महंगाई दर
मुद्रास्फीति, इंफ्लेशन या महंगाई (Inflation) उन वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों के स्तर में वृद्धि है जो एक घर चलाने के लिए जरुरी है. इसे उन कीमतों के परिवर्तन की दर के रूप में मापा जाता है. आमतौर पर, कीमतें समय के साथ बढ़ती हैं (Inflation Rate), लेकिन कीमतें भी गिर सकती हैं.
इंफ्लेशन का संकेतक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) है, जो घरों द्वारा उपभोग की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं की कीमत में अतर को प्रतिशत में मापता है (Measurement of Inflation Rate).
मुद्रास्फीति एक अर्थव्यवस्था में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में सामान्य वृद्धि है. जब सामान्य मूल्य स्तर बढ़ता है, मुद्रा की प्रत्येक इकाई कम सामान और सेवाएं खरीदती है. इंफ्लेशन (Inflation) के विपरीत अपस्फीति यानी डिफ्लेशन है (Deflation), वस्तुओं और सेवाओं के सामान्य मूल्य स्तर में निरंतर कमी को दर्शाता है. मुद्रास्फीति का सामान्य उपाय मुद्रास्फीति दर है. एक सामान्य मूल्य सूचकांक में वार्षिक प्रतिशत परिवर्तन है. कीमतें एक ही दर से नहीं बढ़ती हैं इसलिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) अक्सर इस उद्देश्य के लिए उपयोग किया जाता है (Inflation Rate).
अगर किसी की बेसिक सैलरी 50 हजार रुपये है तो 53% डीए के हिसाब से उसे ₹26,500 का महंगाई भत्ता मिलता होगा, लेकिन 55 फीसदी के डीए के हिसाब से उसे ₹27,500 का डीए मिलेगा. यानी कर्मचारियों की सैलरी में 1 हजार रुपये का इजाफा होगा.
महंगाई भत्ता (DA) कर्मचारियों को उनके बेसिक सैलरी के ऊपर दी जाने वाली एक अतिरिक्त राशि है. इसका कैलकुलेशन बेसिक सैलरी पर किया जाता है और यह कर्मचारी की मंथली इनकम पर महंगाई के प्रभाव को कम करने में मदद करता है.
Wholesale Inflation: रिटेल महंगाई पर राहतभरे आंकड़े पेश करने के बाद सोमवार को सरकार ने थोक महंगाई का डेटा जारी किया है. फरवरी महीने में होलसेल महंगाई 2.31% से बढ़कर 2.38% हो गई है.
Holi से पहले देश के लिए 2 अच्छी खबरें, महंगाई 7 महीने में सबसे कम... IIP में उछाल
अभी देश के लगभग हर हिस्से में बढ़िया बारिश हो रही है, जिस कारण निर्माण संबंधी गतिविधियां सुस्त पड़ी हैं. इसका असर सरिया समेत अन्य सामग्रियों की डिमांड पर हुआ है. डिमांड में कमी आने से एक बार फिर इनके भाव नरम पड़ने लग गए हैं. जानिए आपके शहर में अभी सरिया का क्या भाव चल रहा है...
भारत की खुदरा महंगाई दर को लेकर बड़ी खुशखबरी सामने आई है. फरवरी महीने के दौरान खुदरा महंगाई दर 7 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है. यह आरबीआई के दायरे से काफी कम है.
US Stock Market में बीते कारोबारी दिन हड़कंप मचा नजर आया और डाउ जोन्स से लेकर एसएंडपी इंडेक्स तक बुरी तरह टूटे. नैस्डेक तो 4 फीसदी तक फिसल गया. इस बीच मंगलवार को एशियाई बाजारों में भी बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है.
IMF On Indian Economy: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत पर भरोसा कायम रखते हुए वित्त वर्ष 2026 में इसके दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था बने रहने का अनुमान जताया है और कहा है इकोनॉमी की ग्रोथ 6.5% रह सकती है.
राज्य सरकार के कर्मचारियों को इस बढ़ोतरी के लिए लंबे समय से इंतजार था, जिसे लेकर अब ऐलान किया गया है. इस बढ़ोतरी से DA 443 प्रतिशत से बढ़कर 455 प्रतिशत हो गया है. यह बढ़ोतरी कर्मचारियों को महंगाई से राहत देगा. साथ ही पेंशनर्स के लिए भी इतनी ही महंगाई राहत में बढ़ोतरी (DR Hike) का ऐलान किया गया है.
