इंडियन नेशनल लोक दल (Indian National Lok Dal) मुख्य रूप से हरियाणा में स्थित एक राजनीतिक दल है. इसकी शुरुआत 1996 में देवी लाल ने हरियाणा लोक दल (राष्ट्रीय) के रूप में की गई थी, जो भारत के उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत थे.
पार्टी हरियाणा राज्य में किसानों के अधिकारों और ग्रामीण विकास की वकालत करती है. इसने कृषि सुधारों और क्षेत्रीय विकास की वकालत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. पार्टी को आम तौर पर क्षेत्रवाद की विचारधारा का पालन करने वाला माना जाता है.
पार्टी का नेतृत्व देवीलाल के बेटे ओम प्रकाश चौटाला कर रहे हैं, दोनों ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में काम किया है. उनके बेटे अभय सिंह चौटाला महासचिव हैं.
27 जनवरी 2021 को, अभय सिंह चौटाला ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने किसानों की मांगों को स्वीकार करने से इनकार करने का हवाला देते हुए पार्टी के एकमात्र विधायक के रूप में इस्तीफा दे दिया था. बाद में उन्हें 2 नवंबर 2021 को एक उपचुनाव में ऐलनाबाद निर्वाचन क्षेत्र से फिर से चुना गया.
देवी लाल के बेटे ओमप्रकाश चौटाला भी भारतीय राजनीति के दिग्गजों में से एक थे. ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल के बेटे थे. सिरसा जिले की डबवाली तहसील का चौटाला गांव चौटाला परिवार की जन्मभूमि और कर्मभूमि दोनों रही है.
हरियाणा में सत्ताधारी बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस मजबूती से लड़ रही है. लेकिन, ऐन उसी वक्त कई ऐसे भी घटनाक्रम हुए हैं, जो कांग्रेस के लिए बिलकुल भी अच्छे नहीं हैं - और कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा की नाराजगी भी इन्हीं में से एक है.
इस बार के लोकसभा चुनाव में जननायक जनता पार्टी सिर्फ 0.87 प्रतिशत मत हासिल कर सकी, वहीं इंडियन नेशनल लोकदल को मात्र 1.74 फीसदी वोट मिले. जाट समुदाय इनेलो और जेजेपी का प्राथमिक वोट बैंक रहा है. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में जाट कांग्रेस की तरफ चले गए. ऐसे में पार्टी का अस्तित्व बचाए रखने के लिए इस विधानसभा चुनाव में जहां इनेलो ने बसपा के साथ गठबंधन किया हैं, वहीं जेजेपी ने चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी से हाथ मिलाया है.
हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले बीएसपी और आईएनएलडी ने हाथ मिलाने का फैसला किया है. बीएसपी नेता आकाश आनंद ने आईएनएलडी से गठबंधन की घोषणा करते हुए कहा कि 'अगर हम फतह हासिल करते हैं, तो अभय चौटाला को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा'. 'अभय चौटाला और मायावती के बीच विस्तार से सीटों पर चर्चा हुई, 90 में से 37 सीटों पर बीएसपी चुनाव लड़ेगी और बाकी सीटें आईएनएलडी के खाते में जाएंगी'.
हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने वाला है. इससे पहले सियासी गलियारों में अलग-अलग तरह की चर्चाएं हो रही हैं. अब, इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान सचिव ने कहा कि, हम विधानसभा चुनाव बीएसपी के साथ मिलकर लड़ेंगे.