आयकर विभाग
आयकर विभाग (Income Tax Department) को आईटी विभाग (IT Department) या आईटीडी (ITD) भी कहा जाता है. यह भारत सरकार का प्रत्यक्ष टैक्स कलेक्शन करने वाली एक सरकारी एजेंसी है (ITD Government Agency). यह वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन कार्य करता है (ITD under the Finance Ministry). आयकर विभाग का नेतृत्व सर्वोच्च निकाय Central Board of Direct Taxes (CBDT) करता है.
आईटी विभाग की मुख्य जिम्मेदारी भारत सरकार के लिए राजस्व एकत्र करने के लिए विभिन्न प्रत्यक्ष कर कानूनों को लागू करना है. इनमें से सबसे महत्वपूर्ण आयकर अधिनियम 1961 है. यह बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम 1988 और काला धन अधिनियम 2015 जैसे अन्य आर्थिक कानूनों को भी लागू करता है (Income-tax Acts).
आयकर अधिनियम 1961 का दायरा व्यापक है. यह अधिनियम आईटीडी को व्यक्तियों, फर्मों, कंपनियों, स्थानीय प्राधिकरणों, समाजों, या अन्य कृत्रिम न्यायिक व्यक्तियों की आय पर कर लगाने का अधिकार देता है. इसलिए, आयकर विभाग व्यवसायों, पेशेवरों, गैर सरकारी संगठनों, आय अर्जित करने वाले नागरिकों और स्थानीय अधिकारियों को प्रभावित करता है. यह अधिनियम आयकर विभाग को अंतरराष्ट्रीय व्यवसायों और पेशेवरों पर कर लगाने का अधिकार देता है (Income-tax Act 1961).
संवैधानिक रूप से निर्देशित राजनीतिक अर्थव्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए कर चोरी और कर परिहार प्रथाओं का मुकाबला करना आईटीडी का प्रमुख कर्तव्य है (Key Duty of ITD).
New Tax Slab 2025: जिनकी सैलरीड इनकम सालाना 12.75 लाख रुपये है, उन्हें कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा. बता दें, इससे पहले न्यू टैक्स रिजीम 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगता था.
बजट 2025 में मिडिल क्लास को राहत देते हुए कई बड़े ऐलान किए गए थे, जिसमें टैक्स स्लैब में बदलाव से लेकर टीडीस, टैक्स रिबेट और अन्य चीजें शामिल थीं. वहीं पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 की जगह पर नए इनकम टैक्स बिल का प्रस्ताव रखा था.
आयकर अधिनियम की धारा 269ST के तहत, ₹2 लाख या उससे ज्यादा कैश एक्सेप्ट करना चाहे किश्तों में ही क्यों ना हो, 100 फीसदी का जुर्माना लगा सकता है. इसका मतलब है कि जितना आपको मिला है, वह सबकुछ खो सकते हैं.
मुंबई में कंपनी के कई स्थानों पर छापेमारी की जा रही है, जो सुबह से ही चल रही है. आयकर विभाग की फॉरेन असेट यूनिट और मुंबई की इनकम टैक्स इन्वेस्टिगेशन विंग की ओर से सर्च किया जा रहा है.
New Income Tax Bill Rule: अगले साल 1 अप्रैल 2026 से नया इनकम टैक्स एक्ट लागू होने वाला है और इसमें वर्तमान इनकम टैक्स एक्ट-1961 की तुलना में कई बड़े बदलाव किए गए हैं. इनमें खास ये है कि टैक्स चोरी की जांच के दौरान अधिकारी आपका फेसबुक, इंस्टा अकाउंट तक खंगाल सकते हैं.
यह योजना वित्त वर्ष 2024-25 के बकाए का भुगतान करने और पिछले सभी बकाया टैक्स को माफ करने की अनुमति देगी. इसे दिल्ली में निवासियों और बिजनेसेस को राहत देने के लिए डिजाइन किया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा था कि अगले हफ्ते न्यू टैक्स बिल (New Tax Bill) पेश किया जाएगा. अब इसे लेकर एक बड़ा अपडेट आया है. कहा जा रहा है कि कल शुक्रवार को होने वाली मोदी कैबिनेट की बैठक में नए आयकर बिल को मंजूरी मिल सकती है. देखिए ब्रेकिंग न्यूज
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में ऐलान किया है कि अगर आपकी कमाई 12 लाख रुपये सालाना होती है तो कोई टैक्स देना नहीं पड़ेगा. साथ ही न्यू टैक्स रिजीम में बेसिक टैक्स छूट को 3 लाख से बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दिया गया है. हालांकि अगर ये इनकम शेयर मार्केट से हुई है तो फिर आपको कितना टैक्स देना पड़ेगा? आइए जानते हैं पूरा कैलकुलेशन...
