अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान है, जिसका मुख्यालय वाशिंगटन, डीसी (Washington DC) में है (Headquarter of IMF). इसमें 190 देश शामिल हैं. इसका घोषित मिशन "वैश्विक मौद्रिक सहयोग को बढ़ावा देने, वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित करने, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाने, उच्च रोजगार और सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और दुनिया भर में गरीबी को कम करने के लिए काम कर रहा है." (Member Countries of IMF)
इसकी स्थापना 1944 में हुई थी और 27 दिसंबर 1945 को शुरू हुआ (Foundation of IMF). शुरुआत में 29 सदस्य देशों थे. देश एक कोटा प्रणाली के माध्यम से धन का योगदान करते हैं जिससे समस्याओं का सामना करने वाले देश पैसे उधार ले सकते हैं. 2016 तक इसमें फंड में 477 बिलियन था. आईएमएफ अपने सदस्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं में सुधार करने के लिए काम करता है.
इस संगठन का उद्देश्य - अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक सहयोग, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, उच्च रोजगार, विनिमय दर स्थिरता, आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और वित्तीय कठिनाई में सदस्य देशों को संसाधन उपलब्ध कराना है (Motive of IMF). आईएमएफ में फंड दो प्रमुख स्रोत- कोटा और ऋण (Quota and Loan) से आते हैं. कोटा में, जो सदस्य देशों के जमा किए गए फंड हैं वह अधिकांश आईएमएफ फंड उत्पन्न करते हैं. एक सदस्य के कोटे का आकार दुनिया में उसके आर्थिक और वित्तीय महत्व पर निर्भर करता है. आर्थिक रूप से मजबूत राष्ट्रों को बड़े कोटा में रखा जाता है (Types of Fund in IMF).
आईएमएफ के वर्तमान प्रबंध निदेशक (MD) और अध्यक्ष बल्गेरियाई अर्थशास्त्री क्रिस्टालिना जॉर्जीवा हैं. उन्होंने 1 अक्टूबर 2019 से इस पद पर कार्यरत हैं. भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ पहले मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में कार्य किया था (Gita Gopinath, First Economist in IMF). उनको 21 जनवरी 2022 से उप प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था. गोपीनाथ की जगह, पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने 24 जनवरी 2022 को मुख्य अर्थशास्त्री के पद पर हैं (Officers of IMF).
Indian Economy Growth: भारतीय अर्थव्यवस्था ने बीते 25 सालों में तेज रफ्तार पकड़ी है और फिलहाल दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी है. वर्ल्ड बैंक से लेकर आईएमएफ तक ने इंडियन इकोनॉमी की सराहना की है और 2030 तक इसके तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद जताई है.
आईएमएफ के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7 फीसदी की दर से विकास कर सकती है. जुलाई महीने में भी संस्थान द्वारा इस वित्त वर्ष के लिए 7% की वृद्धि का अनुमान लगाया था, जो कि उसके अप्रैल माह के पूर्वानुमान से 0.2 फीसदी अधिक वृद्धि दर्शाता है. इसके अलावा वित्त वर्ष 2025 के लिए भी सात फीसदी वृद्धि दर का अनुमान है.
Pakistan Job Cut : पाकिस्तान ने IMF से आर्थिक मदद पाने के लिए अब ऐसा फैसला लिया है कि देश की जनता में हाहाकार मच गया है. दरअसल, शहबाज शरीफ सरकार ने एक झटके में 1.5 लाख नौकरियां साफ कर दी हैं.
पाकिस्तान को अब फिर से आईएमएफ के आगे झोली फैलानी पड़ी है. 1947 से अब तक पाकिस्तान को 23 बार आईएमएफ से कर्ज लेने की जरूरत पड़ी है. पाकिस्तान के वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने इसको लेकर पाकिस्तान की आवाम को एक संदेश भी दिया है. देखें उन्होंने क्या कहा है?
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है. इंटरनेशनल मोनिटरी फण्ड ने 23वीं बार 7 बिलियन डॉलर का नया कर्ज दिया है, लेकिन आम जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. वित्तमंत्री ने कहा कि संक्रमण कालीन दर्द से गुजरना होगा। इसके साथ ही तुर्की ने भी पाकिस्तान का साथ छोड़ दिया है.
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) की ताजा रिपोर्ट में ज्यादातर मुख्य अर्थशास्त्रियों ने भारत पर भरोसा जताया है, जबकि चीन को लेकर कहा है कि फिलहाल ड्रैगन के सामने चुनौतियां बनी हुई है और इसका असर China की ग्रोथ पर पड़ेगा.
