हिजाब
हिजाब (Hijab), मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले एक परिधान है, जो सिर से लेकर पैर तक पूरे शरीर को ढकता है. यह विशेष रूप से सिर, गर्दन और कंधे के चारों ओर लपेटे कर पहना जाता है, जो बालों और गर्दन को ढकता है लेकिन चेहरे दिखाई देता है. हालांकि इस तरह के हेडकवरिंग कई रूपों में आता हैं.
हिजाब शब्द का इस्तेमाल मूल रूप से एक पर्दे को दर्शाने के लिए किया जाता है. कभी-कभी इसका इस्तेमाल इस्लामी नियमों के हिसाब से शालीनता के लिए किया जाता था. धर्म गुरुओं की माने तो इसका उपयोग कुरान की आयतों में किया गया है. इसमें हिजाब शब्द मुहम्मद के घर में मेहमानों को उनकी पत्नियों के लिए अलग करने वाले पर्दे को दर्शाता है. इसलिए सभी मुस्लिम महिलों के लिए हिजाब अनिवार्य कर दिया गया (Hijab in Muslim Tradition).
कुरान मुस्लिम महिलाओं और पुरुषों को शालीनता से कपड़े पहनने का निर्देश देता है और कुछ के लिए, हिजाब मुस्लिम लड़कियों और महिलाओं द्वारा पुरुषों से विनम्रता और गोपनीयता बनाए रखने के लिए पहना जाता है (Hijab in Quran).
मुस्लिम विद्वानों की माने तो आमतौर पर महिलाओं को सार्वजनिक रूप से अपने हाथों और चेहरे को छोड़कर पूरे शरीर को ढंकने की आवश्यकता होती है, लेकिन हिजाब की आवश्यकता नहीं होती है. लगभग सभी मुस्लिम संस्कृतियों में, युवा लड़कियों को हिजाब पहनने की आवश्यकता नहीं होती है (Hijab).
मुस्लिम बहुल देश तजाकिस्तान देश की महिलाओं के लिए ड्रेस कोड बुक को अपडेट कर रहा है. तजाकिस्तान की महिलाएं क्या पहनेंगी, यह सरकार ही तय करती है. वहां की महिलाओं को पश्चिमी कपड़े और हिजाब पहनने की मनाही है.
कर्नाटक में 10वीं कक्षा की परीक्षाएं मार्च में होनी हैं. इस परीक्षा में छात्राओं को हिजाब पहनने की छूट मिलेगी या नहीं, इस पर नजरें टिकी हुई हैं. अब ये भी सामने आ गया है कि सरकार इस पर कब तक अंतिम फैसला लेगी.
स्विटजरलैंड में बुर्का बैन कानून लागू हो गया है जिसके बाद वहां की मुस्लिम महिलाओं के बुर्का या हिजाब पहनने पर रोक लग गई है. इसे लेकर इस्लामिक विद्वानों का कहना है कि महिला क्या पहनेगी, इसके चुनाव का अधिकार महिला के पास ही होना चाहिए.
स्विटजरलैंड में मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले बुर्का या हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. नए साल के पहले ही दिन बुर्का विरोधी कानून लागू कर दिया गया है. कानून के लागू होने के बाद अगर कोई मुस्लिम महिला बुर्का पहनती है तो उसे भारी जुर्माना देना होगा.
महिलाओं के प्रोटेस्ट से झुका ईरान? हिजाब पर कट्टरपंथी कानून के अमल पर लगाई रोक.
ईरान में हिजाब को लेकर विवाद कोई नई बात नहीं है. एक दशक से अधिक समय से इसे लेकर प्रदर्शन होते रहे हैं जिनमें महिलाओं ने विशेष रूप से हिस्सा लिया है और अहम भूमिका निभाई है. अहौ दारियाई और महसा अमीनी के अलावा मसीह अलीनेजाद, निका शाकर्रामी और हदीस वो नाम हैं जिन्होंने हिजाब विरोधी आंदोलन को आगे बढ़ाया.
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अधिकारियों से महिला को तुरंत रिहा करने की अपील करते हुए एक्स पर लिखा, ''जब तक उसकी रिहाई नहीं हो जाती, अधिकारियों को उसे यातना और अन्य दुर्व्यवहार से बचाना चाहिए' और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह अपने परिवार और एक वकील से संपर्क करने में सक्षम हो.'
सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी की एक ब्रांच के सुरक्षा गार्डों को एक अज्ञात महिला को हिरासत में लेते हुए देखा जा सकता है. यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता अमीर महजोब ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, 'पुलिस स्टेशन में पता चला कि वह गंभीर मानसिक दबाव से पीड़ित थी और उसे कोई मनोविकार भी था.'
जहां लगभग सारे ही इस्लामिक देश महिलाओं के लिए एक ख़ास ड्रेस कोड और तौर-तरीके की बात करते रहे, वहीं ताजिकिस्तान एकदम अलग दिख रहा है. वहां की सरकार ने हिजाब और दाढ़ी बढ़ाने पर रोक लगा दी. इसके अलावा बच्चे सार्वजनिक रूप से धार्मिक आयोजनों में शामिल नहीं हो सकते. देखें वीडियो.
