हूती
हूती (Houthi) विद्रोह एक गृहयुद्ध है जिसकी शुरुआत यमन के उत्तरी भाग से हुआ है. इसे 'सदाह युद्ध' भी कहा जाता है. 1990 के दशक में उत्तरी यमन में सादा से उभरा इस्लामी राजनीतिक और सशस्त्र आंदोलन है. हूती आंदोलन मुख्य रूप से जैदी शिया बल है (Houthi Movement). 2004 में जैदी सम्प्रदाय के धर्मगुरू हुसैन बद्द्रुद्दीन अल-हूती (Hussein al-Houthi) ने यमन सरकार के खिलाफ विद्रोह किया उसी समय से इस गृहयुद्ध की शुरुआत हुई. उसी वर्ष सितंबर में हुसैन बद्द्रुद्दीन अल-हूती को यमनी सेना ने मार गिराया (Hussein Badreddin al-Houthi Death).
अब हूती का नेतृत्व अब अब्दुल मलिक अल-हूती के पास है और इस आंदोलन में बड़ी संख्या में युवाओं को शामिल कर रहा है (Abdul Malik Al Houthi).
हऊसी या हूती यमन का अल्पसंख्यक शिया समुदाय है. यमन में सुन्नी की जनसंख्या लगभग 60 फीसदी है और शिया की जनसंख्या लगभग 35 फीसदी है. हूती खुद को ‘अंसार अल्लाह’ यानी अल्लाह के समर्थक के नाम से प्रतिष्ठित किया है (Houthi Organization).
हूतियों के अनुसार उनका साद और अल जॉफ नामक दो गवर्नरेट्स पर कब्जा कर चुके हैं और तीसरे गवर्नरेट हज्जाह पर कब्जे के करीब हैं. इस कब्जे के बाद वो यमन की राजधानी सना पर नियंत्रण कर लेंगे. वे यमन में एक लोकतांत्रिक गैर-सांप्रदायिक गणराज्य का समर्थन करने का भी दावा करते हैं. हूतियों ने भ्रष्टाचार से लड़ने को अपने राजनीतिक कार्यक्रम का केंद्र बिंदु बना लिया है (Ideology of Houthi).
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कैबिनेट की चूक उन पर भारी पड़ती नज़र आ रही है आरोप है कि हूतियों पर हमले की प्लानिंग का पूरा ब्योरा एक अमेरिकी पत्रकार को लीक किया गया
ट्रंप कैबिनेट के बड़े अधिकारियों ने यमन में हूती विद्रोहियों पर हमले की सीक्रेट प्लानिंग पर चर्चा के लिए एक मैसेजिंग ऐप पर ग्रुप बनाया था. इस ग्रुप में बेहद संवेदनशील जानकारियां शेयर की जा रही थी. मसलन, यमन में हूती विद्रोहियों पर अमेरिका अगला हमला कब करेगा? यह हमला कितने बजे, किन-किन हथियारों से किया जाएगा?
अमेरिका ने हूती विद्रोहियों पर बड़ी कार्रवाई की है. अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने लाल सागर में तैनात एयरक्राफ्ट से उड़ान भरकर यमन में हूती विद्रोहियों पर बम बरसाए. वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ को लेकर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात कर सकते हैं. देखें US टॉप 10.
इजरायल ने पिछले दो दिनों में गाजा में इतने भीषण हमले किये हैं कि दो महीने से शांत फिजां बारूदी धमाकों और तबाही के गर्द से भर गई है...उधर ईरान समर्थित हूती हमलावरों के साथ भी अमेरिका-इजरायल के दो-दो हाथ चल रहे हैं.
ये हमला ऐसे समय में हुआ है जब एक दिन पहले ही व्हाइट हाउस ने तेहरान को चेतावनी देते हुए कहा था कि उसे अमेरिका को गंभीरता से लेना होगा और हूती की ओर से हर हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया जाएगा.
बताया जाता है कि हूती विद्रोहियों के पास करीब 1 से 1.5 लाख लड़ाके हैं. इनके पास कई खतरनाक हथियार भी हैं, जिनमें ड्रोन और मिसाइल शामिल हैं. कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हूतियों के पास एक हजार से ज्यादा ईरानी मिसाइल हैं और हूती विद्रोहियों को हिज्बुल्लाह ट्रेनिंग भी देता है.
व्हाइट हाउस की ओर से बयान में कहा गया है कि यमन में हो रहे हमले को लेकर ट्रंप का इरादा पक्का है और उनकी चेतावनियों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.
अमेरिका ने यमन के हूती विद्रोहियों पर एयरस्ट्राइक की है. इस अमेरिकी हमले में 32 लोगों के मारे जाने का दावा किया गया है. लेकिन अब हूतियों की ओर से भी अमेरिका को खुलेआम चुनौती दी गई है.
