जगदीप धनखड़
जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankar) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं. उन्होंने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में कार्य किया (Jagdeep Dhankar, West Bengal Governor). वह पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बनने से पहले भारतीय जनता पार्टी के सदस्य थे (Jagdeep Dhankar, BJP). उन्होंने चंद्रशेखर मंत्रालय में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया है. वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन द्वारा भारत के 2022 के उपराष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार हैं (Jagdeep Dhankar, Candidate for Vice President Election 2022).
धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान राज्य के झुंझुनू (Rajasthan, Jhunjhunu) के एक छोटे से गांव किठाना में हुआ था (Jagdeep Dhankar Age). वह एक हिंदू जाट परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता का नाम गोकल चंद और मां का नाम केसरी देवी था (Jagdeep Dhankar Parents).
उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ से पूरी की और फिर राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से बी.एससी और एलएलबी में स्नातक किया. धनखड़ ने अपनी प्राथमिक और मध्य विद्यालय की शिक्षा किठाना सरकारी स्कूल और घरधाना सरकारी स्कूल से पूरी की है (Jagdeep Dhankar Education).
धनखड़ ने 1979 में सुदेश धनखड़ से शादी की (Jagdeep Dhankar Wife) और उनकी एक बेटी है जिसका नाम कामना है (Jagdeep Dhankar Daughter).
वह 1989-91 के दौरान राजस्थान में झुंझुनू लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 9वीं लोकसभा में जनता दल का प्रतिनिधित्व करते हुए संसद सदस्य थे (Jagdeep Dhankar, MP). वह 10वीं विधान सभा राजस्थान में 1993-98 के दौरान किशनगढ़, राजस्थान से विधान सभा के पूर्व सदस्य (Jagdeep Dhankar MLA) भी थे.
30 जुलाई 2019 को, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने उन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया. कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टीबी राधाकृष्णन ने 30 जुलाई, 2019 को राजभवन, कोलकाता में जगदीप धनखड़ को पद की शपथ दिलाई (Jagdeep Dhankar Governor).
राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा की शुरुआत करते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद ने कुछ ऐसा कह दिया जिस पर गृह मंत्री अमित शाह भड़क गए. उन्होंने कहा कि किसी की कृपा से यहां नहीं आया, सात बार चुनाव जीतकर आया हूं.
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ स्वास्थ्य लाभ के बाद 17 मार्च को पहली बार आसन पर थे. सभापति ने सदन में सोनिया गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री समेत कई नेताओं के फोन कर स्वास्थ्य की जानकारी लेने की बात कही और मुस्कराते हुए डेरेक ओ'ब्रायन से जुड़ा किस्सा भी सुनाया.
उपराष्ट्रपति धनखड़ को आज दिल्ली एम्स से छुट्टी मिल गई है.अब उनकी तबीयत बिल्कुल ठीक है.उपराष्ट्रपति ने इसकी एक्स पर एक पोस्ट करके जानकारी दी और दिल्ली एम्स का शुक्रिया जताया है
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (73 साल) को रविवार तड़के एम्स में भर्ती कराया गया था. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को बेचैनी और सीने में दर्द की शिकायत के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को बेचैनी और सीने में दर्द की शिकायत के बाद एम्स में भर्ती कराया गया है. धनखड़ को सुबह करीब 2 बजे अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों का एक ग्रुप उनके स्वास्थ्य पर नजर रख रहा है.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज सुबह तड़के एम्स में भर्ती कराया गया था. फिलहाल, उनकी हालत स्थिर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एम्स जाकर उपराष्ट्रपति का हालचाल लिया है
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की बिगड़ी तबीयत, दिल्ली एम्स में करवाना पड़ा भर्ती.उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को रविवार तड़के एम्स में एडमिट करवाया गया है
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, "न्यायिक आदेश द्वारा कार्यकारी शासन एक संवैधानिक विरोधाभास है, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र अब और बर्दाश्त नहीं कर सकता."
