न्यायमूर्ति बीआर गवई (Justice BR Gavai) के नाम को भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप प्रस्तावित किया गया है. सर्वोच्च न्यायालय ने भी यह सिफारिश विधि मंत्रालय को भेज दी है. वे भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश होंगे.
यह प्रस्ताव वर्तमान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना द्वारा किया गया है, जो 13 मई को सेवानिवृत्त होने वाले हैं. परंपरा के अनुसार, पदस्थ मुख्य न्यायाधीश अपने उत्तराधिकारी के रूप में सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश के नाम की सिफारिश करते हैं.
भूषण रामकृष्ण गवई बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रह चुके हैं और वर्तमान में महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, नागपुर के कुलपति के रूप में कार्यरत हैं. इसके अलावा, वे राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के पदेन कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं.
गवई का जन्म 24 नवंबर 1960 को अमरावती में हुआ था. उनके पिता आरएस गवई रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (गवई गुट) के नेता, पूर्व सांसद और राज्यपाल रह चुके हैं. उनके भाई राजेन्द्र गवई भी एक राजनेता हैं. उनका परिवार डॉ. भीमराव अंबेडकर से प्रेरित है और बौद्ध धर्म का पालन करता है.
गवई ने 16 मार्च 1985 को वकालत शुरू की. उन्होंने बार राजा एस भोंसले (पूर्व महाधिवक्ता और हाईकोर्ट के न्यायाधीश) के साथ कार्य किया. 1987 से 1990 तक वे बॉम्बे हाईकोर्ट में स्वतंत्र वकालत करते रहे. 1990 के बाद वे मुख्य रूप से बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ में वकालत करने लगे. उन्होंने संवैधानिक कानून और प्रशासनिक कानून के क्षेत्र में भी काम किया.
वे नागपुर नगर निगम, अमरावती नगर निगम और अमरावती विश्वविद्यालय के स्थायी अधिवक्ता रहे. उन्होंने SICOM, DCVL जैसे विभिन्न स्वायत्त निकायों और निगमों तथा विदर्भ क्षेत्र की कई नगरपालिका परिषदों की ओर से नियमित रूप से पैरवी की.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस बीआर गवई को अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया है, जो 14 मई से कार्यभार संभालेंगे. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस नियुक्ति की अधिकारिक घोषणा की है.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी.आर. गवई को देश के अगले मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश मौजूदा CJI संजीव खन्ना ने की है. उनका कार्यकाल 13 मई को खत्म हो रहा है.