20.5 किलोमीटर लंबा और 4 लेन वाला जेपी गंगा पथ (JP Ganga Path) को "पटना का मरीन ड्राइव" भी कहा जाता है. यह न केवल यातायात को सुगम बनाता है, बल्कि शहर के सौंदर्य और पर्यटन को भी बढ़ा रहा है. पटना शहर के पश्चिमी भाग (दीघा) से पूर्वी भाग (दीदारगंज) तक गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर फैला यह एक्सप्रेसवे का नाम भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक क्रांति के अग्रदूत लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी के नाम पर रखा गया है, जो बिहार की धरती के गर्व हैं.
जेपी गंगा पथ 4 लेन का हाईवे है जहां सुंदर स्ट्रीट लाइटिंग और सोलर लाइटिंग की व्यवस्था की गई है. इस परपैदल यात्रियों और साइकिल चालकों के लिए अलग ट्रैक बनाई गई है.
9 अप्रैल को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के कंगन घाट से दीदारगंज तक बने इस गंगा पथ का लोकार्पण किया था. इस मौके पर मंच पर बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव और कई वरिष्ठ अधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद थे.
पटना के जेपी गंगा पथ को 3831 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया था. तीन दिन पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका उद्घाटन किया था. यह दरारें दीदारगंज के पास पुल के पिलर नंबर A-3 के पास नजर आ रही हैं. यह दरारें ब्रिज की दोनों लेन में नजर आ रही है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 10 अप्रैल को जेपी गंगा पथ के 20.5 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया था, जो दीघा से दीदारगंज तक बना है. इसके तीन दिन बाद ही दीदारगंज के पास सड़क में दरार की सूचना मिली थी जिसके बाद इंजीनियर उसे ठीक करने पहुंचे थे. इसी दौरान दरार की रिपोर्टिंग करने पर इंजीनियर भड़क गए उनकी आज तक के रिपोर्टर से कहासुनी हो गई.