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जंतर मंतर

जंतर मंतर

जंतर मंतर

जंतर मंतर (Jantar Mantar) नई दिल्ली (New Delhi) में स्थित है. इसमें 13 वास्तुशिल्प खगोल विज्ञान उपकरण शामिल हैं. यह साइट जयपुर के महाराजा जय सिंह द्वितीय ने बनवाया था (Formation of Jantar Mantar). यह 1723 के बाद से कैलेंडर और खगोलीय तालिकाओं को संशोधित करने वाले पांच में से एक वास्तुशिल्प है.1727 और 1734 के बीच जय सिंह द्वितीय ने पश्चिम-मध्य भारत में पांच समान वेधशालाओं का निर्माण किया, जिन्हें जंतर मंतर के नाम से जाना जाता है. वे जयपुर, उज्जैन, मथुरा और वाराणसी में स्थित हैं. 

जय सिंह (King Jay Singh) का जन्म 1688 में एक शाही राजपूत परिवार में हुआ था. उन्होंने क्षेत्रीय राज्य पर शासन किया था. उनको खगोल विज्ञान में गहरी रुचि थी. जंतर मंतर वेधशाला के संरचनाओं में से एक पर पट्टिका लगाई गई है जिसे 1910 में परिसर के निर्माण के लिए रखा गया था. इसकी ऊंचाई 723 फीट है (Founder of Jantar Mantar).

जंतर मंतर का प्राथमिक उद्देश्य खगोलीय तालिकाओं को संकलित करना और सूर्य, चंद्रमा और ग्रहों के समय और गति की भविष्यवाणी करना था. जंतर मंतर, 1857 के विद्रोह के दौरान काफी हद तक क्षय हो गया था (Prediction of Time, Jantar Mantar). 

राम यंत्र, सम्राट यंत्र, जय प्रकाश यंत्र और मिश्र यंत्र जंतर मंतर के विशिष्ट यंत्र हैं (Instrument of Jantar Mantar). 

जंतर मंतर का उद्देश्य खगोल विज्ञान और ज्योतिष था, लेकिन आज वे एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण और खगोल विज्ञान के इतिहास का एक महत्वपूर्ण स्मारक भी हैं (Jantar Mantar Tourist Place in Delhi).

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