इनकम टैक्स
एक इनकम, व्यक्तियों या संस्थाओं पर उनके द्वारा अर्जित आय या लाभ के संबंध में लगाया गया टैक्स है. आम तौर पर इनकम टैक्स की गणना कर योग्य आय के टैक्स की दर के गुणनफल के रूप में की जाती है. Taxation Rate करदाता के इनकम अनुसार भिन्न हो सकती हैं (Income Tax).
कर योग्य आय बढ़ने पर कर की दर बढ़ सकती है. कंपनियों पर लगाए गए कर को आमतौर पर कॉर्पोरेट टैक्स के रूप में जाना जाता है (Corporate Tax) और आमतौर पर एक समान दर पर लगाया जाता है. व्यक्तिगत आय पर अक्सर प्रगतिशील दरों पर कर लगाया जाता है जहां आय की प्रत्येक अतिरिक्त इकाई पर लागू कर की दर बढ़ जाती है.
भारत में आयकर भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची की संघ सूची की प्रविष्टि 82 द्वारा शासित है (Income Tax in India). यह केंद्र सरकार को गैर-कृषि आय पर कर लगाने का अधिकार देता है (Non-Agricultural Income). कृषि आय को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10(1) में परिभाषित किया गया है (Agricultural Income). आयकर कानून में 1961 का अधिनियम, आयकर नियम 1962, Central Board of Direct Taxes (CBDT) द्वारा जारी अधिसूचनाएं और परिपत्र, वार्षिक वित्त अधिनियम और सर्वोच्च और उच्च न्यायालयों द्वारा न्यायिक घोषणाएं शामिल हैं.
सरकार व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF), कंपनियों, फर्मों, एलएलपी, संघों, निकायों, स्थानीय अधिकारियों और किसी अन्य न्यायिक व्यक्ति की कुछ आय पर कर लगाती है. व्यक्तिगत कर आवासीय स्थिति पर निर्भर करता है. CBDT आयकर विभाग का प्रशासन करता है, जो वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग का हिस्सा है. Revenue. Income tax सरकारी का एक प्रमुख स्रोत है (Source of Government Funding).
न्यू इनकम टैक्स बिल लोकसभा में किया गया पेश, जानिए आम जनता के लिए क्या बदलेगा
न्यू इनकम टैक्स बिल में अगल- अलग सेक्शन के तहत इनकम पर टैक्स देनदारी, टैक्स छूट, कटौती, जुर्माना और रिफंड जैसी चीजों को डिसक्राइब किया गया है. किस सेक्शन के तहत डिडक्शन का लाभ होगा, किसके तहत रिफंड और पेनल्टी के तौर पर कौन सा सेक्शन लागू होगा? इन सभी चीजों का जिक्र किया गया है.
New Tax Bill 2025: आज लोकसभा में न्यू टैक्स बिल पेश किया जाएगा. इसे बीते सप्ताह ही पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिली थी और संसद में पेश किए जाने के बाद इसे स्टैंडिंग कमिटी के पास विस्तृत चर्चा के लिए भेजा जाएगा.
न्यू इनकम टैक्स बिल में कहा गया है कि अबसे सिर्फ एक ईयर होगा. फाइनेंशियल ईयर, असेसमेंट ईयर और प्रिवियस ईयर सब खत्म हो जाएगा. केवल एक ईयर Tax Year होगा.
नए इकनम टैक्स बिल के डॉफ्ट के मुताबिक, सभी ईयर को खत्म करके अब टैक्स ईयर कर दिया गया है. साथ ही यह बिल 1 अप्रैल 2026 से लागू किया जाएगा. इसमें 536 सेक्शन हैं और 16 अनुसूचियां हैं.
लोकसभा में जल्द न्यू इनकम टैक्स बिल 2025 (New Income Tax Bill 2025) पेश किया जा सकता है और इससे पहले इसकी ड्राफ्ट कॉपी सामने आई है, जो 622 पन्नों का है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को बजट भाषण के दौरान न्यू इनकम टैक्स बिल को लाने की बात कही थी. आज इस बिल की कॉपी सामने आ गई है.
New Income Tax Bill 2025: सरकार नए इनकम टैक्स बिल को कल से शुरू होने वाले सप्ताह में संसद में पेश कर सकती है. इसे बीते शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी भी मिल चुकी है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में ऐलान किया है कि अगर आपकी कमाई 12 लाख रुपये सालाना होती है तो कोई टैक्स देना नहीं पड़ेगा. साथ ही न्यू टैक्स रिजीम में बेसिक टैक्स छूट को 3 लाख से बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दिया गया है. हालांकि अगर ये इनकम शेयर मार्केट से हुई है तो फिर आपको कितना टैक्स देना पड़ेगा? आइए जानते हैं पूरा कैलकुलेशन...
