ और ग्लोइंग बनाते हैं, इन खाद्य पदार्थों को रोजाना खाने से महंगे प्रोडक्ट्स की जरूरत नहीं पड़ती.
डायबिटोलॉजिस्ट डॉ. बृजमोहन अरोड़ा ने किडनी स्वास्थ्य को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि क्रिएटिनिन टेस्ट नॉर्मल होने के बावजूद किडनी में 4-5 साल तक नुकसान हो सकता है. किडनी डैमेज से बचने के लिए डायबिटीज और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना आवश्यक है.
लोकसभा में ई-सिगरेट विवाद पर हंगामा। अनुराग ठाकुर ने टीएमसी सांसद पर इशारों में आरोप लगाए. स्पीकर ने जांच और सख्त कार्रवाई का संकेत दिया.
फार्मास्युटिकल मार्केट इंटेलिजेंस फर्म फार्मारैक के आंकड़ों के अनुसार, सांस से जुड़ी दवाओं का हिस्सा कुल बिक्री का आठ प्रतिशत था. प्रदूषण के कारण सांस लेने में दिक्कतें बढ़ीं, जिससे इनहेलर और ब्रॉन्कोडाइलेटर की मांग में अभूतपूर्व उछाल आया.