झारखंड हाई कोर्ट
झारखंड हाई कोर्ट ((Jharkhand High Court) भारत के सबसे नए उच्च न्यायालयों में से एक है. यह 2000 में बिहार राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 2000 के तहत स्थापित किया गया था. झारखंड राज्य को बिहार राज्य से अलग कर दिए जाने के बाद पटना हाई कोर्ट की रांची बेंच को झारखंड हाई कोर्ट में बदल दिया गया (Jharkhand High Court Establishment). इस अदालत को झारखंड राज्य पर अधिकार क्षेत्र है (Jharkhand High Court Jurisdiction). अदालत की सीट राज्य की प्रशासनिक राजधानी रांची में है (Jharkhand High Court Location).
न्यायालय के पास अपीलीय के अलावा मूल क्षेत्राधिकार है. इस न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णयों की अपील केवल भारत के सर्वोच्च न्यायालय में की जा सकती है. इस अदालत में न्यायाधीशों की कुल स्वीकृत संख्या 25 है (Jharkhand High Court Sanctioned Strength).
पटना उच्च न्यायालय के पत्र पेटेंट के खंड 36 के तहत 6 मार्च 1972 को रांची में पटना उच्च न्यायालय की एक सर्किट बेंच की स्थापना की गई थी. 8 अप्रैल 1976 को पटना उच्च न्यायालय अधिनियम 1976 के अधिनियम 57 के तहत रांची में स्थायी बेंच की स्थापना हुई. 15 नवंबर 2000 को बिहार राज्य का पुनर्गठन के बाद यह स्थायी बेंच झारखंड उच्च न्यायालय बन गई (Jharkhand High Court History).
झारखंड उच्च न्यायालय ने 15 दिसंबर 2021 को वर्चुअल सुनवाई की कार्यवाही को YouTube पर लाइव स्ट्रीमिंग शुरू की. इससे झारखंड हाईकोर्ट यूट्यूब पर सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू करने वाला देश का छठा कोर्ट बन गया (Jharkhand High Court Virtual Hearing Live Streaming on You Tube ).
झारखंड विधानसभा द्वारा 2021 में पारित एक्ट के मुताबिक, प्रत्येक एंप्लॉयर को ऐसे पदों के संबंध में कुल मौजूदा खाली पदों का 75 फीसदी स्थानीय कैंडिडेट्स द्वारा भरना होगा, जहां प्रति महीने 40,000 रुपये से ज्यादा सैलरी नहीं है.
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने हाईकोर्ट में स्थायी चीफ जस्टिस की नियुक्ति में हो रही देरी का मुद्दा उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सरकार नेअपनी अर्जी में केंद्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की सिफारिशों की अवमानना का मामला चलाए जाने की गुहार लगाई है.
झारखंड हाई कोर्ट ने कहा कि राशन कार्ड, आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए जरूरी दस्तावेज आवेदकों के लैंड डॉक्यूमेंट्स और निवास स्थिति की पुष्टि करने के बाद ही जारी किए जाएं.
कोर्ट ने कहा कि इसके चलते राष्ट्र और राज्य के विकास में बाधा आ रही है. समाज के ऐसे सफेदपोश अपराधियों को आंख खोलने वाला संदेश भेजने के लिए अलग दृष्टिकोण से निपटा जाना चाहिए. आरोपी की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सुभाष चांद की कोर्ट में सुनवाई हुई. सुमित गुप्ता पर जमशेदपुर में GST चोरी का मामला दर्ज है.
झारखंड हाई कोर्ट से राज्य के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले से जुड़े मामले में जमानत मिल गई है. दरअसल, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर 31 करोड़ रुपये से अधिक की 8.86 एकड़ जमीन अवैध रूप से हासिल करने का आरोप है.
