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जयपुर

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जयपुर भारत के राजस्थान राज्य की राजधानी (Jaipur, Capital of Rajasthan) और सबसे बड़ा शहर है. जयपुर को इसकी इमारतों की प्रमुख रंग योजना के कारण गुलाबी शहर के रूप में भी जाना जाता है. यह राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली से 268 किमी दूर स्थित है (Jaipur Location). 

जयपुर की स्थापना 1727 में आमेर के शासक कच्छवा राजपूत शासक जय सिंह द्वितीय ने की थी, जिनके नाम पर शहर का नाम पड़ा. यह आधुनिक भारत के शुरुआती नियोजित शहरों में से एक था, जिसे विद्याधर भट्टाचार्य द्वारा डिजाइन किया गया था. ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के दौरान, शहर जयपुर राज्य की राजधानी के रूप में कार्य करता था. 1947 में आजादी के बाद जयपुर को नवगठित राज्य राजस्थान की राजधानी बनाया गया (History). 

यह राजस्थान के अन्य पर्यटन स्थलों जैसे जोधपुर, जैसलमेर, उदयपुर, कोटा और माउंट आबू के प्रवेश द्वार के रूप में देखा जाता है. जयपुर में मानसून-प्रभावित गर्म अर्ध-शुष्क जलवायु होती है, जिसमें लंबी, अत्यधिक गर्मी और हल्की सर्दियां होती हैं (Jaipur Weather). 

विशिष्ट व्यंजनों में दाल बाटी चूरमा, मिस्सी रोटी, गट्टे की सब्जी, लहसुन की चटनी, केर सांगरी, मक्के की घाट, बजरे की घाट, बाजरे की रोटी और लाल मान शामिल हैं. जयपुर अपनी मिठाइयों के लिए भी जाना जाता है जिसमें घेवर, फेनी, मावा कचौरी, गजक, मीठी थुली, चौगुनी के लड्डू और मूंग थाल शामिल हैं (Jaipur Food).

जयपुर की आधिकारिक भाषा हिंदी है और शहर की मूल और मुख्य बोली धुंदरी है. मारवाड़ी और मानक हिंदी बोलियां भी बोली जाती हैं (Jaipur Language).
जयपुर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल और प्रमुख सड़क, रेल और हवाई संपर्क के साथ एक वाणिज्यिक व्यापार केंद्र है (Jaipur Connectivity). उद्योगों में धातु का काम, हथकरघा बुनाई, आसवन, और कांच, होजरी, कालीन, कंबल, जूते और दवाओं का निर्माण शामिल है. जयपुर के प्रसिद्ध कला और शिल्प में गहने, तामचीनी, धातु के काम, और मुद्रित कपड़े, साथ ही पत्थर, संगमरमर शामिल है (Jaipur Marble)

जयपुर के पर्यटक स्थलों में हवा महल, नाहरगढ़ किला, आमेर (आंबेर किला), सिटी पैलेस, जंतर मंतर, जयगढ़ किला, जल महल, अल्बर्ट हॉल, संग्रहालय प्रमुख है (Jaipur Tourist Places).

जयपुर के पूर्व शासकों ने कई कलाओं और शिल्पों को संरक्षण दिया. कुछ शिल्पों में बंधनी, ब्लॉक प्रिंटिंग, पत्थर की नक्काशी और मूर्तिकला, तारकाशी, जरी, गोटा-पट्टी, किन्नरी और जरदोजी, चांदी के आभूषण, रत्न, कुंदन, मीनाकारी और आभूषण, लाख की चूड़िया, लघु पेंटिंग, नीली मिट्टी के बर्तन, हाथी दांत की नक्काशी शामिल हैं (Jaipur Art and Craft ).
 

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