हाइपरसोनिक मिसाइल
हाइपरसोनिक मिसाइल (Hypersonic Missile) लगभग 90 किमी की ऊंचाई से नीचे के वातावरण के माध्यम से Mach 5 से अधिक गति से उड़ता है. 2020 तक हाइपरसोनिक की गति, Mach 25+ तक हासिल कर ली गई है. दो चरण वाला बंपर रॉकेट से हाइपरसोनिक उड़ान बनाया गया, जिसमें WAC Corporal के पहले चरण के शीर्ष पर वी -2 और द्वितीय चरण सेट शामिल था. फरवरी 1949 में, व्हाइट सैंड्स में, हाइपरसोनिक रॉकेट की गति 8,288.12 किमी/घंटा यानी लगभग Mach 6.7 तक पहुंच गया था (Speed of Hypersonic Missile).
Republic Day 2025: गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय सेना ने अपनी शक्ति का जोरदार प्रदर्शन किया. कर्तव्य पथ पर टी-90 भीष्म टैंक, नाग मिसाइल, सारथ बीएमपी, ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल, पिनाका रॉकेट लॉन्चर और आकाश मिसाइल सिस्टम सहित कई आधुनिक हथियार दिखाए गए. VIDEO
भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन को बड़ी कामयाबी मिली है. DRDO ने सफलतापूर्वक स्क्रैमजेट इंजन का जमीनी परीक्षण किया है. इस परियोजना के तहत कई तरह के उपकरण तैयार किए जा रहे हैं, जिसमें स्क्रैमजेट इंजन का इस्तेमाल किया जा रहा है.
अमेरिकी एक्सपर्ट ने मान लिया है कि रूस की ओरेश्निक मिसाइल को फिलहाल ट्रैक करना और रोकना असंभव है. अब एक रूसी एक्सपर्ट ने भी यही बात दोहराई है. उसने कहा कि जासूसी सैटेलाइट भी इस मिसाइल को ट्रैक नहीं कर पाएंगी. कर भी लेंगी तो जब तक सूचना देंगी तब तक ये मिसाइल टारगेट तबाह कर चुकी होगी.
अमेरिका ने रूस के एयर डिफेंस सिस्टम को पिछाड़ने का दावा किया है. ऐसा एंटी-मिसाइल सिस्टम बनाया है, जिसकी इंटरसेप्टर मिसाइल 20826 km/hr की गति से दुश्मन की ओर बढ़ती है. यानी दुश्मन मिसाइल को आसमान में दूर ही खत्म कर देती है. इस नए हथियार का नाम है Dark Eagle.
रूस की TASS न्यूज एजेंसी ने खुलासा किया है कि रूस अगले साल बेलारूस में अपनी नई और घातक हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल ओरेश्निक तैनात करने जा रहा है. इससे पूरा यूरोप रूस के निशाने पर आ जाएगा. ये फैसला तब लिया गया जब अमेरिका और जर्मनी रूस के खिलाफ पूरे यूरोप में इंटरमीडियट रेंज की मिसाइलें तैनात कर रहे हैं.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी नई इंटरमीडियट/मीडियम रेंज हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल के बारे में लोगों को कई नई जानकारियां दीं. क्या ये मिसाइल अमेरिका पहुंच सकती है? क्या ये Unstoppable है? किसी भी तरह के सुरक्षा कवच को भेद सकती है? ऐसे 9 सवालों से समझिए इस मिसाइल की ताकत...
Russia ने हाल ही में भूमध्यसागर में अपनी तीन मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है. इसमें हाइपरसोनिक मिसाइल जिरकॉन, सुपरसोनिक एंटी-शिप क्रूज मिसाइल ओनिक्स और क्रूज मिसाइल कैलिबर शामिल है. इन मिसाइलों की बदौलत रूस लगातार यूक्रेन पर हमले कर रहा है. जानिए इनकी ताकत...
Russia की जिस मीडियम रेंज हाइपरसोनिक मिसाइल से इस समय दुनिया हिली हुई है. उसके निशाने पर अमेरिकी सैन्य बेस भी हैं. अगर मामला बिगड़ता है तो यह इस मिसाइल से रूस कम से कम 9 अमेरिकी सैन्य ठिकानों, मिसाइल साइलो और फ्लीट को टारगेट कर सकता है. फिर तो समझिए World War शुरू...
कनाडा ने यूक्रेन को नया एयर डिफेंस सिस्टम NASAMS दिया है. सवाल ये है कि क्या अमेरिकी पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम की तरह ही काम करने वाला ये 'सेफ्टी कवच' यूक्रेन को रूस की नई हापरसोनिक मिसाइल से बचा पाएगा.
