इजरायल पर हमास के हमले के बाद फिलिस्तीन और इजरायल के बीच युद्ध छिड़ गया है. दोनों तरफ से रॉकेट दागे गए. इजराइल बीते कुछ दिनों से गाजा पर लगातार हमले कर रहा था. लेकिन 8 अक्टूबर, रविवार को दोनों ने संघर्ष विराम पर सहमति व्यक्त की. इससे पहले इजराइली सेना ने कहा था कि गाजा ऑपरेशन की तैयारी एक हफ्ते तक चलेगी. वहीं कई खाड़ी देशों ने भी खुलकर हमास के हमलों को समर्थन किया है (Israel Palestine War).
इजराइल और फिलिस्तीन विवाद का इतिहास काफी पुराना है. प्रथम विश्व युद्ध में ओटोमन साम्राज्य की हार के बाद, ब्रिटेन ने फिलिस्तीन पर नियंत्रण हासिल कर लिया, जिसमें यहूदी अल्पसंख्यक और अरब बहुमत रहते थे. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने ब्रिटेन को फिलिस्तीन में एक यहूदी मातृभूमि बनाने का काम सौंपा, जिससे दोनों समूहों के बीच तनाव बढ़ गया. 1920 और 1940 के दशक में, फिलिस्तीन में यहूदी आप्रवासियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई, क्योंकि कई यहूदी यूरोप में उत्पीड़न से भाग गए. यहूदियों और अरबों के बीच घर्षण, साथ ही ब्रिटिश शासन का प्रतिरोध तेज हो गया. 1947 में, संयुक्त राष्ट्र ने फिलिस्तीन को अलग-अलग यहूदी और अरब राज्यों में विभाजित करने के लिए मतदान किया, जिसमें यरूशलेम को अंतर्राष्ट्रीय प्रशासन के अधीन रखा गया. यहूदी नेतृत्व ने योजना को स्वीकार कर लिया, लेकिन अरब पक्ष ने इसे अस्वीकार कर दिया और इसे कभी लागू नहीं किया गया (Israel Palestine Conflict).
पिछले कुछ वर्षों में, इजराइल और फिलिस्तीन कई झड़पों में शामिल रहे हैं, कुछ मामूली, कुछ विनाशकारी, जिसके कारण हजारों लोगों की मौत हुई. हमास को हथियार प्राप्त करने से रोकने के प्रयास में इजराइल और मिस्र ने गाजा की सीमाओं पर कड़ा नियंत्रण बनाए रखा है. इससे गाजा में मानवीय संकट पैदा हो गया है, कई लोग भोजन और पानी जैसी बुनियादी आवश्यकताओं तक पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. गाजा और वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों का दावा है कि वे इजरायली कार्यों के कारण पीड़ित हैं, जैसे कि गाजा की नाकाबंदी, वेस्ट बैंक बाधा का निर्माण और फिलिस्तीनी घरों का विनाश शामिल है (Israel Palestine Conflict History).
मई 2021 में, इजरायली पुलिस ने यरूशलेम में अल-अक्सा मस्जिद पर छापा मारा, जो इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल है, जिससे इजरायल और हमास के बीच 11 दिनों का युद्ध शुरू हो गया, जिसमें 200 से अधिक फिलिस्तीनी और 10 से अधिक इजरायली मारे गए. साल 2022 में इजरायली शहरों में कई आतंकवादी हमलों के बाद, इजरायली बलों ने इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में कम से कम 166 फिलिस्तीनियों को मार डाला.
इजरायल की सेना ने गाजा में बच्चों के स्कूल में छिपी हमास की सुरंग को उड़ा दिया है. इजरायल के सैनिक सुरंग में घुसे और उसको बम से नेस्तनाबूद कर दिया. सुरंग के ध्वस्त होने के बाद इजरायली सैनिकों ने बंद हो चुकी सुरंग की तस्वीरें भी जारी की. देखें दुनिया आजतक.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने एक साझा बयान दिया. जिसमें उन्होंने कहा कि गाजा में हमास द्वारा बनाए गए बंधकों की रिहाई के लिए नए समझौते पर चर्चा चल रही है. इजरायली पीएम ने कहा कि हम सभी बंधकों को छुड़ाने प्रतिबद्ध हैं. देखें बड़ी खबरें.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने गाजा पट्टी पर अमेरिकी कब्जे की इच्छा दोहराई. ट्रंप ने कहा कि जल्द गाजा को स्वतंत्रता क्षेत्र में बदला जा सकता है. देखें दुनिया की बड़ी खबरें.
इजरायल ने सोमवार सुबह गाजा पट्टी के अल अक्सा अस्पताल के पास हवाई हमले किए. इससे पहले रविवार को 32 मौतें हो थीं. आसमान में आग-धुएं की लपटें दिखीं. देखें दुनिया की बड़ी खबरें.
हमास ने कहा कि उसने गाजा में नागरिकों के इजरायली नरसंहार के जवाब में रविवार को इजरायल के दक्षिणी शहरों पर रॉकेटों की बौछार की. इजरायली सेना ने बताया कि करीब 10 प्रोजेक्टाइल दागे गए, लेकिन उनमें से ज्यादातर को सफलतापूर्वक रोक दिया गया. हमले के बाद इजरायली सुरक्षाबलों ने जोरदार प्रतिक्रिया देते हुए गाजा में हमला किया.
इजरायल के तेल अवीव में साप्ताहिक प्रदर्शन किया गया. हजारों की तादाद में सड़कों पर उतरे लोगों ने गाजा में तुरंत युद्धविराम और हमास की कैद से बाकी बंधकों की रिहाई की मांग की. देखें दुनिया की बड़ी खबरें.
