2024 में इजराइल-ईरान मतभेद दोनों देशों के बीच सीधे संघर्ष में बदल गया है. 1 अप्रैल को, इजराइल ने दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर बमबारी की, जिसमें कई वरिष्ठ ईरानी अधिकारी मारे गए. इस हमले के जवाब में, ईरान और उसके प्रतिनिधियों ने 13 अप्रैल को इजराइल के अंदर हमले शुरू किए. जिसके बाद, ईरान ने इजराइल पर अधिक आलोचनात्मक रुख अपनाया, जिसके बाद युद्ध की स्थिति बनती जा रही है (Iran Israel Conflict).
इतिहास पर एक नजर डाले तो दोनों देश के बीच पनपते इस मतभेद की शुरुआत 1982 से हुई जब ईरान ने लेबनान युद्ध के दौरान लेबनानी शिया और फिलिस्तीनी आतंकवादियों का समर्थन किया था. ईरान ने अन्य देशों और समूहों के साथ शक्ति और प्रभाव हासिल करना शुरू कर दिया. ईरानी परमाणु परियोजना को रोकने के इजरायली प्रयासों और सीरियाई गृहयुद्ध के दौरान टकराव के कारण संघर्ष बढ़ गया.
7 अक्टूबर 2023 को, आंशिक रूप से ईरान द्वारा वित्तीय मदद हासिल करने वाला फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह 'हमास' ने इजराइल पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 1,200 इजराइली मारे गए और इजराइल-हमास युद्ध छिड़ गया. इजराइल की लेबनान में ईरानी प्रॉक्सी हिजबुल्लाह के साथ भी झड़प हुई. हमले के बाद, इजराइल ने प्रतिशोध के रूप में सीरिया में ईरानी और प्रॉक्सी सैनिकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया. जिसके बाद युद्ध की आशंकाएं बढ़ गईं.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अब ईरान को धमकाया है. रविवार को नेतन्याहू ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के समर्थन से वे ईरान का 'काम खत्म करेंगे.' नेतन्याहू ने ये बयान ऐसे समय में दिया है जब अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो इजरायल के दौरे पर गए हैं.
ईरान के सुप्रीम लीडर ने 2003 में एक फतवा जारी किया था. उन्होंने कहा था कि परमाणु हथियार बनाना और उसका इस्तेमाल इस्लामिक सिद्धांतों के विपरित है. हालांकि, अब ईरान के वरिष्ठ कमांडरों ने उनसे आग्रह किया है कि वो अपना ये फतवा वापस ले लें.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली पीएम नेतन्याहू ने बुधवार को मुलाकात की. इसके बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका गाजा पट्टी को कब्जे में लेगा और इसका विकास करेगा. वहीं नेतन्याहू ने ट्रंप की बात का समर्थन किया और उन्हें इजरायल का अब तक का सबसे अच्छा दोस्त करार दिया.
ट्रंप ने अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ को सीधे आदेश दिए हैं कि वह जल्द से जल्द देश में आयरन डोम सिस्टम के निर्माण का काम शुरू करवाएं. आयरन डोम सिस्टम का निर्माण ट्रंप के चुनावी वादों में से एक था. उन्होंने पिछले साल मिल्वॉकी में रिपब्लिकन पार्टी के कन्वेंशन में कहा था कि अगर वह चुनाव जीतते हैं तो देश की सुरक्षा के लिए इजरायल की तर्ज पर आयरन डोम का निर्माण करवाएंगे.
हमास के इजरायल पर 7 अक्टूबर को किए गए हमले के बाद दोनों ओर से जंग जारी है. इस जंग को रुकवाने के लिए लंबे समय से चले आ रहे अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों के बाद सीजफायर पर सहमति बनी. यह सीजफायर तीन चरणों में होगा, जिसके पहले चरण में लगभग 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों के बदले हमास 42 दिनों के भीतर 33 बंदियों को रिहा करेगा.
ईरान अपने परमाणु ठिकानों पर अमेरिका और इज़राइल से हमले का भय महसूस कर रहा है. इस भय के चलते ईरान ने अपनी एयर डिफेंस एक्सरसाइज को आरंभ कर दिया है. इस भय के चलते ईरान ने अपनी एयर डिफेंस एक्सरसाइज को आरंभ कर दिया है. देखें वीडियो.
ईरान ने अमेरिका और इजरायल के संभावित हमले के मद्देनजर एक बड़ा एयर डिफेंस अभ्यास शुरू किया है. 'इत्तेदार' नाम का यह अभ्यास परमाणु संयंत्र के पास हो रहा है. इसमें ईरान की सेना और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर शामिल हैं. यह अभ्यास हवाई खतरे और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए किया जा रहा है.
ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने कहा था कि महिला हाउसमेड की तरह नहीं होती बल्कि वे नाजुक फूल की तरह होती हैं. महिलाओं के साथ घर में फूल की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए.एक फूल की देखभाल करने की जरूरत होती है.
सीरिया की मिलिट्री को बर्बाद करने के बाद Israel अब ईरान के परमाणु केंद्रों को निशाना बना सकता है. टाइम्स ऑफ इजरायल ने इजरायली मिलिट्री अधिकारियों के हवाले से ये रिपोर्ट पब्लिश की है. कहा जा रहा है कि ईरान के आतंकी समूहों और सीरिया में बशर-अल असद की सरकार गिराने के बाद इजरायल इसे बड़े मौके की तरह देख रहा है.