मुंबई के कॉलेज में हिजाब पहनने के मामले पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता लड़कियों को फौरी तौर पर राहत दी है. अदालत ने कॉलेज सर्कुलर पर अंतरिम रोक लगाते हुए कॉलेज को नोटिस जारी किया है. कॉलेज को इस नोटिस का जवाब 8 नवंबर से पहले अदालत में देना होगा. अब इस मामले की सुनवाई 18 नवंबर को होगी.
कानपुर के एक इंटर कॉलेज में कुछ छात्राएं हिजाब पहनकर पहुंचीं तो टीचर ने उन्हें क्लास में बैठने से रोक दिया. जब प्रिंसिपल ने उन्हें स्कूल ड्रेस में आने के लिए कहा तो वो भड़क गई और कहने लगीं कि हम तो हिजाब में ही आएंगे, नहीं तो हमारा नाम काट दो.
फ्रांस की राजधानी पेरिस में ओलंपिक खेल चल रहे हैं लेकिन इसी बीच हिजाब पहनने वाली फ्रांस की मुस्लिम खिलाड़ियों ने अपना दर्द बयां किया है. फ्रांस में हिजाब बैन के कारण वो हिजाब पहनकर खेल नहीं पा रही हैं. उनका कहना है कि उन्हें धर्म और खेल में किसी एक को चुनने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि नया यूनिफॉर्म कोड इस महीने के अंत में शुरू होने वाले नए शैक्षणिक सत्र से लागू होगा. एक अधिकारी ने राज्य के सभी कॉलेजों को जारी किए गए सरकारी आदेश का हवाला देते हुए कहा, "हमने यह तय करने का काम अलग-अलग कॉलेजों पर छोड़ दिया है कि वे अपने छात्रों के लिए किस तरह की यूनिफॉर्म चाहते हैं."
police forced muslim women to remove hijabs: इस देश की पुलिस ने दो मुस्लिम महिलाओं को हिजाब उतारने पर मजबूर कर दिया था. जिससे उन्हें काफी अपमानित महसूस हुआ. इस मामले में अब उन्हें मुआवजा दिया जाएगा.
Controversy over hijab in Gujarat: गुजरात बोर्ड 10वीं और 12वीं क्लास की परीक्षाएं 11 मार्च 2024 से शुरू हो चुकी हैं, जो 26 मार्च तक चलेंगी. इस साल गुजरात बोर्ड की परीक्षा के लिए 15.20 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं ने रजिस्ट्रेशन किया है. बुधवार को भरूच में एक एग्जाम सेंटर पर छात्राओं के हिजाब उतरवाने का मामला सामने आया है.
यूपी के बरेली (Bareilly) में बीते दिनों एक परीक्षा केंद्र पर हिजाब (hijab) पहने छात्रा को टीचर ने जांच के सिलसिले में रोक दिया था. इस मामले का वीडियो वायरल हुआ तो मुस्लिम संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया. साथ ही टीचर पर कार्रवाई की मांग करने लगे.
अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में एक छात्रा ने राहुल गांधी से पूछा कि अगर वह भविष्य में देश के प्रधानमंत्री बनते हैं तो ऐसे में महिलाओं के हिजाब पहनने को लेकर उनकी क्या राय है? इस पर राहुल गांधी ने कहा कि मेरा मानना है कि महिलाएं जो भी पहनना चाहती हैं, वो पहनने का उनका पूरा अधिकार है.
दुनिया के लगभग सभी मुस्लिम देशों में महिलाएं हिजाब पहनती हैं. ईरान में तो इसकी अनिवार्यता ऐसी है कि अगर कोई महिला हिजाब न पहने, तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है. लेकिन, एक मुस्लिम बहुल देश ऐसा है, जिसने स्कूली छात्राओं के लिए हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस देश का नाम कजाखस्तान है. यहां 2016 में पाबंदी लगाई गई थी.
हिजाब पर बैन लगाने की मांग को लेकर मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाली तंजीम मेरानी जयपुर में अपने पिता के साथ अनशन पर बैठी हैं. लाल चौक पर तिरंगा फहराने वाली तंजीम हिजाब की खिलाफत कर रही हैं. उनका कहना है कि शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षा के लिए जाते हैं, न कि धर्म का प्रचार करने के लिए.
आदर्श नगर से कांग्रेस विधायक रफीक खान ने कहा है कि बीजेपी के हवामहल विधायक बालमुकुंदाचार्य ने 26 जनवरी को एक सरकारी स्कूल में जाकर हिजाब पहनकर आईं बच्चियों के खिलाफ बयानबाजी की.
क्या कर्नाटक सरकार ने हिजाब पर लगे प्रतिबंध को खत्म करने के आदेश दे दिए हैं? इस बात पर अब राज्य के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार का जवाब आया है. उन्होंने कहा है कि हमने (सरकार) इस बारे में अभी नहीं सोचा है. सीएम ने सिर्फ इतना कहा है कि इस पर चर्चा की जायेगी.