अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पृथ्वी की निचली कक्षा में एक मॉड्यूलर स्पेस स्टेशन (रहने योग्य कृत्रिम उपग्रह) है. यह एक बहुराष्ट्रीय सहयोगी परियोजना है जिसमें पांच प्रतिभागी अंतरिक्ष एजेंसियां शामिल हैं- NASA (संयुक्त राज्य अमेरिका), रोस्कोस्मोस (रूस), JAXA (जापान), ESA (यूरोप), और CSA (कनाडा).
अंतरिक्ष स्टेशन का स्वामित्व और उपयोग अंतर सरकारी संधियों और समझौतों द्वारा स्थापित किया गया है. यह स्टेशन एक माइक्रोग्रैविटी और अंतरिक्ष पर्यावरण अनुसंधान प्रयोगशाला के रूप में कार्य करता है जिसमें खगोल जीव विज्ञान, खगोल विज्ञान, मौसम विज्ञान, भौतिकी और अन्य क्षेत्रों में वैज्ञानिक अनुसंधान किया जाता है. ISS चंद्रमा और मंगल पर संभावित भविष्य की लंबी अवधि के मिशन के लिए आवश्यक अंतरिक्ष यान प्रणालियों और उपकरणों के परीक्षण के लिए उपयुक्त है.
ISS Programme, स्पेस स्टेशन फ्रीडम से विकसित हुआ है. यह एक स्थायी रूप से मानवयुक्त पृथ्वी-परिक्रमा स्टेशन था जिसका निर्माण 1984 में अमेरिका ने किया था (First proposal). इसी तरह के उद्देश्यों के साथ 1976 से समकालीन सोवियत/रूसी मीर-2 ने भी प्रस्तावित किया (Soviet/Russian Mir-2).
सोवियत, रूसी सैल्यूट, अल्माज, मीर स्टेशन (Mir stations) और अमेरिकी स्काईलैब (American Skylab) के बाद, ISS नौवां अंतरिक्ष स्टेशन है जिसमें चालक दल रहते हैं. यह अंतरिक्ष में सबसे बड़ी कृत्रिम वस्तु है और पृथ्वी की निचली कक्षा में सबसे बड़ा उपग्रह है, जो नियमित रूप से पृथ्वी की सतह से नग्न आंखों से देखा जा सकता है. ISS पृथ्वी का लगभग 93 मिनट में चक्कर लगाता है और रोज 15.5 परिक्रमाएं पूरी करता है (ISS circles the Earth).
स्टेशन को दो खंडों में विभाजित किया गया है पहला, Russian Orbital Segment (ROS) रूस द्वारा संचालित है, जबकि दूसरा, United States Orbital Segment (USOS) संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ-साथ अन्य राज्यों द्वारा चलाया जाता है. रूसी खंड में छह मॉड्यूल शामिल हैं और यूएस सेगमेंट में दस मॉड्यूल शामिल हैं, जिनकी हेल्पिंग सर्विस NASA के लिए 76.6%, JAXA के लिए 12.8%, ESA के लिए 8.3% और CSA के लिए 2.3% वितरित की जाती हैं (ISS is divided into two sections).
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला Axiom-4 Mission के लिए मुख्य पायलट के रूप में चुना गया है, जो मार्च से मई 2025 के बीच में होने वाला है. ये स्पेसक्राफ्ट को स्पेस स्टेशन ले जाएंगे. यह मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए मानव अंतरिक्ष उड़ान के लक्ष्य को साकार करेगा.
दुनिया का सबसे बड़ा मानव जमावड़ा धरती से 450 km दूर अंतरिक्ष से कैसा दिखता है? प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ की फोटो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से आई है. जिसमें यूपी का ये नया जिला रात में रोशन दिख रहा है. यह फोटो नासा के एस्ट्रोनॉट Don Pettit ने शेयर किया है.
SpaceX के ड्रैगन कैप्सूल में तकनीकी दिक्कत की वजह से अब सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर फरवरी 2025 के बजाय मार्च के अंत तक धरती पर वापस आएंगे. क्योंकि अगले मिशन के लिए स्पेसएक्स नया ड्रैगन कैप्सूल बना रहा है, जिसमें थोड़ा समय लगेगा.
