इंडियन डिफेंस
इंडियन डिफेंस (Indian Defence) भारतीय अर्थव्यवस्था में खर्च करने वाले प्रमुख क्षेत्रों में से एक है. भौगोलिक और स्थलाकृतिक विविधता के साथ भारत 15,000 किमी लंबी सीमा जिसे सात पड़ोसी देशों के साथ साझा करता है, भारतीय रक्षा बलों (Indian Defence Forces) के लिए अद्वितीय चुनौतियां हैं. इंडियन डिफेंस भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना और अर्धसैनिक बलों की गतिविधियों से संबंधित पूरी जानकारी देता है.
भारत के रक्षा मंत्रालय (MoD) पर सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा और भारतीय सशस्त्र बलों से संबंधित सरकार की सभी एजेंसियों और कार्यों के समन्वय और पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी है. भारत के राष्ट्रपति देश के सशस्त्र बलों के औपचारिक कमांडर-इन-चीफ होते हैं. रक्षा मंत्रालय सशस्त्र बलों को देश की रक्षा के संदर्भ में उनकी जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिए नीतिगत ढांचा और संसाधन प्रदान करता है. रक्षा मंत्रालय के तहत भारतीय सशस्त्र बल (भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, भारतीय नौसेना सहित) और भारतीय तटरक्षक बल भारत की क्षेत्रीय अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार होते हैं (Responsibility of Ministry of Defence ).
वर्तमान में, सैन्य अधिकारियों और संबंधित नागरिक अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के नए निर्माण का संचालन मंत्रालय द्वारा किया जाएगा, साथ ही, इसकी देखरेख की जाएगी. मंत्रालय हर साल जनवरी में गणतंत्र दिवस समारोह और परेड आयोजित करता है और एक मुख्य अतिथि की मेजबानी करता है. मंत्रालय के पास भारत के संघीय विभागों में सबसे बड़ा बजट है और वर्तमान में दुनिया में सैन्य खर्च में तीसरे स्थान पर है (Indian Defence Ministry).
वर्ष 1776 में कोलकाता में अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी की सर्वोच्च सरकार में एक सैन्य विभाग बनाया गया था, जिसका मुख्य कार्य ईस्ट इंडिया कंपनी सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा जारी सेना से संबंधित आदेशों को छानना और रिकॉर्ड करना था. सैन्य विभाग शुरू में सार्वजनिक विभाग की एक शाखा के रूप में कार्य करता था और सेना के कर्मियों की एक सूची रखता था. चार्टर अधिनियम 1833 के साथ, ईस्ट इंडिया कंपनी की सरकार के सचिवालय को चार विभागों में पुनर्गठित किया गया, जिनमें से प्रत्येक का नेतृत्व सरकार के एक सचिव ने किया. बंगाल, बॉम्बे और मद्रास की प्रेसीडेंसी में सेनाएं अप्रैल 1895 तक संबंधित प्रेसीडेंसी सेनाओं के रूप में कार्य करती थीं. बाद में प्रेसीडेंसी सेनाओं को एक भारतीय सेना में एकीकृत किया गया. प्रशासनिक सुविधा के लिए, इसे चार कमांडों में विभाजित किया गया- पंजाब (उत्तर पश्चिम सीमा सहित), बंगाल (बर्मा सहित), मद्रास और बॉम्बे (सिंध, क्वेटा और अदन सहित) (History).
एक कारोबारी दिन पहले पारस डिफेंस के शेयर (Paras Defence Share) 9 फीसदी से अधिक उछलकर बंद हुए थे और आज ह 20 फीसदी चढ़कर बंद हुआ.
पहलगाम आंतकी हमले के बाद पाकिस्तान डरा हुआ है. उसने भारतीय सीमा के पास कई रडार लगा रखे हैं. साथ ही एयर डिफेंस सिस्टम भी. इन रडार को भारत की सिर्फ दो मिसाइलें हीं खत्म कर सकती है. SEAD रणनीति के तहत भारत SU-30MKI से इन दोनों मिसाइलों से हमला कर सकती है. जानिए इन मिसाइलों के बारे में...
भारत के पास कई उन्नत मिसाइलें हैं जो कुछ ही सेकंड या मिनट में पाकिस्तान के शहरों जैसे लाहौर, इस्लामाबाद और कराची को निशाना बना सकती हैं. ये मिसाइलें हाइपरसोनिक गति, MIRV तकनीक और सटीकता के कारण पाकिस्तान की रक्षा प्रणालियों के लिए खतरा हैं.
एक प्रमुख स्वीडिश थिंक टैंक की ताज़ा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2024 में भारत ने अपनी सैन्य तैयारियों पर पाकिस्तान के मुकाबले 9 गुना ज़्यादा खर्च किया है. यह रिपोर्ट भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव, विशेषकर पहलगाम हमले के संदर्भ में, सामने आई है. इस रिपोर्ट में भारत की रक्षा तैयारियों को लेकर यह महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है, जो क्षेत्रीय सैन्य संतुलन पर प्रकाश डालती है. देखें...
राफेल मरीन (Rafale-M) और भारतीय वायुसेना के राफेल (Rafale) जेट्स में कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं. राफेल मरीन को समुद्री संचालन और विमानवाहक पोतों पर उपयोग के लिए विशेष रूप से ढाला गया है. जबकि राफेल को जमीन से उड़कर हवाई युद्ध, सतह पर हमला और निगरानी के लिए बनाया गया है.
भारत और फ्रांस ने आज भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल मरीन विमानों की खरीद के लिए 63,000 करोड़ रुपये के मेगा सौदे पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते पर भारतीय पक्ष की ओर से रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और नौसेना उप प्रमुख वाइस एडमिरल के स्वामीनाथन मौजूद थे.