Moody's On India GDP Growth : ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज एनालिटिक्स ने भारत के लिए अपने जीडीपी ग्रोथ अनुमान को संशोधित किया है और इसे पहले के 6.8 फीसदी के पूर्वमानुमान को बढ़ाकर अब 7.1 फीसदी कर दिया है.
7 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज पर 12 जुलाई को सहमति बन गई थी. लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद भी इसे मंजूरी नहीं मिली है. पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री इशाक डार ने आईएमएफ पर जानबूझकर देरी करने का आरोप लगाया है.
Reko Diq Gold Mine : रेको दिक खान पाकिस्तान का ऐसा छिपा हुआ खजाना है, जिसमें करोड़ों टन सोने और तांबे का भंडार है. एक अनुमान के मुताबिक इसकी वैल्यू करीब 1 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा है. सऊदी अरब ने इसमें 15% हिस्सेदारी खरीदने का ऑफर दिया है.
Pakistan पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहा है और अब उसके सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई है, जिसकी वजह से मल्टीनेशनल कंपनियां देश छोड़ने को मजबूर हैं और इसे अब पाकिस्तान बिजनेस काउंसिल ने चेतावनी जारी की है.
इनटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) ने भारत के अर्थव्यवस्था के ग्रोथ अनुमान को बढ़ा दिया है. IMF को अनुमान है कि भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025 में 7 प्रतिशत के हिसाब से बढ़ेगी.
सियामबलपतिया का यह बयान विपक्षी दलों द्वारा सरकार के इस दावे पर सवाल उठाने के बाद आया है कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) बेलआउट डील के हिस्से के रूप में आवास पर प्रस्तावित कर केवल अमीर लोगों तक ही सीमित है.
Pakistan Pensioners Tax : IMF ने नए बेलआउट प्रोग्राम के लिए पेंशन रिफॉर्म्स करने की जरूरत पर जोर देते हुए पाकिस्तान में पेंशनर्स पर टैक्स लगाने की जो शर्त लगाई है, उससे हालांकि, हायर पेंशन पाने वालों को झटका लगने वाला है.
पाकिस्तान ने इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड से करीब 7 अरब डॉलर या 58 हजार करोड़ का लोन ले चुका है, जो आईएमएफ का चौथा सबसे बड़ा कर्जदार है.
Pakistan की शहबाज शरीफ सरकार ने देश के बिगड़े आर्थिक हालातों को सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन उनका कोई खास असर नहीं दिखा है. अब Pak Govt ने सभी सरकारी एंटरप्राइजेज कंपनियों का निजीकरण (Privatization) का ऐलान किया है.
Good News For Indian Economy : IMF ने चालू वित्त वर्ष में भारत के लिए ग्रोथ रेट के अनुमान को 30 बेसिस पॉइंट या 0.30 फीसदी बढ़ाया है, तो वहीं अगले वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 6.5 फीसदी के अनुमान को यथावत रखा है.
ADB Rise India GDP Growth Rate: एशियाई विकास बैंक ने भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ाते हुए कहा है कि वैश्विक रुझानों के अनुरूप देश की महंगाई दर (Inflation) में गिरावट का रुख जारी रहेगा.
IMF ने कहा कि यह डील आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड के मंजूरी के अधीन है और इस बोर्ड ने पिछले साल पाकिस्तान के लिए तीन अरब डॉलर के राहत पैकेज देने की व्यवस्था की मंजूरी दी थी.
पाकिस्तान सरकार ये फैसला अनावश्यक खर्चों को कम करने की दिशा में उठाया है. इसके अलावा नई सरकार ने प्रधानमंत्री और मंत्रियों के विदेशी दौरों को भी कम करने को कहा है. कैबिनेट मंत्रियों सांसदों और सरकारी कर्मचारियों को बिना मंजूरी के सरकारी फंड पर विदेशी दौरे नहीं करने का आदेश दिया गया है.
पाकिस्तान की नई सरकार बेलआउट पैकेज की नई किस्त के लिए आईएमएफ से बातचीत कर रही है. इसी बीच भारत ने कहा है कि पाकिस्तान कर्ज में मिले पैसे को विकास कार्यों के बजाए कहीं और खर्च कर रहा है जिसकी सख्त निगरानी होनी चाहिए.
इमरान खान का कहना है कि वह अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) को पत्र लिखकर कहेंगे कि वह पाकिस्तान को देने वाली आर्थिक मदद रोक दें. इमरान ने कहा कि जब तक पाकिस्तान चुनाव में हुई धांधली की जांच का आदेश नहीं दिया जाता, तब तक आईएमएफ नकदी संकट में डूबे पाकिस्तान को कोई मदद नहीं दें.