Budget Round Table: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 12 लाख रुपये तक इनकम टैक्स छूट से टैक्सपेयर्स के करीब 1 लाख करोड़ रुपये बचेंगे. जो कि बड़ी राशि है, और वो इस पैसे को सिस्टम में खर्च करेंगे, तो इकोनॉमी को भी बल मिलेगा.
Marginal Relief Rule: पहले न्यू टैक्स रिजीम में 7 लाख रुपये तक आय पर कोई टैक्स नहीं लगता था. क्योंकि आयकर धारा 87A के तहत 25 हजार रुपये का रिबेट (Rebate) मिल जाता है. अब सरकार ने 12 लाख रुपये तक की आय को करमुक्त करने का ऐलान किया है.
New Tax Regime: अगर आप भी 12 लाख तक की कमाई पर करमुक्त का लाभ उठाना चाहते हैं तो 1 अप्रैल 2025 के बाद से इस रिजीम को चुन सकते हैं. 1 अप्रैल से ओल्ड टैक्स रिजीम वाले इसमें शिफ्ट हो सकते हैं, जिनकी आय 12.75 लाख रुपये तक है.
Income Tax Rule: पंकज की मौजूदा समय में सालाना कमाई (Gross Income) 12.75 लाख रुपये है, और वो प्राइवेट जॉब करते हैं. मान लीजिए इस साल उन्हें 5 फीसदी का अप्रैजल मिलता है. यानी उनकी सैलरी में 5 फीसदी का इजाफा होता है, फिर क्या होगा?
Income Tax on Budget: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में बड़ा ऐलान किया है. वित्त मंत्री ने कहा कि अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल संसद में रखा जाएगा. जिसमें आयकर से जुड़े कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे.
जुलाई 2024 में पेश किए गए पिछले बजट में नई कर व्यवस्था के तहत कुछ बदलाव किए गए थे, जिसमें संशोधित टैक्स स्लैब से लेकर बढ़ी हुई स्टैंडर्ड डिडक्शन तक शामिल था. इस बार आयकर स्लैब, पूंजीगत लाभ कर और वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए लाभ में संभावित बदलाव की उम्मीद है.
Best Tax Saving Rule: अगर आपकी आय सालाना 12 लाख है, तो अभी ओल्ड टैक्स रिजीम फायदे का सौदा साबित हो सकता है, यूं कहें कि उन्हें एक रुपया इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा. इसके लिए ओल्ड टैक्स रिजीम में मिल रहे Exemption और Deduction का क्लेम करना होगा.
Old Tax Slab vs New Tax Slab: आइए जानते हैं कि 15 लाख रुपये की आय पर Old या New Tax Slab बेहतर? अगर आपकी भी सैलरी इसके आसपास है तो इस फॉर्मूले के तहत टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं...
ITR Filing Last Date: ऐसे टैक्सपेयर्स जो फाइनेंशियल ईयर 2023-24 (असेसमेंट ईयर 2024-25) के लिए ITR दाखिल करने की 31 जुलाई की डेडलाइन से चूक चुके हैं, उनके लिए बिलेटेड आईटीआर फाइलिंग की डेडलाइन आज खत्म हो रही है.
कुछ लोगों का यहां तक कहना है कि पुरानी टैक्स व्यवस्था (Old Tax Regime) को बंद किया जा सकता है. लेकिन टैक्स एक्सपर्ट्स इसे बरकरार रखने की पुरजोर वकालत कर रहे हैं.
टैक्स बचाने के तरीकों के बारे में उन लोगों को ज्यादा सोचाना चाहिए, जिनकी सालाना कमाई 7 लाख रुपये से ज्यादा है. अगर उनकी सैलरी 7 लाख रुपये से कम है तो वे न्यू टैक्स रिजीम का विकल्प चुनकर टैक्स देनदारी को खत्म कर सकते हैं.
Vivad Se Vishwas Scheme: विवादित टैक्स निपटारे के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई विवाद से विश्वास स्कीम की डेडलाइन आज खत्म होने वाली थी, लेकिन ऐन मौके पर इसकी डेडलाइन को 1 महीने के लिए आगे बढ़ाने का फैसला किया गया है.
ऐसे टैक्सपेयर्स जो फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए ITR दाखिल करने की 31 जुलाई की डेडलाइन से चूक चुके हैं, उनके पास 31 दिसंबर तक Belated ITR दाखिल करने का मौका है. इसे आयकर अधिनियम की धारा 234F के मुताबिक लेट फीस के साथ फाइल कर सकते हैं.