भारत और फ्रांस के बीच 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों का सौदा होने वाला है, जिस पर दिल्ली के नौसेना भुवन में हस्ताक्षर किए जाएंगे. ₹63,000 करोड़ से अधिक की यह डील 22 अप्रैल के पहलगाम हमले के बाद कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक में तय हुई थी। ये विमान INS विक्रांत पर तैनात होंगे.
आसमान से राफेल फाइटर जेट तो समंदर से Rafale-M करेगा पाकिस्तान पर चोट. M का मतलब Marine. यानी समंदर में इस्तेमाल होने वाला राफेल फाइटर जेट. भारत और फ्रांस 28 अप्रैल 2025 यानी आज 26 राफेल-एम फाइटर जेट की डील कर रहे है. PAK के नजदीक INS Vikrant एयरक्राफ्ट कैरियर पर होगा तैनात.
चीन ने पाकिस्तान को PL-15 मिसाइलों की "एक्सप्रेस" डिलीवरी की, ताकि भारतीय राफेल के खतरे को टाला जा सके. पाकिस्तान को ये नहीं पता कि वो जिस चीनी मिसाइल के दम पर उछल रहा है, उसकी काट भारत के पास है.
भारत आज फ्रांस के साथ 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों के सौदे पर हस्ताक्षर करेगा, जिनकी कीमत 63,000 करोड़ रुपए है. ये परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम विमान भारतीय नौसेना के युद्धपोतों आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत पर तैनात किए जाएंगे. इनमें 22 सिंगल-सीटर और 4 डबल-सीटर ट्रेनर विमान शामिल हैं.
DRDO ने हाल ही स्क्रैमजेट इंजन का परीक्षण किया था. ये इंजन भारत की नई सीक्रेट हाइपरसोनिक मिसाइल में लगा है. अगर ये मिसाइल जम्मू से दागी तो 64 सेकेंड में इस्लामाबाद तबाह हो सकता है. क्योंकि भारत की इस मिसाइल की स्पीड 11 हजार km/hr से थोड़ी ज्यादा है.
पहलगाम हमले के बाद जारी तनाव के बीच आज भारत और फ्रांस के बीच 26 राफेल विमानों की डील होने जा रही है. ये डील 63,000 करोड़ रुपए की है और इससे भारतीय नौसेना की समुद्री युद्ध क्षमताओं में इजाफा होगा. दिल्ली स्थित नौसेना भवन में होने वाले इस समझौते से पाकिस्तान की टेंशन बढ़ना तय है.
पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में संघर्ष विराम का उल्लंघन करने से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है. अप्रैल महीने में कई बार पाकिस्तानी सेना ने संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन किया है. भारतीय सेना ने इसका करारा मुंहतोड़ जवाब दिया है.
PAK आतंकियों ने पहलगाम में जो हमला किया, उसके बाद से सीमा पर तनाव है. इस बीच भारत-फ्रांस के साथ Rafale-M फाइटर जेट की डील होने वाली है. इस डील से भारत, पाकिस्तान के ऊपर एक रणनीतिक दबाव बनाएगा. आइए जानते है ये डील और फाइटर जेट क्यों अहम है?
Pahalgam terror attack के बाद खबर आई कि PAK मिसाइल परीक्षण करने वाला है. उससे पहले भारतीय नौसेना ने अपने लेटेस्ट INS Surat से मीडियम रेंज मिसाइल की टेस्ट फायरिंग की. विशाखापट्टनम क्लास मिसाइल डेस्ट्रॉयर में बराक और ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें लगी हैं.
भारत का चेनाब और झेलम नदियों के ऊपरी हिस्सों पर नियंत्रण उसे रणनीतिक लाभ प्रदान करता है. भारत इन नदियों के प्रवाह को नियंत्रित करके पाकिस्तान पर दबाव डाल सकता है, जिससे तनाव बढ़ सकता है. पाकिस्तान को घुटनों पर लाने के लिए ये सख्त कदम है. जानिए क्या होगा पाकिस्तान के साथ...
भारत और फ्रांस 26 राफेल-एम जेट के लिए समझौते पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं. यह समझौता भारतीय नौसेना के लिए होगा. समझौते पर सोमवार को हस्ताक्षर होंगे. फ्रांसीसी राजदूत और रक्षा सचिव की उपस्थिति में होगा समझौता.
Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत अपनी मिसाइलों से करारा हमला कर सकता है. ऐसे में सवाल उठता है कि भारत के पास ताकतवर और खतरनाक मिसाइल हैं. या फिर पाकिस्तान के पास. आइए जानते हैं भारत और पाकिस्तान की पांच-पांच सबसे घातक मिसाइलों के बारे में...
अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध की संभावना कम है, लेकिन गलतफहमी या तर्कहीन प्रतिक्रिया से स्थिति बिगड़ सकती है. कश्मीर विवाद दोनों देशों के बीच तनाव का मुख्य कारण है. पाकिस्तान के आर्मी चीफ के बयान से तनाव और बढ़ गया है.
INS विक्रांत भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है, जो भारतीय नौसेना की शक्ति और क्षमता को बढ़ाता है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद नौसेना ने इसे पाकिस्तान के करीब पहुंचा दिया है. यह युद्धपोत विभिन्न हथियारों और विमानों से लैस है, जो इसे एक शक्तिशाली कैरियर स्ट्राइक ग्रुप बनाता है.
चीनी ने बिना किसी परमाणु सामग्री का उपयोग किए हाइड्रोजन बम का सफलतापूर्वक विस्फोट किया है. 2 किलोग्राम का बम 1000 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान वाला आग का गोला उत्पन्न करता है, जो 2 सेकंड से अधिक समय तक रहता है. ये भारत के लिए खतरा है.