कैलाश गहलोत
कैलाश गहलोत (Kailash Gahlot) नवंबर 2024 को आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने 18 नवंबर 2024 को खट्टर, दुष्यंत गौतम और हर्ष मल्होत्रा की मौजूदगी में बीजेपी (BJP) की सदस्यता ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 (Delhi Assembly Election 2025) के लिए बीजेपी ने उन्हें दिल्ली के बिजवासन सीट से उम्मीदवार चुना.
नजफगढ़ से विधायक गहलोत ने तत्काल प्रभाव से मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया था. वह गृह, प्रशासनिक सुधार, आईटी और महिला एवं बाल विकास विभागों के प्रभारी थे. यह घटनाक्रम दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले हुआ है.
कैलाश गहलोत का जन्म 22 जुलाई 1974 को नई दिल्ली में एक जाट परिवार में हुआ था (Kailash Gahlot Date of Birth). इनके पिता राम चंद्र गहलोत थें (Kailash Gahlot Father). उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ आर्ट्स, बैचलर ऑफ लॉ, मास्टर ऑफ लॉ की डिग्री प्राप्त की है (Kailash Gahlot Education).
गहलोत ने मौसमी मिश्रा गहलोत से शादी की (Kailash Gahlot Wife) है और इनके दो बेटियां हैं (Kailash Gahlot Daughter).
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता ने बंपर जीत दर्ज की. BJP ने बहुमत हासिल किया है. कुछ महीनों पहले AAP का दामन छोड़ BJP में शामिल हुए कैलाश गहलोत ने बिजवासन सीट से चुनाव जीता है. जीत के बाद गहलोत ने आम आदमी पार्टी को लेकर क्या कुछ कहा? देखेें.
Bijwasan Vidhan Sabha Chunav Results Updates: दिल्ली में अब बीजेपी की 27 साल बाद सत्ता में वापसी हुई है. इस चुनाव में बिजवासन सीट को लेकर भी सबसे ज्यादा गहमागहमी देखने को मिली थी. दरअसल, इस सीट पर मुकाबला बड़ा ही रोचक माना जा रहा था. बीजेपी उम्मीदवार कैलाश गहलोत पर सभी की नजर थी जो कि जीत गए हैं.
बीजेपी ने कैलाश गहलोत को बिजवासन विधानसभा सीट से टिकट दिया है, वहीं, राजकुमार आनंद को पटेल नगर तो अरविंदर सिंह लवली को गांधीनगर सीट से बीजेपी ने टिकट दिया है. कैलाश गहलोत और राजकुमार आनंद आम आदमी पार्टी से तो अरविंदर सिंह लवली कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में शामिल हुए थे.
बीजेपी का अगला टार्गेट दिल्ली विधानसभा के चुनाव हैं. महाराष्ट्र और हरियाणा में मिली कामयाबी से बीजेपी नेताओं का जोश हाई है, लेकिन झारखंड की हार से मन में एक टीस तो होगी ही - बड़ सवाल है, क्या बीजेपी का हालिया प्रदर्शन अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भी जारी रह सकेगा?
झारखंड में चंपाई सोरेन के कंधे पर रखकर चलाई गई बीजेपी की बंदूक मिसफायर हो गई है. ऐसा कोई पहली बार नहीं हुआ है. बिहार से लेकर बंगाल तक नतीजे एक जैसे देखने को मिले हैं. आगे देखना है कैलाश गहलोत दिल्ली में कोई करिश्मा दिखा पाते हैं क्या?
पिछले हफ्ते तक कैलाश गहलोत अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री थे. उन्होंने न केवल मंत्री पद से इस्तीफा दिया, बल्कि आप पार्टी भी छोड़ दी. इसके अगले ही दिन बीजेपी ने उन्हें बड़े धूमधाम से पार्टी में शामिल कर लिया. कैलाश गहलोत ने हाल ही में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी के एक बड़े विरोध प्रदर्शन में भी हिस्सा लिया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे अब पूरी तरह से बीजेपी के साथ हैं.
दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं. बीजेपी ने चुनावी तैयारियों को तेज़ कर दिया है. पांच दिन पहले आम आदमी पार्टी छोड़कर आए कैलाश गहलोत को चुनाव के लिए बीजेपी ने बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपी है.
कैलाश गहलोत ने 17 नवंबर को आम आदमी पार्टी छोड़ दी थी और अगले दिन 18 नवंबर को बीजेपी जॉइन कर ली थी. कैलाश गहलोत का कहना था कि आम आदमी पार्टी छोड़ना आसान नहीं था. यह फैसला मैंने एक रात में नहीं लिया.