Land Scam Case: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ी राहत मिली है. झारखंड हाईकोर्ट ने उन्हें जमीन घोटाला केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी. हेमंत सोरेन 5 महीने बाद जेल से बाहर आएंगे. बता दें कि सोरेन को लैंड स्कैम के आरोपों के कारण अपना सीएम पद छोड़ना पड़ा था. देखें ये वीडियो.
झारखंड हाई कोर्ट ने 3 मई को हेमंत सोरेन के खिलाफ मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया और कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री राजनीतिक प्रतिशोध का सहारा लेकर इस मामले से बच नहीं सकते.
जनहित याचिका डेनियल दानिश ने दाखिल की है, याचिका में डेनियल ने घुसपैठ को रोकने, घुसपैठियों के द्वारा हो रहे लव जेहाद समेत अन्य मामले की जांच की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि यहां के लोगों को गुमराह कर वैवाहिक संबंध स्थापित किया जा रहा है.
अर्जुन मुंडा की याचिका में पुलिस स्टेशन के नाम में वर्तनी की गलती सहित अन्य त्रुटियां थीं. झारखंड उच्च न्यायालय ने याचिका में वर्तनी संबंधी गलतियों को सुधारने के लिए कहा था, लेकिन उनके वकील द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया गया. इसका संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने मंत्री पर 1.25 लाख का जुर्माना लगा दिया.
हाई कोर्ट ने तमाम साक्ष्यों के आधार पर निष्कर्ष निकाला की संगीता टोप्पो ने अपनी वैवाहिक जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं किया. इसलिए वह भरण पोषण भत्ते की हकदार नहीं है. इस तरह झारखंड हाई कोर्ट ने अमित कच्छप को राहत देते हुए रांची फैमिली कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया.
साहेबगंज जिले के नींबू पहाड़ में अवैध खनन के मामले की सीबीआई जांच पर झारखंड हाईकोर्ट ने स्टे लगाया था, जिसको अब कोर्ट ने ही हटाने का आदेश दे दिया है. यानी साफ है कि अब इस मामले में सीबीआई जांच हो सकेगी. सीबीआई जांच के खिलाफ राज्य सरकार ने कोर्ट में याचिका दायर की थी.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. 2018 में अमित शाह के खिलाफ टिप्पणी मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर दिया. अब इस मामले में राहुल के खिलाफ निचली कोर्ट में ट्रायल चलेगा.
झारखंड में हाई कोर्ट का नया शानदार भवन एवं परिसर बनकर तैयार है और बस इसके उद्घाटन का इंतजार है. झारखंड हाई कोर्ट अब परिसर के लिहाज से देश का सबसे बड़ा कोर्ट होगा. ये सुप्रीम कोर्ट से भी कई गुना बड़ा होगा. भवन को लेटेस्ट तकनीक और स्टेट ऑफ द आर्ट बनाया गया है. देखें ये रिपोर्ट.
झारखंड विधानसभा की ओर से हाईकोर्ट को ये जानकारी दी गई है कि विधानसभा परिसर में नमाज के लिए कमरा आवंटन पर एक कमेटी गठित की गई है. ये कमेटी दूसरे राज्यों से भी जानकारियां जुटा रही है और 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट सौंप देगी.
राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. उन पर तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह पर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है.
झारखंड हाई कोर्ट में रमेश हांसदा की तरफ से एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें भर्ती नीति में विसंगतियों को लेकर सवाल किए थे. नीति ने नए नियम निर्धारित किए थे कि अनारक्षित वर्ग से मैट्रिक और अन्य राज्य से इंटर पास करने वाले झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा ग्रेड 3 और 4 की नौकरी के लिए आवेदन करने के पात्र नहीं होंगे. साथ ही हांसदा ने JSSC प्रवेश परीक्षा में हिंदी और अंग्रेजी भाषा को स्ट्राइक करने पर आपत्ति दर्ज कराई थी.
झारखंड कैश कांड में कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी झारखंड में हर विधायक को 10-10 करोड़ रुपये और मंत्री पद का प्रस्ताव दे कर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है. पार्टी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर इस साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है.