अभिनेता कबीर बेदी (Kabir Bedi) का करियर तीन महाद्वीपों में फैला है, जिसमें भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका और विशेष रूप से इटली शामिल है. वे अन्य पश्चिमी देशों में फिल्म, टेलीविजन और थिएटर से जुड़े हुए हैं. उन्हें फिल्म 'ताज महल: एन इटरनल लव स्टोरी' में सम्राट शाहजहां की भूमिका और 1980 के दशक की ब्लॉकबस्टर 'खून भरी मांग' में खलनायक संजय वर्मा की भूमिका के लिए जाना जाता है.
वे इटली और यूरोप में लोकप्रिय इतालवी टीवी मिनीसीरीज में समुद्री डाकू सैंडोकन की भूमिका निभाने और 1983 की जेम्स बॉन्ड फ़िल्म 'ऑक्टोपसी' में खलनायक गोबिंदा की भूमिका के लिए फेमस हैं. वे मुंबई में रहते हैं.
कबीर बेदी का जन्म 16 जनवरी 1946 को ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत (अब पंजाब, पाकिस्तान) के लाहौर में हुआ था. उनके पिता, बाबा प्यारे लाल सिंह बेदी, एक पंजाबी सिख लेखक, दार्शनिक थे. उनकी मां, फ्रेडा बेदी, डर्बी, इंग्लैंड में जन्मी एक अंग्रेज महिला थीं, जो तिब्बती बौद्ध धर्म में दीक्षा लेने वाली पहली पश्चिमी महिला के रूप में प्रसिद्ध हुईं.
कबीर बेदी ने शेरवुड कॉलेज, नैनीताल, उत्तराखंड और सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली में शिक्षा प्राप्त की.
बेदी ने चार बार शादी की और उनके तीन बच्चे हैं, पूजा, सिद्धार्थ और एडम. सिद्धार्थ का निधन हो चुका है.
एक्टर कबीर बेदी को आज भी बेटे को आत्महत्या करने से न रोक पाने का दुख है. उन्होंने कहा 'मैंने कोशिश की पर मैं ये रोक नहीं सका, इसके लिए मैं खुद को दोषी मानता हूं. यह मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी ट्रेजडी है.
कबीर बेदी बॉलीवुड से लेकर विदेश तक के हैंडसम हंक रहे हैं. एक जमाने में उनके लुक्स पर फैंस फिदा थे. हालांकि अपने करीरी में शोहरत पाने के साथ-साथ जिंदगी में स्ट्रगल भी उन्होंने किया है.
बॉलीवुड में अभी तक हमने गब्बर सिंह से लेकर मोगैम्बो तक कई सारे खूंखार विलन देखे हैं जो ऑन स्क्रीन बहुत दमदार लगते हैं. लेकिन उनमें से कुछ की रियल लाइफ स्टोरी के बारे में हमें बहुत कम ही मालूम है. आज हम कोशिश करेंगे कि आपको उन विलन की रियल लाइफ स्टोरी बताएं.