हेलपायर
AGM-114 Hellfire एक हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल (ASM) है. इसे पहले कवच-रोधी उपयोग के लिए विकसित किया गया था, लेकिन बाद में सटीक ड्रोन के लिए मॉडल विकसित किए गए. इसे मूल रूप से हेलिबोर्न लेजर, फायर-एंड-फॉरगेट मिसाइल के नाम से विकसित किया गया था, जिसके कारण बोलचाल का नाम "हेलफायर" मिसाइल का औपचारिक नाम बन गया (Hellfire Missile).
इसमें एक बहु-मिशन, बहु-लक्ष्य सटीक-स्ट्राइक क्षमता है और इसे प्रीडेटर ड्रोन सहित कई वायु, समुद्र और जमीनी प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकता है. हेलफायर मिसाइल संयुक्त राज्य अमेरिका और कई अन्य देशों के सशस्त्र बलों के लिए प्राथमिक 100-पाउंड वर्ग हवा से जमीन पर सटीक हथियार है. इसे सतह से सतह और सतह से हवा की भूमिकाओं में सतह के प्लेटफार्मों पर भी मैदान में उतारा गया है (Hellfire USA).
सिस्टम को Humvee और इम्प्रूव्ड TOW व्हीकल (ITV) पर उपयोग के लिए परीक्षण किया गया है. C-130 हरक्यूलिस से टेस्ट शॉट भी दागे गए हैं. स्वीडन और नॉर्वे तटीय रक्षा के लिए हेलफायर का उपयोग करते हैं और कॉम्बैट बोट 90 तटीय आक्रमण नाव पर लगे हेलफायर लांचरों के साथ परीक्षण किए हैं (Hellfire Launcher).
अमेरिकी नौसेना 2014 से फ्रीडम-क्लास लिटोरल कॉम्बैट शिप और इंडिपेंडेंस-क्लास लिटोरल कॉम्बैट शिप पर उपयोग के लिए मिसाइल का मूल्यांकन कर रही थी. मिसाइल को 2017 की शुरुआत में एक LCS से सफलतापूर्वक दागा गया था यह प्रणाली 2019 के अंत तक तैनात करने के लिए तैयार था.
Israel को सबसे ज्यादा हथियार अमेरिका देता है. लेकिन दो हथियार बेहद खतरनाक हैं. जमीनी ऑपरेशन से पहले हवा में ही मौत मंडराती नजर आने लगती है. पिछले एक साल में इजरायल ने लेबनान और गाजा मिलाकर 14 हजार से ज्यादा MK-84 बम और 3000 से ज्यादा हेलफायर मिसाइलें गिराईं.
पिछले साल अक्तूबर में इजरायल पर हुए हमले के बाद से अमेरिका उसे 27 हजार से ज्यादा बम दे चुका है. अमेरिका ने इजरायल को 50 एफ-15 फाइटर जेट, करीब 33 हजार टैंक के गोले, 30 एडवांस मीडियम रेंज मिसाइलें और 50 हजार मोर्टार के गोले दिए. अब अमेरिका और इजरायल पर सामूहिक नरसंहार का आरोप लग रहा है.
अमेरिका से हेलफायर मिसाइलें और MK 54 लाइटवेट टॉरपीडो के खरीद को लेकर चल रही बातचीत अंतिम चरण में है. इसी मिसाइल का इस्तेमाल करते हुए अमेरिकी सेना ने अगस्त 2022 में अलकायदा के सरगना अल जवाहिरी को ढेर कर दिया था. वहीं, MK 54 लाइटवेट टॉरपीडो प्राथमिक एंटी-सबमरीन वारफेयर हथियार है.
भारतीय नौसेना के रोमियो हेलिकॉप्टर के लिए अमेरिका से कुछ हथियार खरीदे जा सकते हैं. इनमें खतरनाक हेलफायर मिसाइल और मार्क-54 एंटी-सबमरीन टॉरपीडो भी शामिल हैं. आइए जानते हैं कि नौसेना के रोमियो हेलिकॉप्टर में इन हथियारों के लगने के बाद नौसेना की ताकत में कितनी बढ़ोतरी होगी.
एक महीना भी नहीं बीता और अमेरिका ने अपनी ताकतवर अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल फिर से दाग दी है. पेंटागन ने कहा कि इस परीक्षण के बारे में रूस समेत दुनिया के कई देशों को एक महीने पहले ही बता दिया गया था. अमेरिका के इस परीक्षण का मकसद है US न्यूक्लियर फोर्सेस की तैयारी जांचना.
भारत को जल्द नया बमवर्षक (Bomber) मिल सकता है. भारतीय वायु सेना के लिए यह नया हथियार रूस से मंगाया जाएगा. इससे बम गिराने के अलावा हाइपरसोनिक, सुपरसोनिक या क्रूज मिसाइलें भी दागी जा सकेंगी. भारत हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल बना ही रहा है. अगर यह बमवर्षक भारत आता है तो IAF की ताकत में कई गुना बढ़ोतरी हो जाएगी.
चीन अगर हवाई हमला करें तो कौन से ऐसे हथियार हैं, जो ताइवान के एयर डिफेंस को मजबूत बनाए रखेंगे. ताइवान के पास कई सरफेस टू एयर मिसाइलें, एंटी-एयक्राफ्ट गन्स, तोपें हैं. लेकिन उनमें से बेस्ट कौन सी हैं, जो चीन के हमले से ताइवान को बचाएंगी. आइए जानते हैं उन हथियारों के बारे में...