भारत की आजादी और खुशी का पूरी दुनिया में ऐलान करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (Jawahar Lal Nehru) का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुआ था. उनके पिता मोती लाल नेहरू (Moti Lal Nehru) थें. 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, उन्होंने 16 वर्षों तक देश के पहले प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया. नेहरू ने 1950 के दशक के दौरान संसदीय लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दिया और आधुनिक भारत के निर्माता कहलाएं.
वह एक सुप्रसिद्ध लेखक भी थें. जेल में लिखी गई उनकी किताबें लेटर्स फ्रॉम ए फादर टू हिज डॉटर (1929), एन ऑटोबायोग्राफी (1936) और द डिस्कवरी ऑफ इंडिया (1946), दुनिया भर में पढ़ी गई. उनके नाम के पहले सम्मानसूचक पंडित लगाया जाता है.
जवाहर लाल नेहरू की शिक्षा इंग्लैंड के हैरो स्कूल और ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज से हुई थी. उन्होंने टेम्पल में कानून का प्रशिक्षण भी लिया था. पढाई पूरी करने के बाद वह भारत लौट आए और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वह बैरिस्टर बन गए. धीरे-धीरे उनकी रुचि राष्ट्रीय राजनीति में होने लगी, जिसके बाद वह भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में शामिल हो गए (Jawahar Lal Nehru Early Life).
जवाहर लाल नेहरू ने 1916 में कमला कौल (Kamala Kaul) से शादी की और उनकी बेटी इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) थी, देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं (Jawahar Lal Nehru Family).
1936 में कमला कौल की मृत्यु के बाद, नेहरू के कई महिलाओं के साथ संबंध होने की अफवाह थी. इनमें श्रद्धा माता, पद्मजा नायडू और एडविना माउंटबेटन का नाम शामिल है. ब्रिटिश इतिहासकार फिलिप जिग्लर ने अपने निजी पत्रों और डायरियों में नेहरू के रिलेशनशिप के बारे में लिखा है. खबरों की माने तो नेहरू की बहन, विजया लक्ष्मी पंडित ने इंदिरा गांधी की मित्र और जीवनीकार पुपुल जयकर को बताया था कि पद्मजा नायडू और नेहरू कई वर्षों तक एक साथ रहे थें (Jawahar Lal Nehru Relationships).
1962 में नेहरू का स्वास्थ्य लगातार गिरने लगा. उन्हें वायरल इंफेक्शन हो गया, जिसके कारण उन्होंने अप्रैल का अधिकांश समय बिस्तर पर बिताया. 27 मई 1964 को लगभग 2 बजे सुबह लोकसभा में उनकी मृत्यु की घोषणा की गई. मौत का कारण दिल का दौरा बताया गया (Jawahar Lal Nehru Death).
दशकों की गुलामी से आजाद हुआ भारत अपने पैरों पर खड़ा होने की कोशिश कर रहा था. ऐसी स्थिति में भारत की उम्मीद भरी नजरें अमेरिका की तरफ थी. 1949 में प्रधानमंत्री नेहरू पहली बार अमेरिका के दौरे पर गए. भारत को आस थी कि दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क उनकी मदद करेगा लेकिन अमेरिका की ट्रूमैन सरकार को इसमें कोई खास दिलचस्पी नहीं थी.
दिल्ली की चुनावी रैली में पीएम मोदी ने कहा कि 'साल के 12 लाख कमाने वालों को इतनी बड़ी राहत कभी नहीं मिली. नेहरू जी के जमाने में अगर आप 12 लाख कमाते होते तो आपकी कमाई का एक चौथाई हिस्सा सरकार वापस ले लेती. देखिए VIDEO
Budget 2025 पेश होने में महज कुछ दिन शेष बचे हैं और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने कार्यकाल का आठवां बजट भाषण देंगी. भारतीय बजट इतिहास पर नजर डालें, तो देश में तीन प्रधानमंत्रियों ने PM रहते हुए इसे पेश किया है, जबकि 2 बजट पेश करने के बाद प्रधानमंत्री बने हैं.
1963 के गणतंत्र दिवस समारोह पर १९६२ के भारत-चीन युद्ध का गहरा प्रभाव पड़ा. युद्ध के बाद सेना की कमी के कारण परेड के आयोजन पर संकट आया, लेकिन प्रधानमंत्री नेहरू के दृढ़ संकल्प से यह आयोजित हुआ. RSS के स्वयंसेवकों को भी शामिल किया गया. इस अवसर पर युद्ध के वीरों को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया और लता मंगेशकर ने 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गाकर सबको भावुक कर दिया. यह समारोह राष्ट्रीय एकता और साहस का प्रतीक बना.
भारत-पाकिस्तान के बीच हुए 1965 और 1971 के युद्धों का विवरण. लाल बहादुर शास्त्री के नेतृत्व में भारत ने 1965 में पाकिस्तान को हराया. 1971 में इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्रित्व में भारत ने पाकिस्तान को फिर से परास्त किया, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का जन्म हुआ. पाकिस्तान के 90,000 सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया. भारतीय वायु सेना और थल सेना की महत्वपूर्ण भूमिका रही. परमवीर चक्र से सम्मानित वीर सैनिकों का उल्लेख.
1954 के इलाहाबाद कुंभ मेले में हुई भीषण भगदड़ की सच्चाई सामने आई है. पत्रकार एस एन मुखर्जी के संस्मरण से पता चला कि 1000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी, जबकि सरकार ने केवल 316 मौतों का दावा किया था. नेहरू और राष्ट्रपति के दौरे के दौरान हुई इस घटना को सरकार ने 'कुछ भिखारियों की मौत' बताकर छुपाने की कोशिश की. अधिकारी घटना के बाद भी चाय-नाश्ते में व्यस्त रहे. दूसरे दिन शवों के ढेर जलाकर सबूत मिटाए गए. इस बड़ी त्रासदी के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया.
