जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने हैं (Jammu Kashmir Assembly Election 2024). चुनाव आयोग ने 16 अगस्त 2024 को जम्मू कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था. जम्मू-कश्मीर में तीन फेजों में चुनाव हुआ- 18 और 25 सितंबर और 1 अक्टूबर. 8 अक्टूबर को चुनाव के परिणाम घोषित किए गए (Jammu Kashmir Assembly Election 2024 Voting Result Date). जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुआ था.
जम्मू कश्मीर में इस समय 87.09 लाख मतदाता हैं. यहां 20 लाख से ज्यादा युवा हैं. 20 अगस्त को फाइनल वोटर लिस्ट जारी होगी.
पीओके के लिए 24 सीटें ही रिजर्व हैं. बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव पहली बार हुआ. मई 2022 के परिसीमन के बाद अब जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सीटों की संख्या 90 हो गई है. इस तरह जम्मू में 43 और कश्मीर में 47 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं. 2014 में 87 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए थे, जिसमें जम्मू की 37 और कश्मीर घाटी की 46 सीटों के अलावा 6 सीटें लद्दाख की थीं.
370 खत्म कर दिये जाने के बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित क्षेत्र बना दिया गया था. तभी से वहां के राजनीतिक दल लगातार राज्य का दर्जा वापस दिये जाने की मांग कर रहे थे. सरकार यही कह रही थी कि पहले चुनाव होंगे और उसके बाद ही राज्य का दर्जा वापस मिलेगा.
INDIA ब्लॉक के अस्तित्व पर सवाल तो पहले से ही उठने लगा था, दिल्ली चुनाव के बीच हुए MOTN सर्वे से मालूम होता है कि लोकसभा चुनाव के बाद की अवधि में विपक्ष राष्ट्रीय राजनीति में काफी कमजोर हुआ है - देखा जाये तो फिलहाल राहुल गांधी के एक्शन और ममता बनर्जी के बयान की गूंज सुनाई दे रही है.
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को राजौरी के बधाल गांव का दौरा किया, जहां रहस्यमय परिस्थितियों में 17 लोगों की पिछले डेढ़ महीने में मौत हो गई. 17 लोगों की रहस्यमय तरीकों से मौत हो चुकी है, जिसमें 13 बच्चे 3 से 15 साल तक की उम्र के हैं.
उमर अब्दुल्ला के मुंह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ केंद्र में रही वाजपेयी सरकार के दौर तक ले जाता है - और ऐन उसी वक्त देश की चुनाव प्रणाली पर उठते मौजूदा सवालों पर बड़ा राजनीतिक बयान भी लगता है.
2024 में लोकसभा के साथ साथ 6 राज्यों की विधानसभाओं के भी चुनाव हुए. चुनाव नतीजों ने बहुतों को निराश भी किया, लेकिन कइयों के लिए उसमें खुशियों का पैगाम भी था, और कुछ नेताओं के लिए बड़ी राहत की बात भी.
झारखंड विधानसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक को बड़ी जीत मिली है. आदिवासी बाहुल्य राज्य में चुनाव जीतकर भी कांग्रेस का जम्मू कश्मीर वाला हाल हो गया है. जानिए क्यों?
जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र में लगातार तीन दिनों से हंगामा हो रहा है. दरअसल, केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा में आर्टिकल 370 को लेकर हंगामा हो रहा है. इस बीच केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि आर्टिकल 370 किसी हालत में दोबारा नहीं लौटेगा.
जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता इमरान काजी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को लोग इतने समझदार हैं कि वो समझ चुके हैं कि भाजपा हर एक राज्य के लिए अपना एक अलग प्लान लेकर आती है. J-K विधानसभा का क्या रोल रहेगा. आप क्यों नहीं कर रहे हैं. आप पिछले दस सालों से सत्ता में हैं. अपने पीओके के शामिल करने के लिए कितने कदम उठाए.
जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को लेकर उबाल है. 370 वापसी के प्रस्ताव पर बीजेपी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पर हमले की बौछार की. बीजेपी नेता स्मृति इरानी ने इंडिया गठबंधन पर देश तोड़ने की साजिश का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि उन्हें ना तो संविधान की कद्र है और ना ही सुप्रीम कोर्ट की परवाह. देखें लंच ब्रेक.