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को धमकी दी है कि अगर उसने अपने कैंपस में एंटी-सेमिटिज्म को नहीं रोका तो उसकी सरकारी फंडिंग बंद हो जाएगी. ये फंडिंग कुछ कम नहीं, बल्कि पूरे 9 अरब डॉलर की है. लेकिन क्या है एंटी-सेमिटिज्म, जिसे न रोकने पर इतनी मशहूर यूनिवर्सिटी पर सरकार नाराज हो जाएगी?
फिलिस्तीनी नागरिकों की पहली खेप जल्द ही खंडहर हो चुके गाजा को छोड़कर इंडोनेशिया पहुंच सकती है. एक पायलेट प्रोग्राम के तहत इजरायल ने यह कदम उठाया. लेकिन जिस गाजा पट्टी के लोगों को उसके पड़ोसी अरब देश स्वीकारने को तैयार नहीं थे, उन्हें इंडोनेशिया कैसे और किस शर्त पर भेजा जा रहा है?
हमास ने मिस्र और कतर की ओर से गाजा में युद्धविराम के लिए दिए गए नए प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. अब अगर इजराइल भी इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता है तो युद्धविराम जल्द लागू हो सकता है. देखें दुनिया आजतक.
इजरायल और हमास के बीच संघर्षविराम का पहला चरण 19 जनवरी को लागू हुआ था, जिसमें 15 महीनों तक चलने वाले युद्ध के बाद युद्धविराम, कुछ इजरायली बंधकों की रिहाई और कुछ फिलिस्तीनी बंदियों की रिहाई शामिल थी.
हमास और इजरायल में जंग की वजह से डेढ़ सालों के भीतर गाजा पट्टी लगभग तबाह हो चुकी. तेल अवीव लगातार कहता रहा कि आतंकी समूह हमास को खुद स्थानीय लोग शरण दे रहे हैं. आरोप किसी हद तक सही भी था. अब इसी इलाके में हमास-आउट के नारे लग रहे हैं. लेकिन हमास के जाने से पैदा पॉलिटिकल वैक्यूम और मुश्किलें ला सकता है.
हमास के विरोध में भारी संख्या में गाजा की सड़कों पर निकले लोगों का कहना है कि हमें न युद्ध चाहिए और न ही हमास. हमें शांति से जीना है. सफेद झंडे लहराते हुए इन लोगों ने शांति की मांग की है.
हमास के विरोध में भारी संख्या में गाजा की सड़कों पर निकले लोगों का कहना है कि हमें न युद्ध चाहिए और न ही हमास. हमें शांति से जीना है. सफेद झंडे लहराते हुए इन लोगों ने शांति की मांग की है.
कोलंबिया यूनिवर्सिटी की 21 वर्षीय कोरियाई-अमेरिकी छात्रा यूंसेओ चुंग ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, जिसमें उन्हें निर्वासित किए जाने से रोकने की मांग की गई है. चुंग ने फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों में भाग लिया था. उनका आरोप है कि उनके अमेरिका में रहने से ट्रंप प्रशासन की विदेशी नीति प्रभावित हो रही है.
भारत के 10 नागरिकों को फिलिस्तीन के लोगों ने एक गांव में बंधक बना लिया था. इन लोगों के पासपोर्ट लेकर फिलिस्तीनी इजरायल में घुसने जा रहे थे, लेकिन इजरायली फोर्स ने उन्हें पहचान लिया और इनके चंगुल से भारतीय नागरिकों को रिहा करा लिया.
गाजा के दक्षिणी शहर खान यूनिस के नासिर अस्पताल पर हवाई हमला हुआ. इजरायली हमले में हमास के एक सीनियर नेता और उनके सहयोगी समेत कम से कम पांच लोगों की मौत की खबर है. देखें दुनिया की बड़ी खबरें.
बेंजामिन नेतन्याहू की इजरायली सेना की तरफ से हमास को खत्म करने के उद्देश्य से शुरू की गई जंग जारी है. हालांकि इस जंग में हमास का खात्मा नहीं हो पाया, लेकिन फिलिस्तीन में हजारों मासूमों की जान चली गई. संघर्ष में इजरायली मौतों के मुकाबले फिलिस्तीनी मौतों की संख्या कहीं ज्यादा है, जिससे गाजा में मानवता पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं.
Israel and Hamas War: गाजा में हाहाकार मचा हुआ है. सीजफायर के लिए चल रही बातचीत के बीच इजरायल ने वहां कोहराम मचा दिया है. इजरायली हवाई हमले में 413 लोगों की मौत हो गई, जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं. देखिए दुनिया आजतक
गाजा में इजरायल के ताजा हमले में एक विदेशी नागरिक की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए. सेंट्रल गाजा सिटी में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के पास ये हमला किया गया था. इजरायली सेना ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने उत्तरी गाजा में एक हमास ठिकाने को निशाना बनाया था.
भारत ने बुधवार को गाजा में बढ़ते संघर्ष और इजरायली हमलों के चलते बढ़ती मौतों पर गंभीर चिंता जताई है। गाज़ा पट्टी में हालिया घटनाओं में 400 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और यह स्थिति दो महीने की शांति के बाद आई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर अपना गहरा खेद व्यक्त किया है।
गाजा एक बार फिर इजरायली हमलों से दहल उठा है. आज सुबह हुए हमले में 200 लोगों की मौत हुई, जबकि कईं लोग घायल हुए. इस हमले के साथ ही युद्ध विराम की आगे की उम्मीदों को भी बड़ा झटका लगा है. देखें दुनिया आजतक.