भारत का पहला आम चुनाव, 1951-52 में हुआ था. जिसमें 17 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने भाग लिया था. चुनाव 25 अक्टूबर 1951 से 21 फरवरी 1952 तक चला. इसमें लोकसभा की 489 सीटों और राज्य विधानसभाओं की 3283 सीटों के लिए मतदान हुआ. चुनाव आयोग ने 1.96 लाख बूथ और 1.32 लाख मतदान केंद्र बनाए.
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PMML के सदस्य रिज़वान कादरी ने दस दिसंबर को राहुल गांधी को पत्र लिखा था. इससे पहले उन्होंने सितंबर में सोनिया गांधी को भी पत्र लिखा था. अब राहुल गांधी से कहा गया है कि या तो सोनिया गांधी से ओरिजनल पत्र दिलवाएं या फिर इनकी फोटोकॉपी या डिजिटल कॉपी दिलवाई जाए.
पूर्व PM जवाहरलाल नेहरू के ऐतिहासिक पत्रों पर नया विवाद छिड़ गया है. प्रधानमंत्री संग्रहालय ने राहुल गांधी से नेहरू के पत्र वापस मांगे हैं, जिन्हें सोनिया गांधी ने मंगवाया था. पीएमएमएल का कहना है कि ये राष्ट्रीय महत्व के दस्तावेज हैं और इन्हें संग्रहालय में ही रहना चाहिए. देखें ये वीडियो.
देश में हर साल 14 नवंबर को भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. चिल्ड्रंस डे के मौके पर आप खास मैसेज और कोट्स के जरिए बाल दिवस की शुभकामनाएं और चाचा नेहरू के जन्मदिवस की बधाई दे सकते हैं.
भारतीय जनता पार्टी हरियाणा वाले सारे प्रयोग महाराष्ट्र में भी कर रही है. एंटी जाट ध्रुवीकरण की कोशिश जिस तरह हरियाणा में असफल साबित हुई है उसी तरह महाराष्ट्र मे भी हो सकता है. राष्ट्रवाद के नाम पर क्या मराठा बीजेपी के लिए वोट देंगे?
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द करने की मांग की है. गिरिराज सिंह ने यह भी कहा है कि राहुल गांधी जैसे टुकड़े-टुकड़े गैंग रात को अफजल गुरु के लिए दरवाजा खुला रखते हैं. इसके साथ ही उन्होंने इंदिरा गांधी का उदाहरण भी दिया. देखिए VIDEO
महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर सियासी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी ने शिवाजी की मूर्ति गिरने पर माफी मांगी, लेकिन अब बीजेपी ने इसमें पंडित नेहरू को घसीट लिया है. फडणवीस ने नेहरू पर आरोप लगाया कि उन्होंने 'डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया' में शिवाजी का अपमान किया था. कांग्रेस ने जोरदार पलटवार करते हुए फडणवीस से पूछा कि उन्हें किस पैराग्राफ पर आपत्ति है.
1955 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाला नेहरू ने ऑस्ट्रिया की यात्रा की थी. इसके साथ ही वह ऑस्ट्रिया का दौरा करने वाले पहले पीएम बन गए थे. इसके बाद इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए 1971 में ऑस्ट्रिया का दौरा किया था. अब पीएम मोदी तीसरे पीएम बनने वाले हैं, जो ऑस्ट्रिया पहुंचेंगे.
प्रधानमंत्री संग्रहालय (PMML) ने तय किया है कि भविष्य में वो ख्यात लोगों के निजी दस्तावेजों पर मनमानी नहीं चलने देगा. डोनर कागजात को सीक्रेट रखने की शर्त नहीं रख सकेगा. साल 2008 में कांग्रेस लीडर सोनिया गांधी ने जवाहरलाल नेहरू के उन कागजों तक लोगों की पहुंच पर रोक लगा दी थी, जो पहले ही संग्रहालय का हिस्सा थे. साथ ही कलेक्शन से कई बक्से भी वापस ले लिए थे. उसके बाद हाल में ये फैसला हुआ.
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो को शेयर करने वालों की मानें तो इस इंटरव्यू में नेहरू ने कबूल किया था कि वो भारत की आजादी की लड़ाई में कभी शामिल ही नहीं हुए थे. इस वीडियो का आजतक की टीम ने फैक्ट चेक किया है.
2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी बहुमत के आंकड़े से पीछे रह गई है. ऐसे में बीजेपी को सरकार चलाने के लिए एनडीए के बाकी सहयोगियों पर निर्भर रहना होगा. आम तौर पर लोग 1977 में बनी जनता पार्टी की सरकार को पहली गठबंधन सरकार के रुप में याद करते हैं.
2 सितंबर 1946 को वायसराय लॉर्ड वेवेल ने रेडियो पर अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा की. साथ ही ये भी कहा कि मुस्लिम लीग के लिए अब भी सरकार में 14 में से 5 पद सुरक्षित हैं और सरकार में शामिल होने का रास्ता अब भी खुला है.
तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ के साथ नरेंद्र मोदी भारतीय सियासत के तमाम बड़े रिकॉर्ड बनाएंगे. इससे पहले जवाहरलाल नेहरू ने लगातार तीन बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. इस वीडियो में देखते हैं कि पीएम मोदी किन बड़े रिकॉर्ड्स को अपने नाम इतिहास में दर्ज कराने वाले हैं.
नरेंद्र मोदी आज लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. पीएम मोदी से पहले केवल पंडित जवाहर लाल नेहरू ही लगातार तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं. देश में एक दौर ऐसा था जब गठबंधन की सरकारें थी और इस वजह से मध्यावधि चुनाव भी हुए.