जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) बिहार के एक राजनेता हैं. वह बिहार के 23वें मुख्यमंत्री रहे हैं (Former CM Bihar). उनका कार्यकाल 20 मई 2014 से 20 फरवरी 2015 तक रहा था. वह हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के संस्थापक अध्यक्ष थे. इससे पहले, उन्होंने नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री के रूप में कार्य किया था. वह चंद्रशेखर सिंह, बिंदेश्वरी दुबे, सत्येंद्र नारायण सिन्हा, जगन्नाथ मिश्रा, लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी जैसे कई मुख्यमंत्रियों के अधीन बिहार की कई राज्य सरकारों में मंत्री रहे हैं (Jitan Ram Manjhi Ministries).
मांझी 1980 से बिहार विधानसभा के सदस्य हैं. वह कई राजनीतिक दलों, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (1980-1990), जनता दल (1990-1996), राष्ट्रीय जनता दल (1996-2005) और जद (यू) (2005-2015) के सदस्य रहे हैं. फरवरी 2015 के राजनीतिक संकट के बाद उन्हें जद (यू) से निष्कासित कर दिया गया था और बाद में जीतनराम मांझी बिहार में एक प्रमुख दलित चेहरे के रूप में उभरे. मई 2015 में, उन्होंने नई राजनीतिक पार्टी, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की घोषणा की (Jitan Ram Manjhi Political Career).
उनका जन्म 6 अक्टूबर 1944 को बिहार के गया (Gaya, Bihar) जिले के खिजरसराय क्षेत्र के महाकर गांव में हुआ था (Jitan Ram Manjhi Born). उनके पिता रामजीत राम मांझी और मां सुकरी देवी मुसहर समुदाय के खेतिहर मजदूर थें (Jitan Ram Manjhi Parents).
अपने उच्च-जाति के जमींदार की अनुमति प्राप्त करने के बाद उन्हें एक शिक्षक ने 7 वीं कक्षा तक पढ़ाया. फिर उन्होंने मगध विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद, उन्होंने 13 साल तक गया टेलीफोन एक्सचेंज में काम किया (Jitan Ram Manjhi Education).
जीतनराम मांझी ने शांति देवी से शादी की है (Jitan Ram Manjhi wife). उनके दो बेटे और पांच बेटियां हैं. उनका एक बेटा, संतोष सुमन मांझी एमएलसी है (Jitan Ram Manjhi Children).
इससे पहले सोमवार को पटना में आरजेडी प्रमुख लालू यादव भी इफ्तार पार्टी हुई थी. 23 मार्च को सीएम नीतीश कुमार ने इफ्तार पार्टी दी थी. केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी इफ्तार पार्टी दे चुके हैं.
जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन के पास पहले तीन विभाग थे. अब उनके पास केवल लघु जल संसाधन विभाग बचा है. मंत्रालयों के आवंटन के तहत संजय सरावगी को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग सौंपा गया है.
एनडीए में शामिल क्षेत्रीय पार्टियां इस गठबंधन की ताकत को बढ़ाती हैं, जिसमें चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास), जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मंच शामिल हैं. चिराग पासवान, जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा तीनों ही नेता अपनी-अपनी जातीय और क्षेत्रीय पकड़ रखते हैं.
बिहार के पटना में एक होली समारोह के दौरान आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव के निर्देश पर नाचने वाले पुलिसकर्मियों के वीडियो पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने आलोचना की है. मांझी ने कहा कि इस घटना से यह साफ होता है कि सत्ता में आने पर लोगों का गलत इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है. देखें.
राबड़ी देवी ने नीतीश पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने सदन में मेरा अपमान किया. नीतीश कुमार कहते हैं कि 2005 में जब उनकी सरकार आई तो महिलाओं ने कपड़े पहनने शुरू किए तो क्या उससे पहले नीतीश कुमार के घर में मां-बहनें निर्वस्त्र रहती थीं?
Bihar Reservation Politics: बिहार में आरक्षण को लेकर तेजस्वी यादव के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है. इधर बीजेपी के सहयोगी जीतन राम मांझी ने भी तेजस्वी से आरक्षण पर डेटा मांगा है. मांझी ने कहा कि तेजस्वी यादव प्रलाप करते हैं उनके प्रलाप का कोई जवाब नहीं दिया जाता है. कहां उनके पास डाटा है कि हम लोग चोरी किए हैं. देखिए पूरा बयान.
पटना में दलित समागम कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने दावा किया कि NDA मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा और 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में 225 से अधिक सीटें जीतकर सरकार बनाएगा.' उन्होंने विपक्षी दलों द्वारा लगाए जा रहे इस आरोप को खारिज कर दिया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) जदयू (JDU) को कमजोर करने की साजिश कर रही है. उन्होंने कहा, 'यह केवल विपक्ष की हताशा का संकेत है. हारे हुए लोग इसी प्रकार की बातें करते हैं.'