अमेरिका में आए भयंकर तूफान ने कई राज्यों में भारी तबाही मचाई है, जिसके कारण कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई है.इससे हजारों को लोगों के प्रभावित हुए है. इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों पर भड़के हुए हैं. वह हूती विद्रोहियों पर इस कदर गुस्सा हैं कि उनके आदेश पर बड़े पैमाने पर सैन्य हमले शुरू किए हैं. देखिए यूएस टॉप 10
ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों पर अमेरिका ने बड़ा हमला किया. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश पर हमले में कम से कम 31 की मौत हो गई. रेड सी में हूतियों के हमले बंद नहीं होने पर ट्रंप ने नरक बरपाने की चेतावनी दी. देखें दुनिया की बड़ी खबरें.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निशाने पर हूती विद्रोही आ गए हैं. शनिवार को अमेरिका ने यमन के हूती विद्रोहियों के खिलाफ़ सैन्य हमले शुरू कर दिए. इसमें यमन के 24 लोगों की मौत हो गई है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निशाने पर हूती विद्रोही आ गए हैं. शनिवार को अमेरिका ने यमन के हूती विद्रोहियों के खिलाफ़ सैन्य हमले शुरू कर दिए. इसमें यमन के 24 लोगों की मौत हो गई है.
डोनाल्ड ट्रंप ने हूती विद्रोहियों को कह दिया है कि अगर उनकी गतिविधियां नहीं रुकी तो वे उनकी जिंदगी को नरक से भी बदतर कर देंगे. इतना ही नहीं ट्रंप ने हूती विद्रोहियों का समर्थन करने पर ईरान को भी चेतावनी देते हुए कहा है कि हूतियों के समर्थन को तुरंत बंद करना होगा.
डोनाल्ट ट्रंप ने ईरान मुखातिब होते हुए कहा, "अगर संयुक्त राज्य अमेरिका को धमकी दी, तो अमेरिका आपको पूरी तरह से जवाबदेह ठहराएगा और हम इसके बारे में अच्छा व्यवहार नहीं करेंगे."
अमेरिकी नौसेना ने फिर दोहराई वही गलती. लाल सागर में एयरक्राफ्ट कैरियर पर उतर रहे दूसरे F/A-18 फाइटर जेट पर दागी दूसरी मिसाइल. मिसाइल उसी जंगी जहाज ने लॉन्च किया जिसने कुछ दिन पहले ही इसी फाइटर जेट को मार गिराया था, जिसमें दो पायलट बड़ी मुश्किल से बचे थे.
अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमांड ने बताया कि गोलीबारी के समय हवाई हमले हूती विद्रोहियों को निशाना बनाकर किए जा रहे थे, हालांकि, मिशन के सटीक उद्देश्य के बारे में कोई जानकारी शेयर नहीं की गई.
गाजा, लेबनान, सीरिया और ईरान जैसे विरोधियों के साथ-साथ इजरायल, यमन के हूती विद्रोहियों के लिए भी बड़ी चुनौती साबित हो रहा है. हाल ही में इजरायल ने यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर जोरदार हमला किया. यमन में इजरायल के इस हमले से क्षेत्र की राजनीतिक और सैन्य स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ा है.
पिछले साल अक्टूबर में गाजा में इजरायल-हमास जंग शुरू होने के बाद से हूती विद्रोहियों ने दर्जनों व्यापारिक जहाजों को मिसाइलों और ड्रोन से निशाना बनाया है. उन्होंने कैंपेन में एक जहाज को जब्त कर लिया और दो को डुबो दिया, जिससे चार नाविक मारे गए.
यमन में हूती विद्रोहियों के हथियार डिपो पर अमेरिका ने सबसे बड़ा बंकर बस्टर बम GBU-57 MOP गिराया. यह बम जमीन के 200 फीट नीचे मौजूद कॉन्क्रीट के बंकर को भी उड़ा देता है. अमेरिका ने हूती विद्रोहियों के खिलाफ अपने दो सबसे खतरनाक हथियार उतार दिए हैं. एक बी-2 न्यूक्लियर स्टेल्थ बॉम्बर और दूसरा ये बम.
हूती विद्रोहियों पर अमेरिका ने B-2 न्यूक्लियर स्टेल्थ बॉम्बर से गिराए बम, हथियार डिपो किया तबाह.
मिडिल-ईस्ट में कई सालों बाद पहली बार अमेरिका ने अपना सबसे खतरनाक हथियार उतार दिया. अमेरिका ने B-2 Bomber से यमन के हूती विद्रोहियों के अड्डे पर हमला किया. उनके हथियार डिपो को बर्बाद कर दिया. हमला 16 अक्टूबर 2024 को किया गया. इस हमले से मिडिल-ईस्ट में तनाव बढ़ने की आशंका है.