बीजेपी विधायकों के विरोध और नारेबाजी के बीच, जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने राज्य के विशेष दर्जे को बहाल करने के प्रस्ताव को पारित किया. यह कदम राज्य की स्वायत्तता और विशेष स्थिति को दोबारा स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
जम्मू-कश्मीर में वोटिंग में लगातार इजाफा हो रहा है, जो 1984 के बाद बारामुला और अनंतनाग में सबसे अधिक देखा जा रहा है. श्रीनगर में भी 1996 के बाद रिकॉर्ड वोटिंग रही है. इससे आतंकी गुट चिंतित हैं, क्योंकि उनकी गतिविधियों में कमी आई है. आर्टिकल 370 हटने के बाद आतंक गतिविधियों में कमी देखी गई है और पत्थरबाजी की घटनाएं भी लगभग समाप्त हो गई हैं. 2023 में पर्यटकों की संख्या भी काफी बढ़ी है, जिससे आतंकी संगठनों की चिंताएं बढ़ रही हैं.
जम्मू कश्मीर की सत्ताधारी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने विधानसभा में डिप्टी स्पीकर का पद बीजेपी को देने का फैसला किया है. उमर अब्दुल्ला का यह गिफ्ट क्या बीजेपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस की दोस्ती के रास्ते खोलेगा? उमर अब्दुल्ला के इस फैसले के पीछे रणनीति क्या है?
केंद्र शासित प्रदेश बनने के पांच साल बाद जम्मू-कश्मीर में चुनाव भी हो गए और सरकार भी बन गई. उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री बन गए हैं. उनकी पार्टी ने चुनाव में 370 और जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया था. ऐसे में जानते हैं कि क्या उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा वापस दिलवा सकते हैं?
जम्मू कश्मीर के विशेष प्रावधानों वाले कानून 370 के खात्मे के बाद इस राज्य में बहुत कुछ बदल गया है. उमर अब्दुल्ला ने जिस तरह भारत के संविधान के नाम पर शपथ ली वह भी इसी के चलते संभव हो सका.
केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में पहली निर्वाचित सरकार का आगाज हो गया है. उमर अब्दुल्ला की अगुवाई वाली सरकार में सुरिंदर सिंह चौधरी को डिप्टी सीएम बनाया गया है. सुरिंदर सिंह चौधरी को अपना डिप्टी बना उमर अब्दुल्ला ने कई निशाने साधे हैं.
सुरिंदर चौधरी ने बीजेपी नेता रविंदर रैना को बड़े अंतर से हराया है. चौधरी को 35,069 वोट मिले, जबकि रैना को केवल 27,250 वोट मिले. ऐसे में बीजेपी नेता को 7,819 वोटों का नुकसान हुआ और वो चुनाव हार गए.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बन गए हैं. उमर अब्दुल्ला केंद्र शासित बने जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री होंगे. हालांकि, उमर अब्दुल्ला के लिए राह उतनी आसान नहीं होगी, क्योंकि अनुच्छेद 370 हटने और केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर का 'पावर' गेम बहुत बदल गया है.
केंद्र शासित प्रदेश में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं और NC नेतृत्व वाले अलायंस ने जीत हासिल की है. नौशेरा से चुनाव जीते सुरिंदर चौधरी डिप्टी सीएम बनाया गया है. चौधरी ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना को हराया था. उमर और चौधरी के अलावा 4 मंत्रियों ने भी शपथ ली है. हालांकि, कांग्रेस के किसी विधायक ने मंत्री पद की शपथ नहीं ली है.
Jammu and Kashmir New Cabinet: उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के नये सीएम के तौर पर शपथ ले ली है. उनके अलावा 5 और विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है. इनमें रविंद्र रैना को हराने वाले सुरिंदर चौधरी का नाम भी शामिल है, उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया है.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के परिणाम के रुझान आने लगे हैं. अब तक के रुझानों में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है. जम्मू में बीजेपी का जलवा नहीं देखने को मिला. वहीं, कश्मीर घाटी में बीजेपी के लिए कोई जगह नहीं बनी. बीजेपी प्रवक्ता केके शर्मा ने बीजेपी के प्रदर्शन को लेकर खास बातचीत की है. देखें वीडियो.
उमर अब्दुल्ला ने दूसरी बार जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. उमर का नाम केंद्र शासित जम्मू कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के रूप में भी इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है. उमर अब्दुल्ला के साथ पांच मंत्रियों ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है.
Omar Abdullah Swearing In Ceremony: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को आज नया मुख्यमंत्री मिल गया है. उमर अब्दुल्ला आज J-K के नए सीएम बन गये हैं, उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है.