जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) यूपी की राजधानी लखनऊ में एक निर्माणाधीन प्रोजेक्ट है. जेपीएनआईसी का काम वर्ष 2013 में शुरू हुआ था. इसे दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर के तर्ज पर बनाना था. लेकिन इसका निर्माण बंद है.
दरअसल जयप्रकाश नारायण जयंती 11 अक्टूबर 2016 को मुख्यमंत्री रहते हुए अखिलेश यादव ने इसके स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया था. खबरों की माने तो इस 80 प्रतिशत तक बने इस प्रजेक्ट में 2017 तक 860 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.
इसके परिसर में टेनिस कोर्ट, बैडमिंटन कोर्ट, स्वीमिंग पूल, गेस्ट हाउस, म्यूजियम और पार्किंग है. साथ ही, जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा भी लगी है.
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव गुरुवार रात जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) पहुंचे. उन्होंने योगी आदित्यनाथ सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने प्रवेश रोकने के लिए इसके मुख्य द्वार को टिन की चादरों से ढक दिया है. 11 अक्टूबर को जयप्रकाश नारायण की जयंती है.
समाजवादी पार्टी (सपा) ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने यहां गोमती नगर में जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआईसी) के द्वार कथित तौर पर टिन की चादरों से ढक दिए, ताकि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को वहां आने से रोका जा सके.
लोहिया जयंती पर अखिलेश यादव ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि जेपी की प्रतिमा पर माला पहनने से रोकना गलत था. उन्होंने इसे सरकार की विफलता बताया और जातिवादी राजनीति के खिलाफ आवाज उठाई. उन्होंने बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा कि ये विनाशकारी लोग हैं.
लखनऊ के गोमती नगर में जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) को लेकर फिर बवाल खड़ा हो गया है. 11 अक्टूबर को जयप्रकाश नारायण की जयंती पर अखिलेश यादव JPINC जाकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करना चाहते थे, लेकिन उन्हें रोक दिया गया. ऐसे में समझते हैं कि ये पूरा मामला क्या है?