Pakistan में इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक ओपिनियन रिसर्च (IPOR) के हालिया अध्य्ययन में पता चला है कि पाकिस्तान में 54% सिगरेट ब्रांड अवैध हैं और ये सरकारी राजस्व का बड़ा नुकसान करा रहे हैं.
Stock Market में बीते 10 कारोबारी दिनों से गिरावट जारी है, लेकिन अब इस पर ब्रेक लगने की उम्मीद है. दरअसल, महंगाई दर घटने के साथ ही कई ऐसे संकेत मिले हैं, जो भारतीय इकोनॉमी के लिए बेहतर हैं. इनमें टेस्ला की एंट्री से अलावा कतर से भारत में निवेश का ऐलान तक शामिल है.
सबसे पहले सरकार ने 1 फरवरी को बजट में 12 लाख रुपये तक के इनकम पर टैक्स फ्री करके बड़ी राहत दी. इसके बाद रेपो रेट में कटौती का ऐलान किया गया, जिससे लोन की ईएमआई में कमी आ सकती है. अब एक और बड़ी खबर आई है.
Retail Inflation: जनवरी महीने में खुदरा महंगाई दर 4.31 फीसदी पर आ गई, जो इसका पांच महीने का निचला स्तर है. खासतौर पर खाने-पीने के सामान सस्ते होने से खुदरा महंगाई दर में ये कमी दर्ज की गई है.
अगर किसी ने 50 लाख रुपये का होम लोन 8.50 फीसदी ब्याज पर 20 साल के लिए लिया है तो उसे हर महीने 43,391 रुपये ईएमआई देनी पड़ रही होगी, लेकिन रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती के बाद यह मंथली ईएमआई 42,603 रुपये हो जाएगी. यानी कि हर महीने 788 रुपये बचेंगे.
अमूल ने अपने दूध के दाम में ₹1 प्रति लीटर की कटौती की है. यह खबर महंगाई से जूझ रहे आम जनता के लिए राहत भरी है. पिछले कुछ समय से लगातार बढ़ती कीमतों के बीच किसी वस्तु का सस्ता होना दुर्लभ हो गया था. अमूल के इस फैसले से उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत मिलेगी. यह कदम दूध उत्पादन में वृद्धि और लागत में कमी का संकेत हो सकता है. अमूल भारत का सबसे बड़ा डेयरी ब्रांड है और इसके दाम में कमी से अन्य कंपनियों पर भी दबाव बढ़ सकता है.
गरीब परिवारों को सब्सिडी वाली रसोई गैस उपलब्ध कराने के लिए अब तक 10.33 करोड़ एलपीजी कनेक्शन जारी किए गए हैं. उज्ज्वला लाभार्थियों को बतौर सब्सिडी 300 रुपये प्रति सिलेंडर मिलते हैं.
भारतीय बाजार में श्रिंकफ्लेशन की वजह से उपभोक्ता काफी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. कंपनियां अपनी लागत बढ़ाने की बजाय उत्पादों की मात्रा को कम कर रही हैं. पिछले तीन महीनों में इस कारण से घरेलू सामान की कीमतें 10% तक बढ़ गई हैं. हल्दीराम, पार्ले, विम जैसी प्रमुख कंपनियां अपने उत्पादों का वजन घटा चुकी हैं, जिससे उपभोक्ता चिंतित हैं.
FMCG कंपनियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बढ़ती लागत है। साबुन, स्नैक्स और चाय जैसे प्रोडक्ट्स में मार्जिन बनाए रखना मुश्किल हो गया है. पाम ऑयल और चाय जैसी कमोडिटी की कीमतें सालाना आधार पर करीब 30 फीसदी तक बढ़ रही हैं.
कुछ FMCG कंपनियों ने संकेत दिया है कि उन्हें कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी का सामना करना पड़ रहा है जिसकी वजह से उनके ऊपर कई प्रॉडक्ट्स के दाम बढ़ाने का दबाव है.
Startup विजडम हैच (Wisdom Hatch) के फाउंडर अक्षत श्रीवास्तव ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा है का तर्क है कि हॉलिडे डेस्टिनेशंस के महंगे होने की समस्या पूरे भारत में गहरी होती जा रही है. शिमला अब जॉर्जिया से भी महंगा हो चुका है.
भारत के लिए एक बड़ी गुड न्यूज है. गुरुवार को सरकार ने नवंबर में महंगाई दर के आंकड़े जारी किए, जो देश की जनता के लिए राहत भरे हैं.