यूक्रेन ने एक बार फिर रूस पर अमेरिका लॉन्ग रेंज मिसाइल ATACMS से हमला किया है. अब अगले 24 घंटे में रूस अपनी नई हाइपरसोनिक IRBM मिसाइल ओरेश्निक से अटैक कर सकता है. रूसी सेना ने इस मिसाइल को अटैक के लिए तैयार कर दिया है. बस इंतजार है राष्ट्रपति पुतिन की तरफ से ग्रीन सिग्नल का...
Russia ने यूक्रेन के द्निप्रो पर जो हमला किया वो एक नई हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण था. इसमें ICBM मिसाइलों का इस्तेमाल नहीं किया गया है. इस नई मिसाइल के बारे में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 21 नवंबर 2024 को खुलासा किया. जिसकी पुष्टि अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने भी की है.
रूस ने यूक्रेन के द्निप्रो शहर पर ICBM मिसाइलों से हमला कर दिया है. संभवतः ये RS-26 Rubezh मिसाइलें हैं. ये हमला 21 नवंबर 2024 की सुबह 5 से 7 बजे के बीच हुआ. कई महत्वपूर्ण इमारतों और ढांचों को इन मिसाइलों ने बर्बाद कर दिया है. ये मिसाइलें रूस के अस्त्राखान इलाके से दागी गई थीं.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने देश के न्यूक्लियर नियम-कायदों में बदलाव किया है. जिसमें कहा गया है कि अगर गैर-परमाणु देश किसी न्यूक्लियर पावर वाले देश के सपोर्ट से हमला करता है तो इसे रूस के खिलाफ जंग माना जाएगा. रूस के खिलाफ बैलिस्टिक मिसाइल का जवाब परमाणु हमले से मिलेगा.
LRAShM के सफल परीक्षण के बाद इतना पक्का है कि अगला स्टेप लॉन्ग ड्यूरेशन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल का होगा. DRDO इस नए हथियार के परीक्षण के साथ ही एक सीक्रेट प्रोजेक्ट को सामने लाएगा. भारत अगले इस साल अंत तक या फिर अगले साल अपने नए घातक हथियार का परीक्षण कर सकता है.
भारत ने अपनी नई सीक्रेट हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण कर लिया है. इसके साथ ही वह दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास ऐसी मिसाइलें हैं. आइए जानते हैं दुनिया की 10 सबसे तेज उड़ने वाली हाइपरसोनिक मिसाइलें कौन-कौन सी हैं?
भारत ने शनिवार रात यानी 16 नवंबर 2024 की रात में नई एंटी-शिप मिसाइल की सफल टेस्टिंग की. इसे हाइपरसोनिक मिसाइल कहा जा रहा है. इस टेस्टिंग के साथ ही भारत अब उन देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है, जिसके पास हाइपरसोनिक हथियार है. पहले यह प्लान ब्रह्मोस-2 मिसाइल को लेकर थी.
भारत ने हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. यह मिसाइल आवाज की गति से पांच गुना तेज है और इसे ट्रैक करना बहुत कठिन है. इस मिसाइल की खास बात यह है कि यह पारंपरिक और परमाणु दोनों हथियार ले जाने में सक्षम है. भारत ने इस मिसाइल का निर्माण रूस के सहयोग से किया है. इस मिसाइल की रेंज में पूरा पाकिस्तान और चीन का बड़ा हिस्सा आता है. देखिए VIDEO
दिल्ली से इस्लामाबाद और 1500 km की रेंज वाला चीन का कोई भी शहर. इस मिसाइल से सिर्फ 5 से 8 मिनट में टारगेट किया जा सकता है. क्योंकि भारत की इस नई सीक्रेट हाइपरसोनिक मिसाइल की स्पीड 11 हजार km/hr से थोड़ी ज्यादा है.
भारत ने रविवार को लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे सैन्य ताकत की दिशा में एक अहम कदम बताया है. जानकारी के अनुसार, यह मिसाइल 1500 किमी से अधिक रेंज के लिए विभिन्न पेलोड्स ले जाने के लिए डिज़ाइन की गई है.
जिस मिसाइल बेस से ईरान ने दो बार इजरायल पर हमला किया, वहां मौजूद मिसाइल प्रोडक्शन यूनिट को इजरायल ने एयरस्ट्राइक से खत्म कर दिया. सैटेलाइट तस्वीरों से इस बात का खुलासा स्पष्ट तौर पर हो रहा है. आइए जानते हैं कि इजरायली हवाई हमले में ईरान का कितना और क्या नुकसान हुआ है?
चीन जब चाहे चुटकियों में पूरे ताइवान को कब्रिस्तान में बदल सकता है. उसके पास दुनिया की सबसे बड़ी लैंड-बेस्ड मिसाइल फौर्स है. यानी ऐसी जिसमें बैलिस्टिक, क्रूज और हाइपरसोनिक मिसाइलें शामिल हैं. बड़ी मिसाइलों की तो जरूरत ही नहीं पड़ेगी. कम रेंज की मिसाइलों से ही ताइवान का काम तमाम हो जाएगा.