जोशीमठ (Joshimath), जिसे ज्योतिर्मठ के नाम से भी जाना जाता है, उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले (Chamoli, Uttarakhand) में एक शहर और नगरपालिका बोर्ड है. यह 6,150 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यह आदि शंकराचार्य (Adi Shankaracharya) द्वारा स्थापित चार प्रमुख पीठों में से एक है. यह क्षेत्र 2021 में आई बाढ़ का कारण गंभीर रूप से प्रभावित हुआ था. जोशीमठ कई हिमालय पर्वत पर ट्रेकिंग ट्रेल्स और बद्रीनाथ जैसे तीर्थ का प्रवेश द्वार है.
2011 की जनगणना के अनुसार, जोशीमठ शहर में कुल 3,898 परिवार रहते हैं. इशकी कुल जनसंख्या 16,709 है (Joshimath Population).
आदि शंकराचार्य द्वारा शुरू की गई परंपरा के अनुसार, यह मठ अथर्ववेद का प्रभारी है. ज्योतिर्मठ तीर्थ नगरी बद्रीनाथ के करीब है. यह स्थान गुरु गोबिंद घाट या फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान जाने वाले यात्रियों के लिए बेस स्टेशन रहा है. नरसिम्हा मंदिर, बद्रीनारायण के साथ-साथ देवताओं के एक पंथ के रूप में प्रतिष्ठित है (Joshimath Location).
जोशीमठ छावनी (Joshimath Cantonment) उत्तराखंड में मौजूद भारतीय सेना के महत्वपूर्ण सैन्य स्टेशनों में से एक है. यह गढ़वाल राइफल्स (Garhwal Rifles) की स्काउट बटालियन 'द गढ़वाल स्काउट्स' (The Garhwal Scouts) का स्थायी स्टेशन है. यह भारत-तिब्बत सीमा का निकटतम सैन्य स्टेशन भी है.
यहां दार्शनिक स्थलों में शंकराचार्य मठ, नरसिंह मंदिर, भविष्य केदार मंदिर, तपोवन और कल्पेश्वर शामिल है (Joshimath Tourism). जोशीमठ में मौजूद रोपवे भी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रहा है, लेकिन जनवरी 2023 में जमीन धसने और घरों में दरारा के कारण बंद कर दिया गया था (Joshimath Land Cracks).
उत्तराखंड में भारी बारिश और बाढ़ ने तबाही मचा दी है. जोशीमठ के गांव में बारिश के बाद लैंडस्लाइड का खतरा बढ़ गया है. लोग रात भर जाग रहे हैं कि कहीं भूस्खलन से जान पर आफत ना आ जाए. यहां अब तक एक दर्जन से ज्यादा मकान तबाह हो चुके हैं. देखें रिपोर्ट.
बारिश के कारण बद्रीनाथ हाइवे पर जोशीमठ और सेलंग के बीच लैंडस्लाइड हो गया है. सड़क पर चट्टानें और पेड़ गिरने से रास्ता बंद हो गया बै. बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जाने वाले तीर्थयात्री फंस गए हैं. बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन ने तुरंत मलबा हटाने का काम शुरू किया. देखें वीडियो.
Bangladesh Government Crisis: पड़ोसी देश बांग्लादेश में मची हिंसा ने भारत की चिंता को बढ़ा दी है. बांग्लादेश में हिंसा और आगजनी के बीच अब उपद्रवियों ने अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया. इस पर ज्योतिर्मठ पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भी चिंता जताई है. देखिए VIDEO
दरकते पहाड़ और टूटती चट्टानें...मॉनसून की बारिश ने बढ़ाई मुसीबत, बदरीनाथ हाईवे 3 दिन से बंद, लगा लंबा जाम.
जोशीमठ-बद्रीनाथ हाईवे 48 घंटों से बंद है. लगातार टूट रहे हैं. वहीं मलबा हटाने वाली मशीनें भी पहाड़ टूटकर गिरने से अंदर दब गई है. लैंड स्लाइडिंग से 2 लोग घायल हैं. इस दौरान पोलिंग पार्टियों ने जान पर खेलकर पैदल रास्ते को पार किया. वहीं हजारों यात्री जोशीमठ में फंसे हुए.
पहाड़ पर आफत की एक खतरनाक तस्वीर चमोली जिले से आई है. चमोली जिले के पाताल गंगा इलाके में भयानक भूस्खलन हुआ है. पातालगंगा में बद्रीनाथ नेशनल हाईवे में सुरंग के ऊपर ये भूस्खलन हुआ है. इस हादसे के बाद से जोशीमठ बद्रीनाथ हाईवे NH 7 बंद हो चुका है.
जोशीमल बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहाड़ी टूटने से जोशीमठ क्षेत्र में संचार व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई है. हजारों यात्री मार्ग के दोनों ओर फंसे हुए हैं. पहाड़ी टूटने से सड़क पर पत्थर और मिट्टी गिरने से काफी नुकसान हुआ है. पर्यटक भी बड़ी संख्या में फंसे हुए हैं. मार्ग खुलने में और अधिक समय लग सकता है.
उत्तराखंड के जोशीमठ की तरह ही हिमाचल प्रदेश के लिंडूर गांव में दरारें देखी गई हैं. इससे पहले इस गांव में पिछले साल ऐसी ही दरारें आई थीं. तब वैज्ञानिकों ने स्टडी करके कुछ सख्त कदम उठाने के सुझाव प्रशासन को दिए थे. करीब 10 महीने बाद फिर से वही दरारें वापस आई हैं...