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में जीतन राम माझी के एक कार्यक्रम में मात्र 15 सेकंड का संबोधन देकर सबको हैरान कर दिया। इस घटना का राज्य की राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। क्या इससे यह संकेत मिलता है कि दोनों नेताओं के बीच अनबन है? इस बीच, तेजस्वी यादव के 2025 में मुख्यमंत्री बनने की इच्छा पर बीजेपी की तीखी प्रतिक्रिया भी सामने आई है। बिहार की कानून व्यवस्था के मुद्दे भी इस राजनीतिक घटनाक्रम का हिस्सा बन रहे हैं, जो राज्य की राजनीति में परिवर्तन का स्पष्ट संकेत दे रहे हैं।
जीतनराम मांझी ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति की कुल आबादी 30 प्रतिशत से भी अधिक है, लेकिन सत्ता में उनकी हिस्सेदारी नगण्य है. उन्होंने कहा कि बाबासाहब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने हमें एकजुट रहने का मंत्र दिया था, लेकिन आज दलित समाज उपजातियों में बंटकर अपनी ताकत कमजोर कर चुका है. मांझी ने कहा कि अलग-अलग कटोरा लेकर घूमने से हक नहीं मिलेगा.
बिहार सरकार में मंत्री और जीतनराम माझी के बेटे संतोष सुमन ने सीएम नीतीश कुमार का स्वागत किया. सीएम नीतीश ने अपने 15 सेकेंड्स के संक्षिप्त उद्बोधन में दलित समागम के लिए आयोजकों को बधाई दी.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी के एक कार्यक्रम में महज 15 सेकंड का भाषण दिया और लौट गए. इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. क्या नीतीश और मांझी के बीच कोई मतभेद है? नीतीश का ये रवैया कई सवाल खड़े कर रहा है. देखें वीडियो.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने मंगलवार को मोदी कैबिनेट छोड़ने की अफवाहों को लेकर चुप्पी तोड़ी. उन्होंने झूठी खबरें फैलाने वाले लोगों पर कार्रवाई करने की बात भी कही है. मांझी ने एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि कुछ वेब पोर्टल और समाचार चैनल कैबिनेट से मेरे इस्तीफे की बात कह रहे हैं.
जीतन राम मांझी ने झारखंड और दिल्ली के चुनाव में औकात देख कर लोगों को टिकट दिया गया. कहते हैं कि हमने एक भी सीट नहीं मांगी थी, इसलिए नहीं दिया गया. बिहार में मुसहर और भुइयां समाज की आबादी को देखते हुए उनकी राजनीतिक ताकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. अब बिहार में हम अपनी औकात दिखाएंगे.
केंद्रीय मंत्री और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (लोकतांत्रिक) 40 सीटों की डिमांड कर रही है. इस डिमांड से लेकर ताजा बयानों को लेकर चल रही अटकलों तक, जीतनराम मांझी ने आजतक से खास बातचीत में हर सवाल का जवाब दिया है.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बीते मंगलवार को मोदी कैबिनेट छोड़ने की अफवाहों को लेकर चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने झूठी खबरें फैलाने वाले लोगों पर कार्रवाई करने की बात भी कही है. देखें पूरी खबर.
केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने दिल्ली और झारखंड चुनाव में अपनी पार्टी को सीटें नहीं दिए जाने पर नाराजगी जताई, कैबिनेट छोड़ने की बात कह दी. सियासी हंगामा बरपा तो अब सफाई देते हुए पीएम मोदी के प्रति पूर्ण समर्पण का ऐलान कर दिया है. ये मांझी की बेबाकी है या रणनीति?
जीतन राम मांझी ने झारखंड और दिल्ली के चुनाव में औकात देख कर लोगों को टिकट दिया गया. कहते हैं कि हमने एक भी सीट नहीं मांगी थी, इसलिए नहीं दिया गया. बिहार में मुसहर और भुइयां समाज की आबादी को देखते हुए उनकी राजनीतिक ताकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. अब बिहार में हम अपनी औकात दिखाएंगे.
तो क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गले की फांस बनने जा रहे हैं जीतन राम मांझी? पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने जिस तरह से ताकत, जनसंख्या और अपनी लोकप्रियता के सहारे एनडीए के सामने सीटों की चुनौती रखी है वो होश उड़ाने वाली है. सबसे बड़ी बात तो यह है कि उन्होंने एनडीए नेतृत्वकर्ता को यहां तक कह डाला कि चुनाव में उन्हें कमतर आंका गया है.
HUM संस्थापक गुरुवार को जहानाबाद के बसंतपुर में आयोजित हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (से.) पार्टी का विधानसभा स्तरीय सम्मेलन- सह-मिलन समारोह में भाग लेने पहुंचे. जहां उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए बिहार विधानसभा में NDA से 20 सीटों की मांग की.
बीजेपी ने नहीं दिया भाव! दिल्ली चुनाव में अकेले लड़ेगी जीतन राम मांझी की पार्टी HAM
HAM दिल्ली के चुनाव में स्वतंत्र रूप से लड़ेगी. पार्टी ने कहा है कि जल्द ही उम्मीदवारों की सूची की घोषणा की जाएगी. HAM के सूत्रों ने कहा कि उन्होंने कई बार बीजेपी नेतृत्व से संपर्क किया लेकिन उनकी तरफ से उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.