New Tax Bill: बजट 2025 पेश करते हुए बीते सप्ताह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया था कि अगले हफ्ते न्यू टैक्स बिल आएगा और अब इसे लेकर ताजा अपडेट आया है, जिसके मुताबिक शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी मिल सकती है.
RBI MPC Meeting बुधवार 5 फरवरी को शुरू हुई है और इसका अध्यक्षता रिजर्व बैंक के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा कर रहे हैं. उनके द्वारा रेपो रेट को लेकर बैठक में लिए गए फैसलों का ऐलान शुक्रवार को सुबह 10 बजे किया जाएगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 12 लाख रुपये तक इनकम टैक्स छूट से टैक्सपेयर्स के करीब 1 लाख करोड़ रुपये बचेंगे. जो कि बड़ी राशि है और वो इस पैसे को सिस्टम में खर्च करेंगे, तो ग्रोथ को भी बल मिलेगा. वित्त मंत्री ने कहा कि रेलवे, रोडवेज, हाईवे, होम पर सरकार का फोकस बना हुआ है.
बजट 2025 में 12 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स फ्री करने का प्रस्ताव रखा गया है. जिसके बाद अब टैक्सपेयर्स को 12 लाख तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. वहीं टैक्स स्लैब में भी बदलाव हुआ है, जिसके तहत बेसिक टैक्स छूट 3 लाख से बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दी गई है.
बजट में केंद्र सरकार ने टैक्सपेयर्स को राहत देने की घोषणा की है, जिससे मध्यम वर्ग को लाभ होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 12 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों को अब टैक्स नहीं देना होगा. इस कदम को चुनावी रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन सीतारमण ने इसे मिडिल क्लास के सम्मान के रूप में पेश किया.
Marginal Relief Rule: पहले न्यू टैक्स रिजीम में 7 लाख रुपये तक आय पर कोई टैक्स नहीं लगता था. क्योंकि आयकर धारा 87A के तहत 25 हजार रुपये का रिबेट (Rebate) मिल जाता है. अब सरकार ने 12 लाख रुपये तक की आय को करमुक्त करने का ऐलान किया है.
मध्यम वर्ग सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा सक्रिय रहता है. यह वर्ग भले ही वोट न डाले, लेकिन सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जरूर दिखाता है. इस तरह यह वर्ग माहौल बनाने में बड़ी भूमिका दिखाता है. बजट के बाद दिल्ली चुनाव में टेक्स पेयर मध्यम वर्ग के बड़ी भूमिका निभाने की उम्मीद की जा रही है.
CBDT Chairman On Tax Slab: सीबीडीटी के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने बजट में 12 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स फ्री करने के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि सरकार के इस कदम से 90 फीसदी से ज्यादा करदाता New Tax Regime चुनने को प्रेरित होंगे.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बजट 2025 पेश करते हुए सरकारी योजना एनपीएस वात्सल्य स्कीम (NPS Vatsaly Scheme) में निवेश करने वालों के लिए इनकम टैक्स अधिनियम 1961 की धारा 80CCD के सब सेक्शन (1B) के तहत एक्स्ट्रा 50,000 रुपये की टैक्स छूट का भी प्रस्ताव रखा.
नए टैक्स रिजीम के तहत 12 लाख रुपये तक टैक्स फ्री करने और नए टैक्स स्लैब पेश करने के बाद बहुत से लोग यह जानना चाहते हैं कि अगर उनकी सालाना कमाई 12 लाख रुपये से ज्यादा है तो कितना टैक्स भरना पड़ेगा. यहां Easy Calculation दिया गया है.
देश में अभी 1961 का इनकम टैक्स कानून लागू है. बजट 2020 में सरकार ने इसी कानून के तहत एक नई टैक्स रिजीम लागू की थी. लेकिन जुलाई 2024 में पेश किए गए बजट में सरकार ने साफ कहा था कि देश में इनकम टैक्स कानून (Income Tax Rule) को बदलने की जरूरत है. इसके लिए एक समीक्षा कमेटी बनाई गई थी.
अगर आपकी सैलरी 13 लाख रुपए है और इसे टैक्स स्लैब के हिसाब से 4 हिस्सों में बांट लेते हैं. पहले चार लाख, दूसरे चार लाख, तीसरे चार लाख और आखिरी में बचा एक लाख. पहले चार लाख रुपए पर कोई टैक्स नहीं है. अब अगले 4 से 8 लाख वाला जो हिस्सा है, उसमें 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा, यानी ये जाएगा 20 हजार रुपए. अब इसके आगे 8 से 12 लाख रुपये वाले हिस्से पर 10 प्रतिशत टैक्स लगेगा. जो करीब 40 हजार रुपए होगा. अब बचे आखिरी के एक लाख रुपए. ये एक लाख रुपए 15 प्रतिशत टैक्स में आएंगे.