जोशीमठ-बद्रीनाथ नेशनल हाइवे से लगे लामबगड़ की घाटी में मूसलाधार बारिश हो रही है. इससे खीरोगंगा नदी उफान पर है और नदी का जलस्तर बढ़ने से रास्ता खीरोगंगा में समा गया है. यहां पासे के गांव में कई परिवार फंसे हुए हैं. मौसम विभाग ने यहां भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पहाड़ों के लिए आफत बन रहे प्लास्टिक कचरे को जोशीमठ नगरपालिका ने आय का साधन बना लिया है. नगरपालिका प्रशासन ने चारधाम यात्रा मार्ग से इन दिनों 3 टन से अधिक प्लास्टिक कचरे को इकट्ठा किया है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले साल जोशीमठ का नाम बदलकर ज्योतिर्मठ करने की घोषणा की थी. घोषणा के अनुरूप प्रस्ताव बनाकर भारत सरकार को भेज दिया गया था. अब केंद्र ने ज्योतिर्मठ तहसील के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसी तरह नैनीताल जनपद की कोश्याकुटोली को अब परगना श्री कैंची धाम तहसील के नाम से जाना जाएगा. इसे भी भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है. उत्तराखंड सरकार की ओर से इस तहसील के नाम परिवर्तन का प्रस्ताव भी भेजा गया था.
उत्तराखंड के जंगलों में आग फिर अपना तांडव दिखाने लगी है. रविवार को जोशीमठ में सेलंग गांव के जंगल में भड़की आग बद्रीनाथ हाईवे तक पहुंच चुकी है. जिस वजह से चारों ओर धुआं फैल गया. धुआं इतना ज्यादा था कि सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था. देखिए VIDEO
बद्रीनाथ धाम में इस समय डेढ़ फीट मोटी बर्फ पड़ चुकी है. जिसकी वजह से जबरदस्त ठंड हो गई है. मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण आने वाले दिनों में हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश और बर्फबारी की संभावना है.
बर्फबारी के बाद पर्यटकों का औली पहुंचना शुरू हो गया है. मंगलवार को जमकर बर्फबारी हुई, जिससे औली की सड़कों पर करीब चार किमी नीचे तक बर्फ जम गई. पर्यटक स्कींईंग और स्नो ट्रेकिंग का जमकर आनंद उठा रहे हैं. बताया जा रहा है कि बुधवार को सड़क से बर्फ हटाने कोई नहीं आया. जिसकी वजह से पर्यटकों के वाहन यहीं पर फंस गए.
जोशीमठ विकासखंड के पगनो गांव में मकानों में दरार पड़ने का सिलसिला शुरू हो गया है. पिछले साल से गांव के ऊपर लगातार हो रहे भूस्खलन के चलते ज्यादातर घर खतरे की जद में आ गए हैं. सोमवार को एक दरार वाले मकान पर अचानक से भूस्खलन हुआ. इसके चलते मकान धीरे-धीरे धराशाही हो गया.
बद्रीनाथ धाम के सिंह द्वार पर दरारें नहीं हैं. श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने कहा कि यहां कोई नई दरार नहीं देखी गई है. न ही इस इलाके में कहीं भू-धंसाव हो रहा है. जो हल्की दरारें थीं, उनकी मरम्मत चल रही है. वर्तमान में कोई नई दरार नहीं है.
चमोली-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर दरार आ गई है. दरार की सूचना मिलते हैं जहां अफसरों के हाथ-पांव फूल गए हैं तो वहीं लोगों में दहशत है. सामने आया है कि बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुड़सारी व मैठाना के बीच मार्ग पर करीब 30 मीटर तक दरार आ गई है. मौके पर प्रशासन की टीम यहां पहुंच चुकी है
जोशीमठ के हेलंग में एक मकान गिरने की सूचना मिली है. जिसमें कुछ लोगो की दबने की सूचना जिला आपदा कंट्रोल रूम को मिली. मौके पर पहुंचने के बाद पता चला कि यहां पर 7 लोगों के दबे होने की सूचना है तीन लोगों को रेस्क्यू करने के उपरांत अन्य को निकालने काम एसडीआरएफ द्वारा किया जा रहा है.
उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन दरकने की घटनाओं के बाद मसूरी के हालात जानने के लिए एक समिति की गठबंधन किया गया था. अब इस समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इसमें उसने राज्य सरकार से कहा कि मसूरी को बचा लीजिए. यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या को कंट्रोल करना चाहिए.
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के बीच जोशीमठ में खतरा बढ़ गया है. इसको लेकर सीएम धामी ने दिल्ली में पीएम मोदी से चर्चा की है. आपदा प्रबंधन विभाग ने भी बताया कि पीड़ितों को सरकारी मदद मुहैया कराई जा रही है. वहीं हरीश रावत ने इस पर सवाल उठाए हैं.
उत्तराखंड के जोशीमठ में करीब 6 महीने पहले मकानों में दरारें आ गई थीं. जिसके बाद राज्य सरकार ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करा दिया था. अब खबर है कि बड़ी संख्या में लोग मुआवजा लेने के बावजूद फिर से उन्हीं मकानों में लौट आए हैं, जिन्हें सरकार ने खतरनाक घोषित किया था. देखें ये ग्राउंड रिपोर्ट.