मध्य पूर्व में इजरायल और हमास के बीच एक साल से ज्यादा समय से लड़ाई चल रही है. इसके बीच लेबनान और ईरान भी आ गए. कई सारे मिलिटेंट गुट हैं, जो आपस में ही हमलावर हैं. एक दशक से ज्यादा समय से सिविल वॉर से जूझते सीरिया में एक और उठापटक हुई. कुल मिलाकर आग एक घर से होते हुए पूरी बस्ती को जलाने को तैयार है. तो क्या दुनिया का यही हिस्सा तीसरे विश्व युद्ध की वजह बनेगा? पहली दो लड़ाइयों में क्या थी मिडिल ईस्ट की भूमिका?
मध्यपूर्व में कई जगहों पर तनाव बढ़ता ही जा रहा है. कहीं दो देशों में फसाद है तो कहीं भीतर ही भीतर लड़ाई चल रही है. हाल में सीरिया में भी तख्तापलट के बाद चरमपंथी समूहों का कब्जा हो गया. इस बीच ये डर गहरा रहा है कि कहीं दुनिया का यही हिस्सा तीसरे वर्ल्ड वॉर की वजह न बन जाए.
इजरायल, अमेरिका, तुर्की और रूस ... ये देश मिलकर सीरिया से चाहते क्या है? सीरिया में बशर अल असद की सरकार खत्म हो चुकी है. विद्रोहियों ने कब्जा जमा लिया है. स्थिति ऐसी बन रही है कि सीरिया टूटने की कगार पर पहुंच रहा है. इसका बंटवारा हो सकता है. आइए जानते हैं इस देश में पावर नेशंस का इंट्रेस्ट...
इजराइल के इकॉनमी और इंडस्ट्री मंत्री नीर बरकत ने आज तक से एक्स्क्लूसिव बातचीत की और उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इजराइल की रणनीति साफ है. उन्होंने कहा कि ईरान इजराइल का दुश्मन नंबर वन है और वह ईरान को कभी भी परमाणु हथियार नहीं बनाने देगा. उन्होंने यह भी बताया कि इजराइल ने ईरान के परमाणु हथियारों को बनाने की कोशिशों को नुकसान पहुंचाया है. देखिए VIDEO
Stock Market में बीते दो कारोबारी दिनों से जोरदार तेजी जारी है और ये मंगलवार को भी देखने को मिल रही है. एशियाई बाजारों में गिरावट के बावजूद Sensex-Nifty रफ्तार को जारी रख सकते हैं. इसके पीछे कई वजह हैं.
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के सलाहकार अली लारीजानी ने एक इंटरव्यू में कहा कि हम इजरायल को जवाब देने की तैयारी कर रहे हैं. बता दें कि 26 अक्तूबर को ईरान के लड़ाकू जेट विमानों ने ईरान के सैन्य ठिकानों पर सिलसिलेवार हमले किए
इजरायली पीएम नेतन्याहू होंगे गिरफ्तार? इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने जारी किया अरेस्ट वारंट
मध्य पूर्व से लेकर रूस-यूक्रेन तक जंग छिड़ी हुई है. रोजाना हमला हो रहा है लेकिन अब ये जंग धीरे-धीरे विश्व युद्ध की शक्ल लेता जा रहा है. दरअसल दोनों ही क्षेत्र यानी ईरान-इजरायल में भी तनाव बढ़ता जा रहा है और रूस-यूक्रेन जंग में बाइडन के बयान ने माहौल और तनावपूर्ण कर दिया है.
इजरायल के नए रक्षा मंत्री द्वारा ईरान को धमकी देने के बाद से पूरे मध्य पूर्व में जंग की स्थित उत्पन्न हो गई है. ईरान एक तरफ इजरायल की धमकियों को लेकर चिंतित है तो दूसरी तरफ इजरायल लगातार लेबनान और गाजा पर हमला कर रहा है. ईरान को सिर्फ अब इजरायल ही नहीं बल्कि अमेरिका से भी खतरा है. क्योंकि अमेरिका में ट्रंप अब राष्ट्रपति हैं और ट्रंप की नई टीम में कई ऐसे सदस्य हैं जो ईरान के कट्टर विरोधी है.
इजरायल ने ईरान को खुली धमकी दी है. इजरायल के नए रक्षा मंत्री ने सेना के जनरल स्टाफ के साथ पहली ही बैठक में ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले की सीधी चेतावनी दी है. रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने कहा कि ईरान के परमाणु ठिकानो पर हमले का खतरा पहले से कहीं ज्यादा है.
इजरायल के नए रक्षा मंत्री कार्ट्स ने ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हमले की चेतावनी दी है. कार्ट्स, जो अब तक विदेश मंत्री थे, ने ईरान को खुली धमकी दी है. इजरायल के रक्षा मंत्री ने कहा है कि ईरान से खतरा ज्यादा है और ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हमले के खतरे से पहले उसे आगाह कर दिया है.
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बार फिर ईरान के लोगों से सीधी बात की है. दूसरे वीडियो संदेश के बाद ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या नेतन्याहू ईरान की जनता को खामेनेई शासन के खिलाफ बगावत के लिए उकसा रहे हैं. नेतन्याहू ने ईरान की खामेनेई सरकार को अत्याचारी और बर्बर बताया.