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पुलिस एक्ट

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पुलिस एक्ट

पुलिस एक्ट (Police Act) को 1861 में लागू किया गया था. एक्ट की धारा 23 के अनुसार, सक्षम अधिकारी द्वारा जारी किए गए सभी आदेशों और वारंटों को कानूनी रूप से पालन और निष्पादित करना हर पुलिस-अधिकारी का कर्तव्य है. सार्वजनिक शांति को प्रभावित करने वाली खुफिया जानकारी हासिल करना, अपराधों को रोकना और अपराधियों को पकड़ के कानून के समक्ष लाना पुलिस की ड्यूटी है (Duties of Police). 

इंडियन पुलिस एक्ट में कई तरह की खामियां भी मौजूद हैं. यह बिना वारंट के किसी भी जगह पर प्रवेश करना और जांच - पड़ताल करना वैध माना जाता है. पुलिस को सिर्फ अपराध के आधार पर किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने की शक्ति देता है (Flaws in Indian Police Act). 

1861 का पुलिस अधिनियम 1857 के विद्रोह के ठीक बाद देश में पुलिस का कुशल प्रशासन लाने और भविष्य के किसी भी विद्रोह को रोकने के लिए अंग्रेजों द्वारा बनाया गया था. भारत के ब्रिटिश उपनिवेश से एक संप्रभु गणराज्य में बदलने के बावजूद यह अधिनियम जारी है. हालांकि 1981 में एक आदर्श पुलिस अधिनियम का मसौदा तैयार किया गया था, लेकिन इसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका (Indian Police Act History). 

पुलिस पर राज्य के अधिकांश कानून भारतीय पुलिस अधिनियम पर ही आधारित हैं. यह अधिनियम पुलिस को अपराध और आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने, नियंत्रित करने और उनका पता लगाने में एक अधिक कुशल बनाने के लिए बनाया गया था. पुलिस अधिनियम हर राज्य सरकार को अपना पुलिस बल स्थापित करने की शक्ति देता है (Power of Indian Police Act).

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