X (पुराना टि्वटर) हैंडल पर एक वीडियो पसंद किया जा रहा है. जिसमें स्पेस स्टेशन के पीछे से एक रोशनी वाली चीज जाती दिख रही है. दावा है कि जैसे ही ये चीज दिखाई दी नासा ने लाइव फीड काट दिया. दो ट्विटर हैंडल ने दावा किया है कि ये एलियन यूएफओ (Alien UFO) है. देखिए वीडियो...
शरीर आपका. उम्र आपकी हो रही है. बुढ़ापा आप पर हावी हो रहा है लेकिन वैज्ञानिक कह रहे हैं इसके पीछे की वजह अंतरिक्ष में पता चलेगी. ये हैरान करने वाली बात कह रहे हैं ऑक्सफोर्ड स्पेस इनोवेशन लैब के साइंटिस्ट. आइए जानते हैं कि हमारे बुढ़ापे का रहस्य का खुलासा अंतरिक्ष में कैसे होगा?
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर रूसी यान के आते ही एक रहस्यमयी जहरीली दुर्गंध फैल गई. जिसकी वजह से रूसी यान के दरवाजे यानी हैच को बंद करना पड़ा. इसी यान ने स्पेस स्टेशन को पिछले कुछ दिनों में दो बार अंतरिक्ष के कचरे से बचाया था. लेकिन अब इस विचित्र गंध की वजह भी बना हुआ है.
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर इस समय सुनीता विलियम्स को लेकर छह लोग मौजूद हैं. लेकिन 19 और 25 नवंबर को इन सबकी जान पर आफत आ गई थी. अंतरिक्ष का कचरा स्पेस स्टेशन से टकराने वाला था. तब रूस के कार्गो शिप ने स्पेस स्टेशन की पोजिशन बदली. तब जाकर ये सारे एस्ट्रोनॉट्स और स्टेशन बच पाया.
Space Station पर Sunita Williams समेत सभी अंतरिक्षयात्रियों के लिए खतरा है. नासा लगातार रूसी स्पेस एजेंसी को कह रहा है कि पांच साल से लीक हो रहे रूसी मॉड्यूल को सुधार ले. लेकिन रूसी एजेंसी इसे लेकर कोई काम नहीं कर रही है. यूक्रेन युद्ध के चलते दोनों एजेंसियों के बीच स्पेस स्टेशन को लेकर विवाद चल रहा है.
Sunita Williams को धरती पर वापस लाने वाला SpaceX का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट अब इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से जुड़ गया है. Crew-9 नाम के इस मिशन में अमेरिकी एस्ट्रोनॉट निक हेग और रूसी कॉस्मोनॉट एलेक्जेंडर गोरबुनोव गए हैं. इनका स्वागत सुनीता ने खुद किया. इनके साथ ही फरवरी 2025 में सुनीता और बुच धरती पर वापस लौटेंगे. इस समय स्पेस स्टेशन पर 11 लोग हैं.
SpaceX के जिस ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ने मानव इतिहास में पहली बार 737 km ऊपर अंतरिक्ष में स्पेसवॉक का सपना पूरा किया. उसी ड्रैगन कैप्सूल से सुनीता विलियम्स वापस धरती पर आएंगी. स्पेसएक्स का क्रू-9 प्रोग्राम रेडी है. 24 सितंबर को ड्रैगन कैप्सूल से दो लोग अंतरिक्ष में जाएंगे. फरवरी में उन दोनों के साथ सुनीता और बुच वापस आएंगे. आइए जानते हैं कि ड्रैगन क्रू कैप्सूल क्या है?
बोईंग का स्टारलाइनर न्यू मेक्सिको के व्हाइट सैंड्स स्पेस हार्बर में सुरक्षित लैंड कर गया है. वो भी सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को स्पेस स्टेशन पर अटकाने के बाद. हालांकि अच्छा हुआ कि ये कार्गो लेकर लौटा, क्योंकि ये एस्ट्रोनॉट्स को लेकर लौटता तो दोनों की जिंदगी को रिस्क रहता.
स्पेस स्टेशन पर सुनीता विलियम्स को फंसाने वाले स्टारलाइनर ने धरती की तरफ अपनी यात्रा 6 सितंबर 2024 की देर रात 3.30 बजे शुरू कर दी है. लैंडिंग 6 घंटे की यात्रा के बाद करीब 9.30 से 10 बजे के बीच होगी. इस समय स्पेसक्राफ्ट धीरे-धीरे धरती के वायुमंडल की तरफ आ रहा है. इसमें कोई यात्री नहीं है. बल्कि सामान है.
