जन्माष्टमी 2022
कृष्ण जन्म के शुभ अवसर को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है (Janmashtami). यह एक वार्षिक हिंदू त्योहार है. कृष्ण, भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं. हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, यह भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की आठवीं तिथि यानी अष्टमी को मनाया जाता है. यह ग्रेगोरियन कैलेंडर के अगस्त या सितंबर के महीने में पड़ता है. साल 2022 में यह 18 औऱ 19 अगस्त को मनाया गया (Janmashtami 2022).
हिंदू धर्म में यह एक महत्वपूर्ण त्योहार है, खासकर की वैष्णव परंपरा में. भागवत पुराण के अनुसार कृष्ण के जीवन के नृत्य, कृष्ण के जन्म के समय मध्यरात्रि में भक्ति गायन, उपवास, रत्रि जागरण और उसके अगले दिन जन्माष्टमी समारोह उत्सव का एक हिस्सा हैं. यह विशेष रूप से मथुरा और वृंदावन में एक बड़े त्योहार के रूप में मनाया जाता है (Janmashtami Festival). भारत के मणिपुर, असम, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु राज्यों में कृष्ण जन्माष्टमी काफी धूम धाम से मनाया जाता है. जन्माष्टमी को भगवान कृष्ण को विशेष भोजन, मक्खन-मिश्री, पंजीरी और मखाने की खीर खास तौर पर अर्पित किया जाता है. लोग कृष्ण या विष्णु मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना करते हैं (Janmashtami in India).
कुछ प्रमुख कृष्ण मंदिर 'भगवत पुराण और भगवद गीता' (Bhagavata Geeta) के पाठ का आयोजन भी करते हैं. कई उत्तरी भारतीय समुदाय नृत्य-नाटक कार्यक्रम आयोजित करते हैं जिन्हें रास लीला या कृष्ण लीला (Krishna Leela) कहा जाता है. रास लीला (Raas Leela) की परंपरा विशेष रूप से मथुरा क्षेत्र में, भारत के पूर्वोत्तर राज्यों जैसे मणिपुर और असम में और राजस्थान और गुजरात के कुछ हिस्सों में लोकप्रिय है (Janmashtami, Hindu Festival).
कृष्ण जन्माष्टमी के बाद नंदोत्सव त्योहार (Nandotsava) के रूप में भी जाना जाता है. माना जाता है कि कृष्ण जन्म के बाद नंदजी ने पूरे समुदाय को उपहार वितरित किए थें.
नितीश भारद्वाज को आज भी उनके नाम से कम बल्कि कृष्ण के लिए ज्यादा पहचाना जाता है. इस बात में कोई दो राय नहीं है कि एक वक्त था, जब नितीश को दर्शक असल कृष्ण भगवान समझने लगे थे.
जन्माष्टमी के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु बिरला मंदिर तथा छत्तरपुर मंदिर में पूजा अर्चना के लिए जाएंगे. पैदल यात्रियों की भीड़-भाड़ को देखते हुए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने मंदिर मार्ग तथा पेशवा रोड होकर चलने वाली बसों के रूट में कुछ बदलाव किए हैं.
देशभर में जन्माष्टमी का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया. जहां आम श्रद्धालुओं से लेकर नेता तक सभी मंदिर-देवालय पहुंचे. वहीं बच्चों ने श्रीकृष्ण का रूप धर खूब फोटो खिंचवाई. मुंबई में दही-हांडी का खूब हल्ला रहा और जगह-जगह भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक हुआ.
Krishna Janmashtami Wishes and Messages: श्रीकृष्ण की पूजा अधिकतर सभी घरों में की जाती है. जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल का विशेष श्रृंगार किया जाता है. कान्हा के आगमन पर रिश्तेदारों और दोस्तों को इन शुभकामना संदेश के जरिए कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दें.