अरविंद केजरीवाल डंका पीट रहे हैं कि दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों पर वो खुद चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसा इसलिए है कि आम आदमी पार्टी के चुनाव अभियान में कई कमजोर कड़ियां हैं. केजरीवाल भी इन चुनौतियों के बारे में खूब समझते होंगे.
दिल्ली में विधानसभा चुनाव करीब हैं और चुनावी मौसम में दलबदल एक्सप्रेस ने भी रफ्तार पकड़ ली है. पिछले 10 दिनों में ही पांच बड़े नेता अपनी पुरानी पार्टी से नाता तोड़कर नई पार्टी में एंट्री ले ली है.
दिल्ली में विधानसभा चुनाव करीब हैं और चुनावी मौसम में दलबदल एक्सप्रेस ने भी रफ्तार पकड़ ली है. पिछले 10 दिनों में ही पांच बड़े नेता अपनी पुरानी पार्टी से नाता तोड़कर नई पार्टी में एंट्री ले ली है.
दिल्ली सरकार में कैलाश गहलोत के इस्तीफे से रिक्त हुए मंत्री पद के लिए आम आदमी पार्टी ने रघुविंदर शौकीन के नाम का ऐलान कर दिया है. रघुविंदर पर दांव के पीछे जाट वोटों का गणित क्या है?
दिल्ली में चुनाव से पहले नेताओं का दल बदलने का सिलसिला जारी है. जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है एक पार्टी के नेता दूसरी पार्टी का दामन थाम रहे हैं. आम आदमी पार्टी छोड चुके कैलाश गहलोत थोडी देर पहले बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. तो आज ही कांग्रेस को छोड़ कर सुमेश शौकीन आप में शामिल हो गए. वहीं बीजेपी से दो बार विधायक रह चुके अनिल झा ने भी केजरीवाल की पार्टी का दामन थाम लिया.
कैलाश गहलोत ने बीजेपी नेता मनोहर लाल खट्टर, दुष्यंत गौतम और हर्ष मल्होत्रा की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ली. गहलोत ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर कहा था कि वह पार्टी छोड़ रहे हैं.
कल ही दिल्ली सरकार में मंत्री रहे कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दिया था. आज उन्होंने फिर AAP को बड़ा झटका दे दिया है. वे आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं. केजरीवाल का कहना है कि उनकी मर्जी वे कहीं भी जे सकते हैं. देखें लंच ब्रेक.
कैलाश गहलोत ने हाल में आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी में प्रवेश किया है. उन्होंने बीजेपी नेतृत्व के सामने औपचारिक रूप से सदस्यता ली. कैलाश गहलोत ने कहा कि आम आदमी पार्टी छोड़ना उनके लिए आसान नहीं था, परंतु यह निर्णय किसी दबाव के तहत नहीं लिया गया. उन्होंने स्पष्ट किया कि राजनीतिक जीवन में किसी दबाव में कार्य नहीं किया है.
कैलाश गहलोत सोमवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. एक दिन पहले ही उन्होंने आम आदमी पार्टी का दामन छोड़ा था. आज उन्होंने बताया कि यह निर्णय उन्होंने किसी दबाव में नहीं लिया. वे अन्ना हजारे के दिनों से पार्टी से जुड़े थे और दिल्लीवासियों के लिए काम करते आए. उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने अपनी पेशेवर जिंदगी, वकालत, छोड़कर राजनीतिक मार्ग चुना.
कैलाश गहलोत के बीजेपी जॉइन करने के सवाल पर अब आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का भी बयान आया है. अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उनकी मर्जी है, वे जहां भी जाएं.
दिल्ली चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. आतिशी सरकार में मंत्री रहे कैलाश गहलोत ने मंत्री पद के साथ ही आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. कैलाश गहलोत ही नहीं, ये नेता भी पिछले कुछ महीनों में आम आदमी पार्टी छोड़ चुके हैं.
अरविंद केजरीवाल अब दिल्ली की राजनीति में उस स्थिति को प्राप्त कर चुके हैं जहां वो पार्टी में वन मैन शो की तरह काम करते हैं. किसी के भी पार्टी में आने और जाने से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. क्या कैलाश गहलोत के साथ भी ऐसा ही है?
दिल्ली में विधानसभा चुनाव से सरकार में मंत्री और वरिष्ठ नेता कैलाश गहलोत का जाना पार्टी के लिए काफी अहम माना जा रहा है. कैलाश गहलोत का पार्टी से जाना ऐसे समय में हुआ है जब पार्टी ने भ्रष्टाचार के कथित मामले में जेल से बाहर आए अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया सहित अपने वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ फिर से संगठित होना शुरू ही किया था.