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आपकी सलाह हम मानते हैं. यही तरीका उधर वाले भी मान गए तो हम समझते हैं कि नड्डा साहब अपने सदस्यों को बड़ा कंट्रोल में रखा है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वक्फ बिल पर हमारे अनेक सदस्यों ने डिसेंट नोट्स दिए हैं. उनको प्रॉसीडिंग से निकालना अलोकतांत्रिक है. VIDEO
संसद के दोनों सदनों में हंगामा जारी है. राज्यसभा में जेपीसी रिपोर्ट पेश की गई, जबकि लोकसभा में भी इसे टेबल किया जाना है. विपक्ष इस रिपोर्ट का विरोध कर रहा है. इसके अलावा, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अपमान को लेकर सभापति ने कड़ा रुख अपनाया. उन्होंने कहा कि यह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति का अपमान है. VIDEO
दिल्ली में फतह के बाद बीजेपी की सीधी नजर पश्चिम बंगाल पर ही है, जहां अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. बंगाल में बीजेपी के एक्टिव होने के साथ ही ममता बनर्जी भी अलर्ट हो गई हैं - वैसे, ममता और केजरीवाल में काफी फर्क भी है.
संविधान के मुद्दे पर मंगलवार को राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तल्खी नजर आई. बीजेपी सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल ने इलस्ट्रेशन के बिना संविधान की प्रतियां पब्लिश कर प्रसारित किए जाने का मुद्दा उठाया.
बजट सत्र के दौरान सोमवार को राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस सांसद को सनातन के लिए पाचन शक्ति बढ़ाने की नसीहत दी. जानिए सदन में ऐसा क्या हुआ?
योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव और मल्लिकार्जुन खड़गे को संसद में उनके बयानों के लिए सनातन विरोधी बताया है - क्योंकि विपक्ष के दोनो नेताओं ने लोकसभा और राज्यसभा में महाकुंभ में हुई मौतों के मामले पर सरकार के जवाब मांगा है.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नई दिल्ली में वर्ल्ड फोरम ऑफ अकाउंटेंट्स समिट में अवैध प्रवासियों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताई. उन्होंने युवाओं से इस चुनौती का सामना करके राष्ट्रहित में योगदान देने की अपील की. धनखड़ ने आर्थिक राष्ट्रवाद की भावना को अपनाने की जरूरतों पर भी जोर दिया.
संगम नोज और गंगा के घाटों का सीएम योगी ने निरीक्षण किया. वसंत पंचमी स्नान पर्व से पहले सीएम योगी ने तैयारियों का निरीक्षण किया. आज देश के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ प्रयागराज आए हैं. यहां उप राष्ट्रपति महाकुंभ गए और संगम में डुबकी लगाने के बाद गंगा पूजन और आरती की.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि धनखड़ ने कहा कि हमें सबसे पुराने और सबसे जीवंत लोकतंत्र होने पर गर्व है, जिसे अक्सर लोकतंत्र की जननी कहा जाता है. दुनिया के किसी अन्य देश में सभी स्तरों पर संवैधानिक रूप से संरचित लोकतंत्र नहीं है. संसद का पहला काम संवाद, बहस और चर्चा के जरिए से सरकार को जवाबदेह बनाना है.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि हर संस्था को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अच्छा प्रदर्शन करेंगे और बेहतर प्रदर्शन करेंगे. हम किसानों को राहत देने वाला काम करेंगे, हम किसानों को जागरूक करेंगे. अगर इन संस्थाओं में रोजाना 100 किसान भी आएंगे, तो बड़ा बदलाव आएगा.
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि कृषि ग्रामीण विकास की रीढ़ है. जब तक कृषि का विकास नहीं होता, ग्रामीण परिदृश्य को नहीं बदला जा सकता, और जब तक ग्रामीण परिदृश्य नहीं बदलता, हम विकसित राष्ट्र बनने की उम्मीद नहीं कर सकते.
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को पद से हटाने की मांग के लिए विपक्ष की तरफ से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को खारिज कर दिया गया है.
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने विपक्ष के इस नोटिस को खारिज करते हुए इसे तथ्यों से परे बताया है. राज्यसभा के महासचिव पी सी मोदी को सौंपे अपने फैसले में हरिवंश ने कहा कि नोटिस देश की संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा कम करने और मौजूदा उपराष्ट्रपति धनखड़ की छवि खराब करने के लिए तैयार किया गया था.