Sunita Williams और बुच विलमोर को स्पेस स्टेशन पर अटकाने वाले बोईंग स्टारलाइनर को अब नासा अगला मिशन नहीं देगा. अगर देता तो बोईंग कंपनी को 2 बिलियन डॉलर्स यानी 16,786 करोड़ रुपए से ज्यादा का फायदा होता. पिछले मिशन के सही से नहीं होने की वजह से स्टारलाइनर का कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो सकता है.
बोईंग कंपनी के जिस स्टारलाइनर ने सुनीता विलियम्स को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर अटकाया. उसकी सीट सुनीता ने उखाड़ दी. इस काम में उनका साथ बुच विलमोर ने भी दिया. असल में यह कैप्सूल 6 सितंबर की देर रात करीब सवा तीन बजे स्पेस स्टेशन से अलग होगा. 7 सितंबर की सुबह करीब 10 बजे धरती पर लैंड करेगा.
Sunita Williams और बुच विलमोर को जमीन पर लाने के लिए SpaceX-NASA मिलकर स्पेशल प्लान बनाया है. 24 सितंबर को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर भेजे जाने वाले Crew-9 मिशन में बड़ा बदलाव किया गया है. पहले से तय चार एस्ट्रोनॉट्स में से अब सिर्फ दो ही जाएंगे. ताकि फरवरी में सुनीता और बुच वापस आ सकें.
सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को स्पेस स्टेशन पर अटकाने वाला बोईंग स्टारलाइनर कैप्सूल अब 6 सितंबर की देर रात करीब सवा तीन बजे स्पेस स्टेशन से निकलेगा. 7 की सुबह 10 बजे के आसपास धरती पर लैंड करेगा. इस दौरान उसमें कोई भी एस्ट्रोनॉट नहीं होगा. ये कैप्सूल अब खाली आ रहा है.
NASA अगले साल फरवरी में सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को धरती पर वापस लाएगा. इसके लिए एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के ड्रैगन क्रू कैप्सूल की मदद लेगा. ये कैप्सूल 24 सितंबर 2024 को स्पेस स्टेशन पर भेजा जाएगा. इसमें चार लोग जाएंगे. लेकिन लौटते समय इसी में सुनीता और बुच वापस आएंगे. आइए जानते हैं कि ड्रैगन क्रू कैप्सूल क्या है?
NASA ने तय कर लिया है कि बोईंग का Starliner स्पेसक्राफ्ट बिना किसी यात्री के ही धरती पर वापस लाया जाएगा. इस दौरान नासा कई तरह के डेटा कलेक्ट करेगा. खाली लौट रहे स्टारलाइनर से अंतरिक्षयात्रियों को कोई रिस्क नहीं होगा. आइए जानते हैं कैसे और कब लौटेगा स्टारलाइनर... क्या है इसकी पूरी कहानी...
NASA ने घोषणा कर दी है कि वह सुनीता विलियम्स को स्पेस स्टेशन से फरवरी में धरती पर लेकर आएगा. इसके लिए वह SpaceX के ड्रैगन क्रू कैप्सूल की मदद लेगा. सुनीता और बुच विलमोर Crew-9 के साथ वापस पृथ्वी पर लौटेंगे. सुनीता को धरती पर लाने के लिए बोईंग के स्टारलाइनर का इस्तेमाल नहीं होगा.
भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स 8 दिन के लिए गईं थीं स्पेस स्टेशन. हो सकता है कि अब उन्हें स्पेस स्टेशन पर 8 महीने बिताना पड़े. नासा ने भी यह बात मान ली है कि स्टारलाइनर कैप्सूल में गड़बड़ी है. सुनीता और बुच विलमोर को लाने का प्रयास चल रहा है. लेकिन इसमें समय लगने वाला है.
इसरो-भारतीय वायुसेना के एस्ट्रोनॉट्स ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर स्पेस स्टेशन जाने के लिए ह्यूस्टन पहुंच गए हैं. दोनों की ट्रेनिंग भी शुरू हो चुकी है. इनमें से कोई एक ही स्पेस स्टेशन जाएगा. क्या इनमें से किसी एक को स्पेस स्टेशन पर फंसी सुनीता विलियम्स से मिलने का मौका मिलेगा?