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जैन धर्म

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जैन धर्म (Jainism) एक प्राचीन भारतीय धर्म है. जैन धर्म अपने आध्यात्मिक विचारों और इतिहास को चौबीस तीर्थंकरों के उत्तराधिकार के माध्यम से दर्शाता है. वर्तमान समय चक्र में सबसे पहले तीर्थंकर में ऋषभदेव हैं, तेईसवें तीर्थंकर पार्श्वनाथ, जिनका इतिहास 9वीं शताब्दी ईसा पूर्व के हैं और चौबीसवें तीर्थंकर, महावीर 600 ईसा पूर्व के आसपास के हैं (Jainism History). 

जैन धर्म को एक शाश्वत धर्म माना जाता है जिसमें तीर्थंकर ब्रह्मांड विज्ञान के हर चक्र का मार्गदर्शन करते हैं. जैन धर्म के तीन मुख्य स्तंभ अहिंसा, अनेकांतवाद और अपरिग्रह (तप) हैं. जैन भिक्षु पांच मुख्य प्रतिज्ञाएं लेते हैं- अहिंसा, सत्य, अस्तेय (चोरी न करना), ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह. इन सिद्धांतों ने जैन संस्कृति को कई तरह से प्रभावित किया है. जैन शाकाहारी जीवन शैली अबनाते है. परसपरोपग्रहो जीवनम यानी आत्माओं का कार्य एक दूसरे की मदद करना है, यह उनका विश्वास का आदर्श वाक्य है. शंकर मंत्र इसकी सबसे आम और बुनियादी प्रार्थना है. इसकी दो प्रमुख प्राचीन उप-परंपराएं हैं, दिगंबर और श्वेतांबर (Jainism Faith). 

इस धर्म के चार से पांच मिलियन अनुयायी हैं, जिन्हें जैन के रूप में जाना जाता है. यह ज्यादातर भारत में रहते हैं. भारत के बाहर कनाडा, यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में हैं. जापान में धर्मान्तरित जैन तेजी से बढ़ रहा है (Jainism Population in World). 

प्रमुख त्योहारों में पर्युषण और दास लक्षणा, अष्टनिका, महावीर जन्म कल्याणक, अक्षय तृतीया और दीपावली शामिल हैं (Festivals of Jainism).


 

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