संसद में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने पाकिस्तान को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान की कट्टर और धर्मांध मानसिकता को नहीं बदल सकता है. जयशंकर ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर भारत सरकार की कार्रवाई के सवाल पर यह जवाब दिया. उन्होंने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को उठा रहा है, लेकिन पड़ोसी देश की मानसिकता बदलना संभव नहीं है.
ट्रेड एग्रीमेंट्स पर बातचीत करते हुए एस. जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार वर्तमान में तीन महत्वपूर्ण वार्ताओं में लगी हुई है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ बातचीत भी शामिल है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, बीते कुछ सालों में दुनिया की अर्थव्यवस्था ने कई तूफान देखे. कोविड ने सप्लाई चेन की कमजोरियों को सबके सामने ला दिया, तो यूक्रेन संकट ने खाने-पीने की चीजों, ईंधन और खाद की चिंता बढ़ा दी. अक्टूबर 2023 से पश्चिम एशिया में चल रही उथल-पुथल ने समुद्री व्यापार को ठप कर दिया
सूत्रों का कहना है कि मौजूद वीडियो फुटेज के आधार पर प्रदर्शनकारियों की पहचान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. जांच एजेंसियों को इस बात का अंदेशा है कि कुछ महीनों पहले ब्रिटेन में इंडियन हाई कमीशन के सामने जो हिंसक प्रदर्शन किया गया था, उनमें से कुछ प्रदर्शनकारी इस प्रदर्शन में भी शामिल हो सकते हैं.
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ब्रिटेन और आयरलैंड के दौरे पर हैं. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अमेरिका में हैं तो विदेश सचिव विक्रम मिस्री आज से दो दिनों के रूस दौरे पर हैं.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने कहा कि हम लंदन के चैथम हाउस में कश्मीर को लेकर दिए गए जयशंकर के बयान को खारिज करते हैं. उन्होंने कहा कि पीओके का मामला विवादित है और जयशंकर गलत तरीके से इसे लेकर बयानबाजी कर रहे हैं.
एस जयशंकर ने लंदन के थिंक टैंक चैथम हाउस में 'भारत का उदय और विश्व में भूमिका' विषय पर चर्चा की. इस दौरान उनसे सवाल पूछा गया कि भारत, चीन के साथ किस तरह का रिश्ता चाहता है.
पाकिस्तान के एक पत्रकार ने जयशंकर से सवाल पूछते हुए कहा कि मैं लेखक और पत्रकार हूं और मैं आपको थोड़ा सा नर्वस करना चाहता हूं. भारत ने कश्मीर पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है जिस वजह से वे प्रोटेस्ट कर रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दुनिया में शांति लाने की बात करते हैं तो क्या नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ अपनी दोस्ती का इस्तेमाल कर कश्मीर मुद्दे को सुलझा सकते हैं?
ब्रिटेन और आयरलैंड के छह दिनों के दौरे के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने लंदन के चैथम हाउस थिंक टैंक में भारत का उदय और विश्व में भूमिका पर एक कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कश्मीर से लेकर, रेसिप्रोकेल टैरिफ और ट्रंप की नीतियों पर खुलकर बात की.
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई में अमेरिकी सरकार बहुध्रुवीयता (Multipolarity) की ओर बढ़ रही है, जो भारत के हितों के अनुरूप है. दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते की जरूरत पर सहमति जताई है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिटेन दौरे पर कश्मीर मुद्दे पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की वापसी से ही कश्मीर समस्या का समाधान होगा. जयशंकर ने साफ किया कि अनुच्छेद 370 हटाना, विकास बहाल करना और चुनाव कराना भारत के बड़े कदम थे. देखें उन्होंने और क्या कहा?
अपने कूटनीतिक अनुभव को साझा करते हुए जयशंकर ने व्हाइट हाउस में पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की हालिया मुलाकात को सकारात्मक रूप से आंका. एस जयशंकर ने यह भी कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करने के बाद जिन वर्ल्ड लीडर्स को अपने देश आने का न्योता दिया, उनमें पीएम मोदी शुरुआती नेताओं में शामिल हैं.
विदेश मंत्री जयशंकर ने हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भी हिस्सा लिया था. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक खत भी ट्रंप को दिया था.
कनाडा सरकार ने स्पष्टीकरण देकर कहा है कि देश में किसी भी तरह की आपराधिक गतिविधि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की कोई भूमिका नहीं है.
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति से बैठक के दौरान पीएम मोदी ने व्यापार, वाणिज्य, हेल्थ और सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की. इंडोनेशिया का राष्ट्रपति चुने जाने के बाद दोनों नेताओं की ये पहली मुलाकात थी.
भारत के विदेश मंत्री जयशंकर और वांग यी ने न सिर्फ वैश्विक मुद्दों पर बातचीत की, बल्कि भारत-चीन सीमा पर सैनिकों की वापसी को लेकर भी चर्चा की. इस बैठक के बारे में बताते हुए जयशंकर ने कहा कि एलएसी पर समझौते के अनुसार काम आगे बढ़ा है.
जयशंकर ने एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में कहा कि इस पूरे मामले पर कनाडा के दोहरे मानदंड का भी जिक्र किया कि किस तरह से कनाडा के राजनयिक विदेशी धरती पर आसानी से जानकारियां जुटा लेते हैं जबकि कनाडा अपनी जमीं पर इस तरह की गतिविधियों को लेकर बहुत सख्त हैं.
भारत के विदेश मंत्री जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इशाक डार के बीच दो मौकों पर अनौपचारिक बातचीत में भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों में सुधार पर भी चर्चा हुई.
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन में शामिल होने के लिए दो दिनों के पाकिस्तान दौरे पर हैं. जयशंकर ने आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद को लेकर चीन-पाकिस्तान को घेरा है. जयशंकर ने पाक को साफ कर दिया है कि आतंकवाद और व्यापार साथ-साथ संभव नहीं हो सकता. देखें वीडियो.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक इंटरव्यू में कहा कि अगर एस जयशंकर की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एससीओ समिट में भारत का प्रतिनिधित्व करते तो और अच्छा होता. उन्होंने जल्द ही पीएम मोदी से मुलाकात की उम्मीद जताई.
पाकिस्तान में 15 और 16 अक्टूबर को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की समिट होने जा रही है. इस समिट में हिस्सा लेने के लिए भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर मंगलवार को पाकिस्तान पहुंचेंगे. नौ साल बाद ये किसी भी भारतीय विदेश मंत्री का पहला पाकिस्तान दौरा होगा.